IAS Arti Dogra: आरती डोगरा 2006 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी हैं। उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में UPSC CSE परीक्षा पास की और उन्हें राजस्थान कैडर मिला। चुनौतियों के बावजूद, वे हमेशा अपने लक्ष्यों के प्रति दृढ़ रहीं। लगभग दो दशकों के अपने करियर में उन्होंने कई शानदार उपलब्धियां हासिल की हैं। आइए, यहां उनके सफर के बारे में जानते हैं।
आरती का जन्म देहरादून में हुआ था और उनके माता-पिता ने एक अहम भूमिका निभाई। उनके पिता कर्नल राजेंद्र डोगरा हैं और उनकी मां कुमकुम डोगरा एक स्कूल की प्रिंसिपल हैं। उन्होंने डॉक्टरों की उस सलाह को मानने से इनकार कर दिया, जिसमें आरती को एक विशेष स्कूल में भेजने के लिए कहा गया था। इसके बजाय, उन्होंने आरती का दाखिला एक सामान्य स्कूल में ही करवाया।
आरती डोगरा की एजुकेशनल क्वालिफिकेशन
आरती का शैक्षिक सफर उन सभी लोगों के लिए एक प्रेरणा है, जो शारीरिक चुनौतियों के कारण जीवन में कठिनाइयों का सामना करते हैं। उन्होंने अपनी पढ़ाई देहरादून के वेल्हम गर्ल्स स्कूल से की और बहुत अच्छे अंकों के साथ अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। आरती ने दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्री राम कॉलेज से अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन किया, जहां उन्होंने अपनी क्षमताओं को निखारा और अपनी बौद्धिक योग्यता को विकसित किया।
उन्होंने पोस्ट-ग्रेजुएशन भी पूरा किया। आरती ने अपने पहले ही प्रयास में UPSC सिविल सेवा परीक्षा (2006 बैच) पास की और 56वीं All India Rank हासिल की। उन्होंने किसी भी आरक्षण नीति का लाभ नहीं उठाया और जनरल कैटेगरी से परीक्षा दी थी।
आरती डोगरा का प्रशासनिक करियर
राजस्थान कैडर में रहते हुए, आरती ने कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। वह जोधपुर डिस्कॉम की मैनेजिंग डायरेक्टर, इस पद पर पहुंचने वाली पहली महिला IAS अधिकारी हैं। बूंदी, बीकानेर और अजमेर की डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और कलेक्टर, जहां उन्होंने 'बांको बिकाणो' और 'डॉक्टर्स फॉर डॉटर्स' जैसे प्रभावशाली अभियानों का नेतृत्व किया है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री की संयुक्त सचिव, जिससे उनकी प्रशासनिक नेतृत्व क्षमता जिला स्तर से भी आगे बढ़ी।
आरती को मिली पहचान और पुरस्कार
उनके प्रभावशाली शासन के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मान मिल चुकी है। अजमेर चुनावों के दौरान अपने असाधारण काम के लिए उन्हें भारत के राष्ट्रपति से राष्ट्रीय पुरस्कार (2019) मिला। राजस्थान में "डॉटर्स आर प्रेशियस" अवॉर्ड, जो उनकी वकालत और महिला सशक्तिकरण की पहलों को मान्यता देता है।
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