आज हम यहाँ आपको UP Board कक्षा 10 गणित के तीसरे अध्याय (द्विघात समीकरण) का नोट्स उपलब्ध करा रहें हैं| हम इस चैप्टर नोट्स में जिन टॉपिक्स को कवर कर रहें हैं उसे काफी सरल तरीके से समझाने की कोशिश की गई है और जहाँ भी उदाहरण की आवश्यकता है वहाँ उदहारण के साथ टॉपिक को परिभाषित किया गया है| द्विघात समीकरण यूपी बोर्ड कक्षा 10 गणित का सबसे महत्वपूर्ण अध्यायों में से एक है। इसलिए, छात्रों को इस अध्याय को अच्छी तरह तैयार करना चाहिए। यहां दिए गए नोट्स यूपी बोर्ड की कक्षा 10 वीं गणित बोर्ड की परीक्षा 2018 और आंतरिक परीक्षा में उपस्थित होने वाले छात्रों के लिए बहुत उपयोगी साबित होंगे। इस लेख में हम जिन टॉपिक को कवर कर रहे हैं वह यहाँ अंकित हैं:
1. प्रस्तावना
(introcuction)
पिछली कक्षाओं में हम ऐसी द्विघात समीकरणों का अध्ययन कर चुके हैं जिनके गुणांक तथा मूल वास्तविक संख्याएँ होते हैं| इस अध्ययन में हम ऐसी द्विघात समीकरणों के बारे में अध्ययन करेंगे जिनके
1. गुणांक वास्तविक तथा मूल सम्मिश्र संख्याएँ हैं|
2. गुणांक तथा मूल सम्मिश्र संख्याएँ हैं|
2. वास्तविक बहुपद
(Real Polynomial)
UP Board कक्षा 10 विज्ञान चेप्टर नोट्स : धातु तथा अधातु पार्ट-I
* बहुपद का घात (Degree of a Polynomial)
किसी वास्तविक अथवा सम्मिश्र बहुपद के चर के सबसे बड़े घात वाले पद के घातांक को उस बहुपद का घात कहते है|
ऊपर दिए गए उदाहरणों में दिए हुए बहुपदों के घात क्रमश: 2 तथा 3 हैं|
I. ऐसा बहुपद जिसका घात 1 होता है, एकघातीय बहुपद (Monomial) अथवा रैखिक बहुपद (Linear Polynomial) कहलाता है|
a, b, c को गुणांक तथा x को चर कहते हैं|
* समीकरण के मूल (Roots of an Equation)
चर के वह मान जो किसी समीकरण को सन्तुष्ट करते हैं, उस समीकरण के मूल कहलाते हैं|
I. यदि समीकरण f(x) =0 का एक मूल x1 है तो f(x1) = 0
II. किसी समीकरण के मूल ज्ञात करना उस समीकरण को हल करना कहलाता है|
* हल समुच्चय (Solution set):
दिए हुए प्रांत (Domain) में किसी समीकरण के सभी मूलों का समुच्चय उस समीकरण का हल समुच्चय कहलाता है|
इएलिए f(α) = 0
अत: α , समीकरण f(x) = 0 का एक मूल है|
6. बीजगणित का मूल प्रमेय: एक अथवा एक से अधिक घात वाले प्रत्येक बहुपद समीकरण का कम से कम एक मूल अवश्य होता है| इस प्रमेय का प्रतिपादन जर्मन गणितज्ञ गॉस ने किया था| इसकी उत्पत्ति एक पुस्तक के कार्य क्षेत्र से बाहर है| परन्तु इसका आवश्यकतानुसार प्रयोग किया जायेगा|
7. n-घातीय समीकरण के मूलों की संख्या :
(i) प्रमेय :
n-घातीय समीकरण के n और केवल n मूल होते हैं|
उत्पत्ति: माना f(x) = 0, एक n- घातीय समीकरण है तो बीजगणित के मूल प्रमेय से समीकरण f(x) = 0 का कम से कम एक मूल अवश्य होगा|
माना समीकरण f(x) = 0 का एक मूल α1 है तो गुणनखण्ड प्रमेय से (x- α1) बहुपद f(x) का एक गुणनखण्ड होगा|
माना f(x) = (x- α1).g1(x)
जहाँ g1(x), (n-1) घात का बहुपद है|
पुनः बीजगणित के मूल प्रमेय से समीकरण g1(x) = 0 का कम से कम एक मूल अवश्य होगा| माना समीकरण g1(x) = 0 का एक मूल α2 है तो गुणनखण्ड प्रमेय से (x- α2) बहुपद g1(x) का एक गुणनखण्ड होगा|
माना g1(x) = (x- α2).g2(x)
जहाँ g2(x), (n-2) घात का बहुपद है|
f(x) = (x-α1).g1(x) = (x- α1) (x- α2) .g2(x)
इसी प्रकार इसी क्रम में आगे बढ़ने पर,
f(x) = (x- α1) (x- α2) (x- α3)....... (x- αn) .gn(x)
जहाँ gn(x), (n-n) अर्थात शून्य घात का बहुपद अर्थात अचर है|
माना, gn(x) = k
तब, f(x) = (x- α1) (x- α2) (x- α3)........... (x- αn).k
इस प्रकार हम देखते हैं कि (x- α1), (x- α2), (x- α3),......., (x- αn), बहुपद f(x) के गुणनखण्ड है|
गुणनखण्ड प्रमेय के विलोम से α1, α2, α3,........, αn समीकरण f(x) = 0 के n मूल हैं|
यदि x= β, प्रत्येक α से भिन्न है तो f(β) ¹ 0
अर्थात समीकरण f(x) = 0 का α1, α2, α3,........, αn के अतिरिक्त कोई अन्य मूल नहीं है|
अतः n-घातीय समीकरण f(x) = 0 के n और केवल n मूल हैं|
प्रत्येक द्विघात समीकरण के दो और केवल दो मूल होते हैं|
उत्पत्ति : यहाँ हमें निम्नलिखित दो भाग सिद्ध करने होंगे;
1. प्रत्येक द्विघात समीकरण के दो मूल होते हैं|
2. प्रत्येक द्विघात समीकरण के केवल दो मूल होते हैं अर्थात द्विघात समीकरण के दो से अधिक मूल नहीं हो सकते हैं|
UP Board कक्षा 10 विज्ञान चेप्टर नोट्स : धातु तथा अधातु पार्ट-II
1. प्रत्येक द्विघात समीकरण के दो मूल होते हैं:
माना ax2+bx+c = 0, a ¹ 0 एक द्विघात समीकरण है|
उक्त समीकरण के दोनों पक्षों में α से गुना करने पर,
(2) में से (3) को घटाने पर,
α (β2 – γ2) + b(β – γ) = 0, (β – γ){α (β – γ) + b } = 0
β – γ ¹ 0
इसलिए, α (β – γ) + b = 0 ..................(5)
(4) से (5) को घटाने पर, α (α – γ) = 0
परन्तु यह संभव है क्यूंकि α एवं γ भिन्न है| α ¹ 0
इसलिए α (α – γ) ¹ 0
इस प्रकार हमारा यह मनना गलत है कि द्विघात समीकरण के तिन विभिन्न मूल हैं|
अतः द्विघात समीकरण के दो से अधिक मूल नहीं हो सकते हैं|
UP Board कक्षा 10 विज्ञान चेप्टर नोट्स : धातु तथा अधातु पार्ट-III
यहाँ हम आपको कुछ प्रश्नों के साथ उनके उत्तर उदाहरण के लिए प्रदान कर रहें हैं-
UP Board कक्षा 10 विज्ञान चेप्टर नोट्स : धातु तथा अधातु पार्ट-IV
Comments
All Comments (0)
Join the conversation