भारत से एमबीए करना सही रहेगा या विदेश में एमबीए करना, इस प्रश्न को लेकर अक्सर छात्र दुविधा की स्थिति में रहते हैं. वस्तुतः भारत से एमबीए करने के कई फायदे हैं, भारत में बिजनेस का माहौल तथा किस तरह भारत में बिजनेस को चलाया जाता है आदि के विषय में विस्तृत जानकारी प्राप्त होता हैं. वहीं विदेश से एमबीए करने पर वैश्विक परिवेश में बिजनेस के प्रारूप तथा क्रॉस कल्चर की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त होती है और इससे वे वैश्विक अर्थव्यवस्था की चुनौतियों का सामना करने के लिए मानसिक रूप से तैयार होते हैं. एमबीए उम्मीदवारों को इस विषय की अच्छी समझ के लिए कि उनके लिए किस जगह से एमबीए करना ज्यादा उपयुक्त रहेगा ? आईआईएम कलकत्ता के प्रोफेसर राजीव कुमार ने जागरणजोश के साथ अपने विचार शेयर किया है और साथ ही इन दोनों जगहों से एमबीए करने के क्या फायदे हैं ? इस विषय पर भी प्रकाश डाला है. वे इनके लिए मार्केट में उपलब्ध विभिन्न अवसरों के विषय में भी जानकारी इस वीडियो के माध्यम से दे रहे हैं.
भारत में एमबीए करने के फायदे
जो छात्र भारत में एमबीए करने की योजना बना रहे हैं, वे भारतीय बिजनेस के संदर्भ में जो कुछ भी पढ़ाया जा रहा है, उसकी अधिक समझ विकसित कर सकेंगे. इसके अलावा, इंडस्ट्री विजिट तथा क्लास रूम स्टडी के जरिये उस समय की व्यावसायिक परिदृश्यों के बारे में सही और सम्पूर्ण जानकारी हासिल करते हैं. इससे छात्र भारत के व्यापारिक वातावरण तथा उस समय घटित हो रही व्यावसायिक गतिविधियों के विषय में ग्राउंड लेवल का डिस्कशन करने में सक्षम होते हैं.
इसके अलावा, अधिकांश भारतीय बी-स्कूलों में 30 से 35 फीसदी छात्र ऐसे हैं जो बिना किसी कार्य अनुभव के एमबीए प्रोग्राम में शामिल होते हैं. फ्रेशर होने के नाते, ये छात्र क्लास रूम में चर्चा की जा रही समस्याओं और मामलों के सन्दर्भ में अपनी यूनिक आइडियाज प्रस्तुत करते हैं.वर्क एक्सपीरियेंस के आभाव में छात्रों द्वारा शेयर किए गए कॉन्सेप्ट अक्सर आउट-ऑफ-द-बॉक्स होते हैं और वे सामान्य समस्याओं के लिए भी कुछ लीक से हटकर समाधान बताने की कोशिश करते हैं.
विदेश में एमबीए करने के फायदे
विदेश में एमबीए करते समय छात्रों को वैश्विक व्यापार की समझ के साथ साथ क्रॉस-कल्चरल एक्सपोजर का मौका मिलता है, जिसकी शिक्षा भारत के कुछ गिने चुने बी-स्कूल्स में ही दी जाती है. विदेश से एमबीए करने वाले छात्रों को भिन्न-भिन्न देशों से आने वाले अलग अलग पृष्ठभूमि और अनुभव वाले छात्रों के दृष्टिकोण को जानने तथा समझने का मौका मिलता है. इसलिए विदेश से एमबीए करने वाले भारतीय छात्रों को नए विश्वव्यापी बिजनेस के नए दृष्टिकोण से अवगत कराया जाता है तथा उन्हें विभिन्न शैक्षणिक और सामाजिक-सांस्कृतिक पृष्ठभूमि वाले लोगों की समस्याओं को नजदीक से समझने और उसका समाधान निकालने का मौका मिलता है.
इसके अतिरिक्त विदेश से एमबीए करने वाले छात्रों को ऑर्गेनाईजेशनल विहैवियर तथा एचआर की कुछ एक्स्ट्रा क्लासेज कराके इसकी व्यापक जानकारी तथा अनुभव प्रदान किया जाता है.इससे आगे चलकर काम करते वक्त इन सभी चीजों के बारे में छात्र सही जानकारी रखते हैं तथा जरुरत पड़ने पर इससे जुड़ी चीजों को डील कर पाते हैं. जब छात्र बिजनेस वर्ल्ड में बाहर निकलते हैं तो अपने क्लासरूम में प्राप्त किये गए अनुभवों का इस्तेमाल करते हैं तथा इससे उन्हें पढ़ाई के जस्ट बाद नौकरी में एडजस्ट करने में मदद मिलती है. इसलिए, क्रॉस-कल्चरल एक्सपोज़र, विशेष रूप से आज की वैश्विक दुनिया में एक बिजनेस मैनेजर की सफलता में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और यही वह सुविधा है जो छात्रों को विदेश से एमबीए करने पर मिलती है.
एक्सपर्ट के बारे में :
प्रोफेसर राजीव कुमार आईआईएम कलकत्ता के ऑर्गेनाईजेशनल विहैवियर ग्रुप में फैकल्टी हैं.उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, अहमदाबाद (पीएचडी के समकक्ष) से फेलोशिप भी प्राप्त की है.आईआईएम कलकत्ता में एक फैकल्टी के रूप में वे विभिन्न अनिवार्य और साथ ही वैकल्पिक विषय जैसे बिजनेस रिसर्च मेथड्स,ह्यूमन विहैवियर एट वर्क,डिजाइनिंग इफेक्टिव ऑर्गेनाइजेशंस तथा इंटरपर्सनल स्किल्स एंड लीडरशिप आदि विषय पढ़ाते हैं. टीचिंग फील्ड में आने से पूर्व उन्होंने हेविट एसोसियेट्स के लिए एच आर कंसल्टेंट का कार्य किया. आईआईएम कलकत्ता में आने से पहले उन्होंने राजस्थान और गुजरात में सोसाइटी फॉर द प्रोमोशन ऑफ वेस्टलैंड डेवेलपमेंट नामक एक एनजीओ में 3 वर्ष से ज्यादा समय तक काम किया.