आजकल छोटी सी छोटी बीमारी को सही तरह से डाइग्नोस करने के लिए डॉक्टर्स कई तरह के टेस्ट लिखते हैं ताकि रोग की सही जानकारी प्राप्त की जा सके तथा उसका समुचित निदान भी किया जा सके. ऐसी परिस्थिति में इलाज और दवा दोनों के लिए मेडिकल लैब टेक्निशियन की भूमिका अहम हो जाती है. इस क्षेत्र के प्रशिक्षित टेक्निशियन को मेडिकल लाइन में मेडिकल लेबोरेट्री टेक्नॉलजिस्ट (एमएलटी) कहा जाता है.
मेडिकल लैब टेक्निशियंस, डॉक्टरों के निर्देश के अनुसार कार्य करते हैं. उपकरणों के रख-रखाव और कई तरह के काम इनके जिम्मे होता है. लेबोरेट्री में नमूनों की जांच और विश्लेषण में काम आने वाला सभी घोल भी लैब टेक्निशियन ही बनाते हैं. इन्हें मेडिकल साइंस के अतिरिक्त लैब सुरक्षा नियमों और जरूरतों के साथ साथ अन्य बातों का भी पूरा नॉलेज होना चाहिए. ध्यान रखिये लैब टेक्निशियन नमूनों की जांच का काम तो करते हैं, लेकिन वे इसके परिणामों का विश्लेषण नहीं कर सकते क्योंकि इसका प्रशिक्षण उन्हें नहीं दिया जाता है. नमूनों के परिणामों का विश्लेषण पैथोलॉजिस्ट या लैब टेक्नॉलजिस्ट ही कर सकते हैं.
दरअसल मेडिकल के क्षेत्र में लैब टेक्निशियन किसी बीमारी की रोकथाम के लिए फिजिशियन की मदद करते हैं. लैब टेक्निशियन की ओर से किया गया टेस्ट बीमारी को पहचानने से लेकर उसके इलाज तक में सहायता पहुंचाती है. मेडिकल लेबोरेट्री टेक्नोलॉजिस्ट (MLT) बॉडी फ्लूड्स, टीसू, बल्ड टाइपिंग, माइक्रोऑर्गेनिज्म स्क्रिनिंग, केमिकल एनालिसिस, ह्यूमन बॉडी का सेल काउंट टेस्ट करते हैं और उसका विश्लेषण करते हैं. ये सैंपलिंग, टेस्टिंग, रिपोर्टिंग और डॉक्यूमेंटेशन करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं. मेडिकल लेबोरेट्री वर्कर्स दो तरह के होते हैं- टेक्निशियन और टेक्नोलॉजिस्ट्स.
लैब टेक्निशियन मुख्य रूप से माइक्रोबायोलॉजी,हेमाटोलॉजी,ब्लड बैंकिंग,इम्यूनोलॉजी,क्लिनिकिल केमिस्ट्री,मोलीक्यूलर बायोलॉजी तथा साइटोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कार्य करते हैं.
आवश्यक शैक्षणिक योग्यता :
मेडिकल लैब टेक्नॉलजिस्ट बनने के लिए 12वीं पास होना जरूरी है. इस कोर्स की सम्पूर्ण अवधि है एक साल. 12वीं में प्रमुख विषय के रूप में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी (पीसीबी) या फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स (पीसीएम) होना जरुरी है.
इस कोर्स को कराने वाले संस्थान
यह प्रोग्राम कम्युनिटी कॉलेज, टेक्निक्ल स्कूल, वोकेशनल स्कूल या विश्वविद्यालय द्वारा भी कराया जाता है. अब इस कोर्स को स्किल डिवेलप्मेंट के साथ भी जोड़ दिया गया है.इस कोर्स को कराने वाले मुख्य संस्थान हैं –कालीकट यूनिवर्सिटी,एमिटी यूनिवर्सिटी,मणिपाल यूनिवर्सिटी,जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी.
प्रमुख कोर्स
मेडिकल लैब टेक्नॉलजिस्ट में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, डिग्री एवं मास्टर्स के दौरान बेसिक फिजियॉलजी, बेसिक बायोकेमिस्ट्री एंड ब्लड बैंकिंग, एनाटमी एंड फिजियॉलजी, माइक्रोबॉयोलजी, पैथॉलजी, एनवारमेंट एंड बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट, मेडिकल लेबोरेट्री टेक्नॉलजी और अस्पताल प्रशिक्षण आदि का अध्ययन कराया जाता है.
कोर्स करने के पश्चात मिलने वाले प्रमुख जॉब
इस कोर्स को पूरा कर लेने के बाद लैब टेक्निशियन,लेबोरेट्री मैनेजर,कंसल्टेंट,सुपरवाइजर
हेल्थ एंड सेफ्टी ऑफिसर की जॉब बड़ी आसानी से मिल सकती है. मेडिकल लेबोरेट्री टेक्निशियनों को काम में निपुणता और जरूरत के अनुसार प्रशिक्षण की जरूरत पड़ती है. छात्र इस तरह के प्रशिक्षण लेबोरेट्री कार्यों के दौरान ही प्राप्त कर सकते हैं. अधिकांश प्रांतों में मेडिकल लेबोरेट्री टेक्निशियन के लिए किसी तरह के प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं होती, लेकिन कुछ राज्यों में इन टेक्निशियन के पास काम करने के लिए प्रमाण पत्र होना अति आवश्यक है. प्रमाण पत्र वाले टेक्निशियन के लिए इस क्षेत्र में बेहतर संभावनाएं होती हैं. आप किसी भी मेडिकल लेबोरेट्री, हॉस्पिटल, पैथॉलजिस्ट के साथ काम कर सकते हैं. ब्लड बैंक में इनकी बहुत अच्छी खासी डिमांड होती है.
संभावित सैलरी
आम तौर पर एक मेडिकल लैब टेक्निशियन की सैलरी 10 हजार रूपये प्रति माह से शुरू होता है, जबकि पैथोलॉजिस्ट को 30 हजार से 40 हजार तक सैलरी प्रारंभिक दौर में मिल जाती है. यह राशि अनुभव के साथ ही बढ़ती जाती है.
अतः यदि आप मेडिकल फील्ड में रूचि रखते हैं और रिसर्च की संभावनाओं की तहकीकात करने में मजा आता है तो तो आप मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी कोर्स कर लैब टेक्निशियन बन अपना करियर सवांर सकते हैं.
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