In this article you will get UP Board class 10th Science notes on organic compounds 7th part. This short notes will be very helpful to understand the topics easily thats why we are providing this in a very simple and systematic way. Many students find science intimidating and they feel that here are lots of thing to be memorised. However Science is not difficult if one take care to understand the concepts well.The main topic cover in this article is given below :
1. वुर्टज अभिक्रिया
2. प्रतिस्थापन अभिक्रिया
3. मार्कोनीकाफ का नियम
4. बहुलीकरण
5. बहुलीकरण की प्रमुख विशेषताएँ
6. रासायनिक समीकरण द्वारा परिवर्तन
7. ऐरोमैटीक यौगिक की परिभाषा तथा बेंजीन की बंद श्रृंखला संरचना
इस अभिक्रिया में मेथेन का एक हाइड्रोजन परमाणु क्लोरिन परमाणु द्वारा विस्थापित हो गया है|
मार्कोनीकाफ का नियम – असममित ऐल्किन के हैलोजेन अम्लों का योग सन 1870 में मार्कोनीकाफ के द्वारा प्रस्तावित एक आनुभाविक नियम पर आधारित हैं। वास्तव में यह एक साधारण नियम हैं तथा असममित ऐल्किन के युग्म बन्ध पर किसी भी असममित अभिकर्मक (HCl, HBr, HI, H2SO4, HOSI आदि) के योग को प्रशंसनीय रूप से व्यस्त करता है, जैसे-
(i) योगात्मक अभिक्रिया - वे रासायनिक अभिक्रियाएँ, जिनमें कार्बनिक यौगिकों से अभकर्मक का योग होता हैं तथा यौगिक की असंतृप्तता कम होकर वह संतृप्त यौगिक में परिवर्तित हो जाता है, योगात्मक अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।
UP Board Class 10 Science Notes : Organic compounds, Part-I
UP Board Class 10 Science Notes : Organic compounds, Part-II
(ii) बहुलीकरण - उस क्रिया को, जिससे एक प्रकार के या भिन्न प्रकार के दो – या - दो से अधिक अणु परस्पर संयोग करके अधिक अणु भार वाले जटिल यौगिक बनाते है, बहुलकीकरण (polymerization) कहते है और इस प्रक्रम के फलस्वरूप बने उच्च अणु भार के यौगिक को बहुलक (polymer) कहते है, अर्थात बहुलक वह पदार्थ है जो एक या एक से अधिक सरल पदार्थों के आपस में जुड़ने से बनता है, इस सरल पदार्थ को एकलक (monomer) कहते है तथा एकलक से बहुलक बनाने की किया को बहुलीकरण कहते हैं। ये पदार्थ उच्च बहुलक कहे जाते है जिनके एकलक बार - बार जुड़कर अधिक अणु भार बाला पदार्थ देते हैं। इन्हें विशाल अणु (gaint molecule) भी कहते ।
बहुलीकरण की प्रमुख विशेषताएँ –
(1) इसमें एक ही पदार्थ के दो या दो से अधिक अणु परस्पर संयुक्त होते हैं।
(2) इसमें प्राप्त बहुलक का अणु भार प्रयुक्त एकलक (monomer) के अणु भार का सरल गुणक होता हैं।
(3) इस क्रिया में छोटे-छोटे अणु निर्मुक्त नहीं होते है।
(4) यह प्राय: उत्क्रमणीय अभिक्रिया है।
(5) इसमें नए बन्ध स्थापित नहीं होते हैँ।
रासायनिक समीकरण द्वारा परिवर्तन :
(i) एथेन से मेथेन :
ऐरोमैटीक यौगिक की परिभाषा तथा बेंजीन की बंद श्रृंखला संरचना : वे यौगिक, जिनके संवृत श्रृंखला में 6 कार्बन परमाणु हो तथा एकान्तर - क्रम में द्विबन्ध हो, ऐरोमैटिक योगिक कहलाते हैं। इन यौगिकों में एक विशेष प्रकार की सुगंध होती है। इस श्रेणी का प्रथम मूल्यवान यौगिक बेन्जीन (C6H6) हैं। ये जलने पर धुएँदार ज्वाला के साथ जलते हे, क्योंकि इनम कार्बन अधिक होती हैं।
UP Board Class 10 Science Notes : valency of carbon, Part-I
UP Board Class 10 Science Notes : Organic compounds, Part-III
इस अभिक्रिया में मेथेन का एक हाइड्रोजन परमाणु क्लोरिन परमाणु द्वारा विस्थापित हो गया है|
मार्कोनीकाफ का नियम – असममित ऐल्किन के हैलोजेन अम्लों का योग सन 1870 में मार्कोनीकाफ के द्वारा प्रस्तावित एक आनुभाविक नियम पर आधारित हैं। वास्तव में यह एक साधारण नियम हैं तथा असममित ऐल्किन के युग्म बन्ध पर किसी भी असममित अभिकर्मक (HCl, HBr, HI, H2SO4, HOSI आदि) के योग को प्रशंसनीय रूप से व्यस्त करता है, जैसे-