श्री आनंद कुमार ने कैसे निजी स्वार्थों को त्याग कर Super 30 के सपने को जिन्दा रखा

इस लेख में विद्यार्थी जानेंगे कि श्री आनंद कुमार ने कैसे निजी स्वार्थों की परवाह किये बिना Super 30 के सपने को जिन्दा रखा और अंततः Super 30 की सफलता की नीवं रखी.

How Mr. Anand Kumar sacrificed his personal gains for Super 30
How Mr. Anand Kumar sacrificed his personal gains for Super 30

इस दुनिया में Super 30 की सफलता से कोई भी व्यक्ति अपरिचित नहीं है. सभी विद्यार्थियों का सपना होता है कि उनका IIT JEE की तैयारी के लिए Super 30 इंस्टिट्यूट में दाखिला हो जिससे उन्हें श्री आनंद कुमार (बिहार के गणितज्ञ) से पढ़ने का मौका मिल सके.

सभी विद्यार्थी Super 30 में दाखिला लेना चाहते हैं जिसके लिए प्रतिवर्ष राष्ट्रीय स्तर पर प्रवेश परीक्षा ली जाती हैं. इस परीक्षा में टॉप करने वाले विद्यार्थियों को IIT JEE की तैयारी करने के लिए Super 30 में पढ़ने का मौका मिलता है.

हम सभी ने Super 30 की सफलता के बारे में तो जान लिया, किंतु इसकी शुरआत करने में श्री आनंद कुमार को किन-किन परेशानियों का सामना करना पड़ा इसके बारे में कभी नहीं सोचा. कहते हैं ना कि जब आप किसी सपने के बारे में सोचते हैं तो पूरी दुनिया आपके खिलाफ़ हो जाती है. ऐसा ही कुछ श्री आनंद कुमार के साथ हुआ.

जब उन्होंने अपने भाई के साथ मिल कर गरीब विद्यार्थियों को मुफ्त पढ़ाने के लिए कोचिंग इंस्टिट्यूट खोला, तो सभी कोचिंग इंस्टिट्यूट उनके विरुद्ध हो गए और उनके इस नेक काम को रोकने की अनगिनत कोशिशें की. जब इससे भी कुछ नहीं हुआ तो एक बार आनंद कुमार पर एक माफ़िया के द्वारा हमला भी हुआ इस दौरान उनके 1 साथी को गंभीर चोट आई तब उनके मन में Super 30 को बंद करने का विचार आया. किंतु जब Super 30 में पढ़ने वाले विद्यार्थियों ने इस घटना के दौरान उनका साथ दिया तब उन्होंने Super 30 को कभी भी बंद नहीं करने का निर्णय लिया.

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इसके बाद धीरे-धीरे Super 30 ने सफलता की नई ऊँचाइयों को छूना शुरू कर दिया. कहते हैं ना कि जब कोई सफल हो जाता है तो दुनिया उसके साथ चलने को तैयार हो जाती है. इसके बाद बहुत से कोचिंग संस्थान Super 30 को आर्थिक सहायता देने के लिए आगे आये. इसके साथ-साथ आनंद कुमार के सामने बहुत से आकर्षित प्रस्ताव भी रखे गए किंतु उन्होंने किसी को भी स्वीकार नहीं किया.

सभी विद्यार्थियों का Super 30 को लेकर एक बड़ा ही कॉमन प्रश्न होता है कि केवल 30 विद्यार्थियों ही क्यों. इसके लिए आनंद कुमार ने बताया कि उन्होंने नवोदय विद्यालय समिति की सहायता से एक प्रसिद्ध नवोदय विद्यालय में 63 और विद्यार्थियों को पढ़ाना शुरू किया है इसके साथ ही अब कुल 93 विद्यार्थियों को उनके द्वारा IIT JEE की कोचिंग दी जा रही है. जिसमें विद्यार्थियों के रहने और खाने का पूरा खर्चा नवोदय विद्यालय समिति द्वारा उठाया जा रहा है.

विद्यार्थी सुपर 30 के फाउंडर श्री आनंद कुमार जी का पूरा विडिओ देखने के बाद जान जाएँगे कि वो कैसे किसी भी परिस्थिति का सामना करके अपने सपने को साकार करने के लिए हर संभव प्रयास कर सकते हैं.

Super 30 के फाउंडर श्री आनंद कुमार की जुबानी: क्यों नहीं होना चाहिए असफलता के बाद भी निराश

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