आज हम यहाँ आपको UP Board कक्षा 10 गणित के अध्याय 4-कराधान (taxation) के पहले पार्ट का नोट्स उपलब्ध करा रहें हैं| हम इस चैप्टर नोट्स में जिन टॉपिक्स को कवर कर रहें हैं उसे काफी सरल तरीके से समझाने की कोशिश की गई है और जहाँ भी उदाहरण की आवश्यकता है वहाँ उदहारण के साथ टॉपिक को परिभाषित किया गया है| कराधान (taxation) यूपी बोर्ड कक्षा 10 गणित का सबसे महत्वपूर्ण अध्यायों में से एक है। इसलिए, छात्रों को इस अध्याय को अच्छी तरह तैयार करना चाहिए। यहां दिए गए नोट्स यूपी बोर्ड की कक्षा 10 वीं गणित बोर्ड की परीक्षा 2018 और आंतरिक परीक्षा में उपस्थित होने वाले छात्रों के लिए बहुत उपयोगी साबित होंगे। इस लेख में हम जिन टॉपिक को कवर कर रहे हैं वह यहाँ अंकित हैं:
करों का वर्गीकरण (Classification of Taxes) :
करों का वर्गीकरण विभिन्न विधियों से किया जा सकता है, जैसे :
(i) आय पर कर और पूंजी पर कर,
(ii) संपत्ति पर कर और वस्तुओं पर कर,
(iii) व्यक्तियों पर कर और वस्तुओं पर कर, आदि।
मोटे तौर पर करों को निम्नलिखित दो वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है :
(1) प्रत्यक्ष कर (Direct Tax)
(2) अप्रत्यक्ष का (Indirect Tax)।
प्रत्यक्ष कर (Direct Tax) :
किसी व्यक्ति या व्यक्ति-समूह पर लगाये गये उस कर को, जो उसे सीधे प्रभावित करता है, प्रत्यक्ष कर कहा जाता है । उदाहरण के लिए, आयकर संपत्ति कर, उपहार कर आदि।
(i) आयकर (Income Tax): यह वह कर है जोकि किसी व्यक्ति या व्यक्ति-समूह को आय पर लगाया जाता है। प्रत्येक उस व्यक्ति (या व्यक्ति-समूह) को, जिसकी वार्षिक आय एक निर्धारित सीमा से अधिक है, अपनी आय का एक अंश आयकर के रूप में सरकार को देना होता है। प्रत्येक वित्तीय वर्ष (Financial Year) के प्रारम्भ में ही सरकार आयकर की दरें निर्धारित कर देती है।
(ii) संपत्ति कर (Property Tax): यह वह कर है जिसे व्यक्ति की संपत्ति पर लगाया जाता है। संपत्ति के अन्तर्गत व्यक्ति की सभी परिसंपत्तियाँ (संपत्ति और धन) आती हैं, चाहे वे कहीं भी स्थित हों। आजकल संपत्ति की मूल्यांकन-तारीख पिछले वर्ष की 31 मार्च मानी जाती है। इस स्थिति में भी एक निश्चित सीमा से अधिक संपत्ति रखने वाले व्यक्ति को संपति कर देना होता है। आजकल सम्पत्ति कर की छूट सीमा वर्ष 2010-2011 से 30 लाख रुपये है। 30 लाख रुपये से अधिक की सम्पत्ति पर 1% की दर से कर देना होता है। इससे पहले सम्पत्ति कर की छूट सीमा 15 लाख रुपये थी। एक मकान तथा कुछ अन्य सम्पत्तियों सम्पत्ति कर की सीमा में नहीं आती।
उदाहरण : प्रत्यक्ष कर है :
(i) आयकर
(ii) व्यापार कर
(iii) उत्पाद शुल्क
(iv) सीमा शुल्क
उत्तर : (1) आयकर
अत : आयकर ही प्रत्यक्ष कर है ।
आयकर का परिकलन ( Accountation of Income Tax) :
इस अनुच्छेद में हम केवल वेतनभोगी व्यक्तियों द्वारा दिये जाने वाले आयकर को परिकलित करेंगे। वेतनभोगी व्यक्तियों की आय पर आयकर का परिकलन करते समय निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना होता है :
1. एक वितीय वर्ष की सकल आय (gross income) पर आयकर परिकलित किया जाता है। 1 अप्रैल से 31 मार्च तक की अवधि को एक वितीय वर्ष (Financial Year) माना जाता है।
2. सकल आय का अर्थ है पूरे वित्तीय वर्ष में सभी स्रोतों से प्राप्त हुई कुल आय।
3. स्वीकार्य कटौती : कुछ ऐसी कटौतियाँ (deductions) हैं जोकि आयकर से मुक्त होती हैं। आयकर का परिकलन करते समय पहले सकल आय में से इन कटौतियों को घटा दिया जाता है और तब शेष राशि पर आयकर परिकलित किया जाता हैं। इनमें से कुछ कटौतियों निम्नलिखित हैं:
(क) मकान किराया भत्ता: कुछ शर्तों के अधीन वेतनभोगी व्यक्ति को मिलने वाले मकान किराया भत्ते का कुछ अंश आयकर से मुक्त होता है।
4. धारा 80G के अन्तर्गत छूट : निम्नलिखित दानों तथा चंदों पर धारा 80 G के अंतर्गत छूट दी जाती है :
केन्दीय सरकार द्वारा स्वीकृत छुट छूट
(1) प्रधानमन्दी राष्टीय राहत कोष 100%
(2) परिवार कल्याणा राहत कोष 100%
(3) प्रधानमंत्री दुर्भिक्ष राहत कोष, 100%
(4) राष्ट्रीय सैनिक कल्याणा कोष 1007 100%
(5) राष्ट्रीय सुरक्षा कोष (1 - 4 - 1999 से) 100%
(6) सामुदायिक विकास के लिए राष्ट्रीय कोष, 100%
(7) विश्वविद्यालय या किसी राष्ट्रीय महत्व की शिक्षा संस्था हेतु कोष जो कि प्राधिकृत अधिकारी द्वारा स्वीकृत हो।
(8) मुख्यमंत्री राहत कोष
(9) जवाहरलाल नेहरू स्मारक कोष
(10) इन्दिरा गांधी स्मारक ट्रस्ट
(11) कोई अन्य परमार्थ संस्था जिसको दिये दान या चन्दे पर धारा 80G लागू होती है ।
प्रथम (1) से (8) तक को दी गई राशि पर 100%, छुट दी जाती है । अन्य (9) से (10) तक को दी गई राशि पर 50% की छूट दी जाती है ।
नोट : धारा 80 G के अंतर्गत मिली छूट की राशि को आय में से घटाया जाता है |
UP Board कक्षा 10 गणित चेप्टर नोट्स : द्विघात समीकरण(चैप्टर-3)
5. धारा 80C के अन्तर्गत छूट
जीवन बीमा प्रीमियम, भविष्य निधि, राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र, टयूशन फीस, हाउसिंग लोन भुगतान को राशि आदि अधिकतम एक लाख रुपये तक सकल आय में से कम कर देते हैं ।
उदाहरण : केन्द्रीय सरकार द्वारा स्वीकृत धारा 80 G के अन्तर्गत 100% छुट निम्नलिखित में से किस पर नहीं है?
(i) प्रधानमंत्री राहत कोष
(ii) जवाहरलाल नेहरू स्मारक कोष
(iii) राष्ट्रीय सुरक्षा क्रोष
(iv) राष्ट्रीय सैनिक कल्याण कोष
उत्तर : (ii) जवाहरलाल नेहरू स्मारक कोष ।
हम आपका ध्यान नवीनतम आयकर को दरों की और आकर्षित करना चाहते हैं ।
वित्त एक्ट (2011-2012) तथा (2012-2013) के अनुसार व्यक्तिगत कर योग्य आय की दरें निम्नलिखित हैं :
वित्तीय वर्ष (2011-2012)
क्रमांक | अन्तराल | कर निर्धारण वर्ष 2011-2012 |
(1) (2) (3) (4) | 1,80,000 रु. तक 1,80,001 रु. से 5,00,000 रु. तक 5,00,001 रु. से 80,00,000 रु. तक 8,00,001 रु. से ऊपर | कर मुक्त उस राशि का 10% जो 1,80,000 रु. से ऊपर हो 32,000 रु. + 20% उस राशि का जो 5,00,000 रु. से अधिक हो 62,000 रु. + 30% उस राशि का 8,00,000, रु. से ऊपर हो |
वित्तीय वर्ष 2012-2013
क्रमांक | अन्तराल | कर निर्धारण वर्ष 2011-2012 |
(1) (2) (3) (4) | 2,00,000 रु. तक 2,00,001 रु. से 5,00,000 रु. तक 5,00,001 रु. से 10,00,000 रु. तक 10,00,001 रु. से ऊपर | कर मुक्त उस राशि का 10% जो 2,00,000 रु. से ऊपर हो 30,000 रु. + 20% जो 5,00,000 रु. से ऊपर हो 1,30,000 रु. + 30% जो 8,00,000, रु. से ऊपर हो |
सरचार्ज :
(1) शिक्षा पर -- आयकर का क्या.
(2) उच्च सेकण्डरी शिक्षा पर -- आयकर का 1%.
वितीय वर्ष 2011 -- 2012 के लिए :
महिलाओं के लिए प्रारम्भिक छूट सीमा के स्तर को 1.90 लाख रुपये और वरिष्ट नागरिकों (60 वर्ष से ऊपर) के लिए 2.50 लाख रुपये कर तथा अति वरिष्ट नागरिकों (85 वर्ष से ऊपर) के लिए 5.00 लाख रुपये निर्धारित किया गया है ।
UP Board कक्षा 10 गणित चेप्टर नोट्स :परिमेय व्यंजक(चैप्टर-1)
UP Board कक्षा 10 गणित चेप्टर नोट्स :परिमेय व्यंजक(चैप्टर-1), पार्ट-II
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