माइक्रोबायोलोजी से सम्बन्धित पद केंद्र सरकार और राज्य सरकार के कृषि, पर्यावरण, स्वास्थ्य, रसायन, खाद्य प्रसंस्करण, वस्त्र, औद्योगिक, आदि मंत्रालयों एवं सम्बद्ध विभागों, शोध संस्थानों, विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, राजकीय तकनीकी संस्थानों, सरकारी स्वास्थ्य कार्यक्रमों (जैसे- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, आदि), कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, आदि में होता है. माइक्रोबायोलोजी क्षेत्र से सम्बन्धित कई पद सरकारी नौकरियों में होते हैं, जैसे – सेल बायोलॉजिस्ट, पर्यावरण सूक्ष्मजीव विज्ञानी, बैक्टीरियोलॉजी, इंडस्ट्रियल माइक्रोबायोलॉजिस्ट, मेडिकल माइक्रोबायोलॉजिस्ट, माइक्रोलॉजिस्ट, प्रोटोजूलोजिस्ट, बायोकेमिस्ट, बायोमेडिकल साइंटिस्ट, फूड माइक्रोबायोलॉजिस्ट, प्रतिरक्षा विज्ञानी, वाइरोलोजिस्ट, लैबोरिटी टेक्नीशियन, रिसर्च असिस्टेंट एवं रिसर्चर, आदि.
माइक्रोबायोलोजिस्ट का पद संबंधित विभाग की रिक्ति के अनुसार द्वितीय या तृतीय श्रेणी के कर्मचारी के रूप में निर्धारित होता है. माइक्रोबायोलोजिस्ट का कार्य होता है कि वह सम्बन्धित स्पेशियलाजेशन या क्षेत्र के अनुरूप अच्छे व हानिकारक बैक्टिीरिया, वायरस, प्रोटोजोआ, आदि के विभिन्न नमूनों की जांच कर मानव जीवन सहित अन्य प्राणियों पर सूक्ष्म जीवों के पडने वाले प्रभाव का पता लगाये. माइक्रोबायोलोजिस्ट की रिपोर्ट के आधार पर ही चिकित्सा के क्षेत्र में रोगियों की सही बिमारी की पता लगाया जाता है. माइक्रोबायोलोजिस्ट जीन्स थेरेपी विकसित कर अनुवांशिक विकारों को खोजकर उनका समाधान करने के लिए भी प्रयास करते हैं.
माइक्रोबायोलोजिस्ट के लिए कितनी होनी चाहिए योग्यता?
माइक्रोबायोलोजिस्ट बनने के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार को किसी भी विषय में किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से माइक्रोबायोलोजी या सम्बद्ध क्षेत्रों में पोस्ट-ग्रेजुएट डिग्री (एमएससी, एमटेक) उत्तीर्ण होना चाहिए होना चाहिए. माइक्रोबायोलोजी में साइंटिस्ट के पदों के लिए पीएचडी मांगी जाती है. इसके साथ ही, उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त संस्थान में संबंधित कार्य में कार्य का अनुभव होना चाहिए.
माइक्रोबायोलोजिस्ट के लिए कितनी है आयु सीमा?
एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में जूनियर पदों पर सरकारी नौकरियों के लिए उम्मीदवार की आयु 21 वर्ष से 37 वर्ष के बीच होनी चाहिए जबकि सीनियर पदों के लिए अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष तक होती है. आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को अधिकतम आयु सीमा सरकार के नियमानुसार छूट दी जाती है.
माइक्रोबायोलोजिस्ट के लिए चयन प्रक्रिया
माइक्रोबायोलोजिस्ट के पद पर उम्मीदवारों का चयन आमतौर पर शैक्षणिक रिकॉर्ड, लिखित परीक्षा और पर्सनल इंटरव्यू के आधार पर किया जाता है. यदि संविदा के आधार पर नियुक्ति की जाती है तो उम्मीदवारों की शॉर्टलिस्टिंग शैक्षणिक रिकॉर्ड और पर्सनल इंटरव्यू के आधार पर ही किया जा सकता है.
कितनी मिलती है माइक्रोबायोलोजिस्ट को सैलरी?
माइक्रोबायोलोजिस्ट के पद पर रैंक या पे-बैंड के आधार पर सैलरी दी जाती है जो अलग-अलग संगठन के लिए अलग-अलग होती है. माइक्रोबायोलोजिस्ट के पद पर संविदा के आधार पर रु. 30000-40000/- प्रतिमाह सैलरी दी जाती है. नियमित आधार पर नियुक्ति होने पर निर्धारित वेतनमान के अतिरिक्त गृह किराया भत्ता (एच.आर.ए.), परिवहन भत्ता, आदि देय होता है. वहीं, राज्य सरकारों के विभागों एवं संस्थानों में वेतनमान संबंधित राज्य के समकक्ष स्तर पर निर्धारित वेतनमान के अनुसार दिया जाता है जो कि राज्य के अनुसार अलग-अलग होता है.
माइक्रोबायोलोजिस्ट को कहां मिलेगी सरकारी नौकरी?
माइक्रोबायोलोजिस्ट का पद केंद्र सरकार और राज्य सरकार के कृषि, पर्यावरण, स्वास्थ्य, रसायन, खाद्य प्रसंस्करण, वस्त्र, औद्योगिक, आदि मंत्रालयों एवं सम्बद्ध विभागों, शोध संस्थानों, विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, राजकीय तकनीकी संस्थानों, सरकारी स्वास्थ्य कार्यक्रमों (जैसे- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, आदि), कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, आदि में होने के कारण इस पद के लिए रिक्तियां समय-समय पर इन्हीं संस्थानों में समय-समय पर निकलती रहती हैं. इन सभी रिक्तियों के बारे में भारत सरकार के प्रकाशन विभाग से प्रकाशित होने वाले रोजगार समाचार, दैनिक समाचार पत्रों एवं सरकारी नौकरी की जानकारी देने वाले पोर्टल्स या मोबाइल अप्लीकेशन के माध्यम से अपडेट रहा जा सकता है.
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