Get UP Board class 10th Science notes on chapter-10,(Methods of preparation, properties and uses of some salts)first part from here. The rivision notes consist crux of the topics which we are covering in this revision notes. This chapter is one of the most important chapters of UP Board class 10 Science. So, students must prepare this chapter thoroughly. The notes provided here will be very helpful for the students who are going to appear in UP Board class 10th Science Board exam 2019 and also in the internal exams. The main topic cover in this article is given below:
1. नौसादार बनाने की विधि का समीकरण तथा इसके दो रसायनिक गुण और उपयोग
2. नौसादर ( Sal Ammonia), प्रमुख गुण, उपयोग,
3. ब्लीचिंग पाउडर का रासायनिक नाम अनुसुत्र तथा बनाने की विधि तथा इसके प्रमुख गुण और उपयोग की भी विवेचना
4. प्रमुख गुण, क्लोरोफार्म का बनना, उपयोग
5. विरंजक चूर्ण बनाने की हेसेन्क्लेवर विधि का सचित्र वर्णन तथा इसके मुख्य दो रासायनिक गुण|
नौसादार बनाने की विधि का समीकरण तथा इसके दो रसायनिक गुण और उपयोग:
लवण, अम्ल तथा क्षारक के बीच उदासिनीकरण अभिक्रिया के उत्पाद हैं| उदाहरणार्थ – सोडियम हाइड्राक्साइड तथा हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के बीच अभिक्रिया से उत्पन्न सोडियम क्लोराइड एक लवण है|
उपर्युक्त अभिक्रिया में, अम्ल के हाइड्रोजन आयन का धातु आयन अथवा अमोमियम आयन द्वारा विस्थापन हुआ है| अत: हम लवण को इस प्रकार परिभषित कर सकते हैं-
“लवण वह यौगिक हैं जो किसी अम्ल के हाइड्रोजन आयन को धातु आयन अथवा अमोनिया आयन द्वारा विस्थापित करके बनता है|”
नौसादर ( Sal Ammonia) :
[रासायनिक नाम: अमोनियम क्लोराइड] [अणुसूत्र: NH4Cl]
नौसादर प्रकृति में अत्यधिक मात्रा में मिलता है| हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में अमोनिया गैस प्रवाहित करने पर अमोमियम क्लोराइड प्राप्त होता है|
प्रमुख गुण ( Important Properties) :
(1) नौसादर सफेद रंग का क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ है|
(2) यह जल में विलेय है| जल में विलेय होने पर ऊष्मा का शोषण होता है| इसलिए इसका विलयन ठंडा रहता है|
रासायनिक गुण ( Chemical Properties) :
1. उष्मा का प्रभाव : गर्म करने पर यह बिना पिघले अमोनिया (NH3) तथा हाइड्रोजन क्लोराइड (HCI) में विघटित हो जाता है| ठंडा होने पर पुन: नौसादर प्राप्त होता है|
उपयोग (Uses) :
(1) प्रयोगशाला में अभिकर्मक के रूप में|
(2) शुष्क सेल के बनाने में, बर्तनों की कलई करने तथा टाँका लगाने में|
(3) उर्वरक तथा अमोनिया आदि के निर्माण में|
(4) रंगाई तथा कैलिको प्रिंटिंग के लिए|
(5) औषधि के रूप में|
ब्लीचिंग पाउडर का रासायनिक नाम अनुसुत्र तथा बनाने की विधि तथा इसके प्रमुख गुण और उपयोग की भी विवेचना :
ब्लीचिंग पाउडर :
[रासायनिक नाम: कैल्सियम आक्सीक्लोराइड या कैल्शियम क्लोरोहाइपोक्लोराइट]
[अणुसूत्र : CaOCI2]
ब्लीचिंग पाउडर ( विरंजक चूर्ण) को शुष्क बुझे चुने पर क्लोरिन गैस की क्रिया द्वारा बनाया जाता है|
प्रमुख गुण ( Important Properties):
भौतिक गुण (Physical Properties):
(1) वीरंजक चूर्ण (ब्लीचिंग पाउडर) हल्के पीले रंग का चूर्ण है|
(2) इसमें क्लोरिन की विशेष गंध आती है|
(3) इसे जल में घोलने पर दुधिया विलयन या निलम्बन प्राप्त होता है|
रासायनिक गुण: (Chemical Properties):
साधारण ब्लीचिंग पाउडर में लगभग 35% ‘प्राप्य क्लोरिन’ होती है|
4. तनु अम्लों की अल्प मात्रा से किया : ब्लीचिगं पाउडर की तनु सल्फ्यूरिक अम्ल या तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की अल्प मात्रा से क्रिया कराने पर हाइपोक्लोरस अम्ल (HOCI) बनता है, जिसके अपघटन से नवजात आक्सीजन निकलती है|
नवजात आक्सीजन के कारण ही ब्लीचिगं पाउडर विरंजक तथा कीटाणुनाशक का कार्य करता है|
रंगीन पदार्थ + [o] रंगहीन पदार्थ
5. क्लोरोफार्म का बनना : ब्लीचिंग पाउडर एसीटोन तथा एल्कोहाल के साथ जल की उपस्थिति में क्रिया करके क्लोरोफार्म बनाता है|
उपयोग (Uses) : इसके प्रमुख उपयोग निम्नलिखित हैं:
(1) सूत, कागज, लकड़ी की लुगदी व लिनेन पदार्थो के लिए विरंजक के रूप में|
(2) ऊन को सिकुड़ने से बचाने के लिए|
(3) क्लोरोफार्म के औधोगिक निर्माण में|
(4) चीनी को सफेद करने तथा आक्सीकारक के रूप में|
(5) पेयजल को शुद्ध करने तथा जल में उपस्थित जीवाणुओं को नष्ट करने में|
UP Board Class 10 Science Notes : Acid, Alkali and Salt, Part-I
विरंजक चूर्ण बनाने की हेसेन्क्लेवर विधि का सचित्र वर्णन तथा इसके मुख्य दो रासायनिक गुण :
हेसेन्क्लेवर विधि : इस विधि से अच्छी तरह से क्रिया करता है| उपकरण में लम्बे बेलनाकर सिलिंडर एक – दुसरे के ऊपर लगे रहते हैं| और इन सिलिंडरों में पंखे लगे रहते हैं| इनको पेटी लगाकर घुमाया जाता है| ऊपर हापर से बुझे हुए चुने का चूर्ण डालते हैं यह घूमते हुए सिलिंडरों से होता हुआ नीचे को ओर आता है| नीचे की ओर से क्लोरिन प्रवाहित की जाती है| क्लोरिन बुझे हुए चुने में अवशोषित होकर विरंजक चूर्ण बनाती है, जिसको नीचे से निकाल लेते हैं|
रासायनिक गुण: (Chemical Properties):
साधारण ब्लीचिंग पाउडर में लगभग 35% ‘प्राप्य क्लोरिन’ होती है|
4. तनु अम्लों की अल्प मात्रा से किया : ब्लीचिगं पाउडर की तनु सल्फ्यूरिक अम्ल या तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की अल्प मात्रा से क्रिया कराने पर हाइपोक्लोरस अम्ल (HOCI) बनता है, जिसके अपघटन से नवजात आक्सीजन निकलती है|
नवजात आक्सीजन के कारण ही ब्लीचिगं पाउडर विरंजक तथा कीटाणुनाशक का कार्य करता है|
रंगीन पदार्थ + [o] रंगहीन पदार्थ
5. क्लोरोफार्म का बनना : ब्लीचिंग पाउडर एसीटोन तथा एल्कोहाल के साथ जल की उपस्थिति में क्रिया करके क्लोरोफार्म बनाता है|
UP Board Class 10 Science Notes : Acid, Alkali and Salt, Part-II
UP Board Class 10 Science Notes : Acid, Alkali and Salt, Part-III
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