स्कूल में फेल/ड्राप आउट के बावजूद आप भी चूम सकते हैं सफ़लता के शिखर को; जाने कुछ ऐसे ही लोगों के बारे

हर साल बोर्ड परीक्षा के नतीजे आते ही कुछ छात्रों के चेहरे की चमक बढ़ जाती है तो वहीँ कुछ अन्य छात्र असफ़ल होने के बाद मायूसी भरी नज़रें लेकर घर वापिस जाते हैं. ऐसे ही छात्रों का मनोबल बढ़ाती हुई कुछ महान व्यक्तियों की सफ़लता की कहानियां यहाँ जानें.

Sep 28, 2018, 12:05 IST
success stories of school failures or drop outs
success stories of school failures or drop outs

हर साल अप्रैल से जून के महीनों में विभिन्न स्कूल बोर्ड अपने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के नतीजे घोषित करते हैं. हर बार कुछ छात्र बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए टॉप पोजीशन हासिल करते हैं तो कुछ ऐसे भी होते हैं जो केवल पास अंक भी हासिल नहीं कर पाते. छात्रों के परीक्षा में असफ़ल होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि परीक्षा के लिए अच्छे से तैयारी ना करना, पढ़ाई में मन ना लगना, घरेलू समस्याएँ या स्वास्थ्य संबंधित दिक्कतें.

एक बार परीक्षा में फेल होने का मतलब यह नहीं कि ज़िन्दगी में हर तरफ से दरवाज़े बंद हो गए हैं बल्कि असली विजेता वही है जो असफलता को सफ़लता में बदलने का दम रखता है और अपनी मेहनत व लगन से भविष्य को उज्जवल बनाता है.

यहाँ हम ऐसे ही कुछ विजेताओं की बात करेंगे जिन्होंने अपने स्कूल एग्जाम में मिली असफलता को अपने सपनों व लक्ष्य के आड़े नहीं आने दिया बल्कि इससे ऊपर उठकर दुनिया में अपनी एक ख़ास पहचान बनाई.

1. डॉ सुभाष चंद्रा, ज़ी ग्रुप   

डॉ सुभाष चंद्रा, जी इंटरटेनमेंट इंटरप्राइजेज लिमिटेड के अध्यक्ष और एस्सेल समूह कंपनियों के प्रमोटर, भारत के प्रमुख उद्योगपतियों में से एक हैं। भारत के मीडिया टायकून के नाम से मशहूर, सुभाष चंद्रा किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। उन्हें भारत में सेटेलाइट टेलीविजन क्रांति का जनक माना जाता है। उनको बचपन से ही पढ़ाई में कोई रूचि नहीं थी और कक्षा 10 में ड्राप करने के बाद ही वे अपने
पारिवारिक व्यवसाय में शामिल हो गए. लेकिन कुछ कारणों के चलते पारिवारिक व्यवसाय का पतन होने लगा. दूसरी ओर सुभाष चंद्रा के ऊपर तो कुछ बड़ा करने का जुनून सवार हो रखा था जिसके फलस्वरूप अपनी मेहनत व जज्बे की मदद से उन्होंने भारत के सबसे विशाल टीवी चैनल समूह ज़ी मीडिया तथा एस्सेल समूह  की स्थापना की. उनके द्वारा 1992 में स्थापित जी टीवी भारत का सबसे पहला केबल टीवी था। आज सुभाष चंद्रा देश के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक हैं

2. कैलाश काटकर, क्विक हील  

महाराष्ट्र के एक छोटे से गाँव, लालगुन में पीला बढ़े वाले कैलाश काटकर के परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमज़ोर थी जिसके चलते उन्हें 10वीं के बाद की पढ़ाई छोड़ देनी पड़ी. उनके पिता पुणे में एक कंपनी में मशीन सेटर का काम करते थे और घर पर रेडियो और टेप रिकॉर्डर की रेपयरिंग का काम भी किया करते थे. पिता से थोड़ी बहुत सीख लेने के बाद काटकर ने पढ़ाई छोड़ने के बाद एक रेडियो और कैलकुलेटर मरम्मत की दुकान पर नौकरी करनी शुरू कर दी जिससे परिवार की आमदन में थोड़ा योगदान दिया जा सके. लेकिन काटकर एजुकेशन का महत्व समझते थे. उन्होंने काम करते हुए साथ ही कंप्यूटर से संबंधित कई शॉर्ट टर्म कोर्स किए और इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट्स से जुड़ी अपनी जानकारी को और बढ़ाया जिसका इस्तेमाल करते हुए एंटीवाइरस समेत अन्य कंप्यूटर सॉल्युशंस देने वाली कंपनी Quick Heal का निर्माण किया. आज Quick Heal Technologies दुनियाभर के देशों मे एक ब्रांड के रूप मे बिज़नेस कर रही है। 

3. अक्षय कुमार, बॉलीवुड एक्टर

साल 2017 में बॉलीवुड के खिलाड़ी यानि अक्षय कुमार को प्रणब मुखर्जी के हाथों फिल्म 'रुस्तम'  के लिए नेशनल अवार्ड मिला. अवार्ड मिलने की खुशी बयां करते हुए उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करते हुए उन युवा विद्यार्थियों के लिए एक मैसेज दिया , जो परीक्षा में असफ़ल होने पर आत्महत्या जैसा बड़ा और गलत कदम उठाने तक का सोच लेते हैं. इस मैसेज में अक्षय ने अपने बारे में बताते हुए कहा कि एक बार वह स्‍कूल के एग्जाम्स में फेल हो गए थे और उन्हें डर था कि घर जाकर उनके पापा उन्हें मारने वाले हैं. पर उनके पापा ने उनसे पूछा कि तुम्हारा किस चीज में इंटरेस्ट है? तब उन्‍होंने कहा कि वे खेलकूद में जाना चाहते हैं जिसके लिए उनके परिवार ने उनका साथ दिया. स्पोर्ट्स में जाने के बाद उन्होंने मार्शल आर्ट शुरू किया, फिर मॉडलिंग की और फिर फिल्मों में आ गए। क्षय ने बताया कि अगर वे उस दिन अपना इंटरेस्ट नहीं बताते तो शायद ये नेशनल अवार्ड उनके हाथ में कभी नहीं होता. 

4. वीर दास, कॉमेडियन और एक्टर

वीर दास जो कि देश के जाने-माने कॉमेडियन और एक्टर हैं ने पिछले साल बोर्ड एग्जाम देने वाले छात्रों के लिए सोशल मीडिया पर एक मैसेज शेयर किया था. इस मैसेज में उन्होंने अपने 12वीं क्लास की मार्कशीट भी शेयर की जिसमे पता चल रहा था कि 12वीं में उनके अंक काफी कम थे. इस मार्कशीट के द्वारा वीर सभी विद्यार्थियों को यह बात समझाना चाहते थे कि जीवन में सिर्फ़ मार्क्स ही आपका अस्तित्व व लक्ष्य तैय नहीं करते बल्कि आपका जुनून और जज्बा आपको सफ़लता के शिखर तक लेके जाते हैं.

प्रसिद्ध व सफ़ल हस्तियों की इन सफ़लता की कहानियों से एक बात तो स्पष्ट है कि कामयाब होने के लिए सिर्फ एक चीज चाहिए- भविष्य की संभावनाओं को पहचान लेने वाली नजर. व्यक्ति एक दिशा में बढ़ता रहे, तो धीरे-धीरे तरक्की करते हुए ऊंचाई तक पहुंच ही जाता है. इसलिए एक बार मिली असफ़लता को जीवन का अंत नहीं मानते हुए भविष्य में बेहतर करने की सीख लेनी चाहिए.

Gurmeet Kaur
Gurmeet Kaur

Assistant Manager

Gurmeet Kaur is an Education Industry Professional with 10 years of experience in teaching and creating digital content. She is a Science graduate and has a PG diploma in Computer Applications. At jagranjosh.com, she creates content on Science and Mathematics for school students. She creates explainer and analytical articles aimed at providing academic guidance to students. She can be reached at gurmeet.kaur@jagrannewmedia.com

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