हमारे देश में हरेक वर्ष 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है लेकिन हमें आपसे यह खबर सांझा करते हुए बड़ी ख़ुशी हो रही है कि आज ‘विश्व हिंदी दिवस’ या वर्ल्ड हिंदी डे है जो हमारे लिए बड़े गौरव की बात है. इससे पता चलता है कि अब पूरी दुनिया में हिंदी लैंग्वेज का महत्व लगातार बढ़ता ही जा रहा है. यूं तो हमारे देश के संविधान की 8वीं अनुसूची में कुल 22 लैंग्वेजेज को राष्ट्रीय लैंग्वेज का दर्जा प्राप्त है और 720 से अधिक बोलियां या डायलेक्ट्स यहां के लोग बोलते हैं. इसी तरह विश्व में लगभग 6500 लैंग्वेजेज बोली जाती हैं. हिंदी लैंग्वेज विश्व में मेंडरिन लैंग्वेज के बाद पूरे संसार में सर्वाधिक बोली जाने वाली लैंग्वेज है. लेकिन एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरे विश्व लगभग 490 मिलियन लोग हिंदी बोलते हैं. हिंदी लैंग्वेज भारत और फिजी की ऑफिशियल लैंग्वेज है.
हिंदी लैंग्वेज की मार्केट की जरूरतों को देखते हुए देश और दुनिया की तमाम मल्टीनेशनल कंपनियों द्वारा हमारे देश के विभिन्न गांवों, कस्बों और छोटे शहरों में अपना कारोबार शुरू करने से इंग्लिश के साथ-साथ अच्छी हिंदी जानने वालों की मांग बढ़ गई है. अपने कस्टमर्स को हिंदी में सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए बड़ी कंपनियों को हिंदी लैंग्वेज एक्सपर्ट्स की जरूरत महसूस हो रही है, ताकि उन्हें हिंदी में कंटेंट से लेकर एडवरटाइजमेंट्स और ब्रॉशर उपलब्ध करा सकें. इसके लिए ये बड़ी कंपनियां आकर्षक सैलरी पैकेज के साथ इन युवाओं को जॉब्स दे रही हैं. हिंदी लैंग्वेज में बढ़ती इन्हीं संभावनाओं की जानकारी आज हम आपकी सहूलियत के लिए यहां पेश कर रहे हैं. आइये आगे पढ़ें:
देहरादून के अभिषेक पांडे ने 5 साल पहले बेंगलुरु में माइक्रोसॉफ्ट में जॉब ज्वाइन कर ली, आज भी वे माइक्रोसॉफ्ट में लोकलाइजेशन हेड हैं और हिंदी लैंग्वेज में इस्तेमाल होने वाले विभिन्न सॉफ्टवेयर्स और फीचर्स तैयार करने में अपना सहयोग देते हैं. वह बताते हैं कि जब उन्होंने इस क्षेत्र में कदम रखा था, तब से अब में बहुत फर्क आ गया है. जितना अच्छा काम आज हिंदी लैंग्वेज में हो रहा है, किसी दूसरी लैंग्वेज में नहीं हो रहा. जाहिर है हिंदी का बाजार तेजी से बड़ा होता जा रहा है. ऐसे में अमेजन, वॉलमार्ट जैसी कंपनियां जो हमारे देश में अपने पांव बड़ी तेजी से पसार रही हैं, वे यह फैक्ट अच्छी तरह समझ रही हैं कि आने वाले दिनों में बड़े पैमाने पर हिंदी लैंग्वेज एक्सपर्ट्स की मांग होगी और यह मांग लगातार बढ़ती ही रहेगी.
देश-विदेश में हिंदी लैंग्वेज में लगातार बढ़ता कारोबार
देश में ऑनलाइन कारोबार कर रही कंपनियां हमारे देश के विभिन्न गावों या दूरदराज क्षेत्रों के ग्राहकों तक पहुंच बनाने के लिए अब अपनी सेवाएं हिंदी तथा रीजनल लैंग्वेजेज में मुहैया कराने पर काफी जोर दे रही हैं. कंपनियों के इस रुख का एक प्रमुख कारण यह भी है कि इंटरनेट तक सभी की पहुंच हो जाने से देश में इंग्लिश की तुलना में हिंदी सहित अन्य रीजनल लैंग्वेजेज के डिजिटल कंटेंट में लोग अधिक दिलचस्पी लेने लगे हैं. आइएएमएआइ एवं आइएमआरबी इंटरनेशनल की स्टडी के मुताबिक, सेवाओं एवं प्रेजेंटेशन्स की फ़ील्ड्स में अगर देशी लैंग्वेज की वेबसाइट या एप मुहैया हो तो रीजनल लैंग्वेज जानने वाले ग्राहक ऑनलाइन व्यवसाय में नई तेजी लाने में मददगार साबित होंगे.
यह भी अनुमान है कि 2021 तक देश में हिंदी लैंग्वेज में इंटरनेट उपयोग करने वालों की संख्या इंग्लिश वालों से अधिक हो जाएगी. इसी बात को समझते हुए सर्च इंजन गूगल भी वर्तमान में इंटरनेट पर हिंदी में कंटेंट उपलब्ध कराने पर काफी जोर दे रहा है. एक आंकड़े की मानें तो देश में वर्तमान में इंटरनेट पर हिंदी लैंग्वेज वाले कंटेंट को ब्राउज करने वालों की संख्या करीबन 39% हो चुकी है. इससे पता चलता है कि हिंदी जानने वालों के लिए जॉब और करियर के क्षेत्रों में संभावनाएं किस तरह लगातार बढ़ती जा रही हैं.
घरेलू और विदेशी कंपनियों में भी बढ़े हैं कई अवसर
इंडियन मार्केट की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए हाल में ई-कॉमर्स वेबसाइट अमेजन इंडिया ने हिंदी में नई मोबाइल सेवा शुरू की है, जिससे ग्राहक इसके मोबाइल एप और वेबसाइट पर प्रोडक्ट की जानकारी, डील, डिस्काउंट, ऑर्डर के भुगतान, अकाउंट व्यवस्थित करने, ऑर्डर ट्रैक करने और ऑर्डर हिस्ट्री संबंधी सभी जानकारियां हिंदी में पढ़ सकेंगे. ई-कॉमर्स कंपनियों के अलावा, रिटेल, फिनटेक, बैंकिंग एवं इंटरनेट पर व्यवसाय करने वाले अन्य उद्योग भी अपने पोर्टल में रीजनल लैंग्वेज का समावेश कर रहे हैं. इसलिए पहले की तुलना में इन कंपनियों में हिंदी में कुशल कॉपी राइटर, कंटेंट राइटर, वेब राइटर जैसे पेशेवर लोगों की मांग तेजी से बढ़ रही है.
ऑनलाइन में भी हैं बड़े अवसर
भारतीय लैंग्वेजेज में ऑनलाइन कंटेंट इंग्लिश के मुकाबले सिर्फ 01% है. लेकिन गूगल समेत कई अन्य सर्वेज से एक बात बिलकुल साफ़ हुई है कि इंटरनेट यूजर्स की अगली जमात ग्रामीण भारत से होगी. इससे इंग्लिश में कंटेंट उपलब्ध कराने वाली इंटरनेट कंपनियों को भी हिंदी एवं अन्य रीजनल लैंग्वेजेज में काम करने के बारे में तेजी से सोचना पड़ेगा.
टेक्नोलॉजी के साथ कदमताल
टॉप कंटेंट बेस्ड प्लेटफॉर्म ‘मॉम्सप्रेसो’ को महीने में कुल छह हजार ब्लॉग्स में से लगभग एक हजार हिंदी के ब्लॉग्स प्राप्त होते हैं. इनमें से लखनऊ, पटना, इंदौर, चंडीगढ़ आदि शहरों से सबसे ज्यादा सामग्री आती है. कंपनी ने डेटॉल, डॅव, नेस्ले जैसे ग्लोबल ब्रांड्स के साथ पार्टनरशिप की है, ताकि रीजनल कंटेंट के जरिये ग्राहकों को आकर्षित किया जा सके. इसी तरह, देश की सबसे बड़ी पॉडकास्ट डायरेक्टरी एवं कंटेंट एग्रीगेटर ‘हबहॉपर’ भी हिंदी समेत 5 लैंग्वेजेज में पैसिव कंटेंट (स्वास्थ्य, शिक्षा, इतिहास, कारोबार, स्पोर्ट्स और टेक्नोलॉजी) उपलब्ध कराती है. पॉडकास्ट पर प्रेमचंद, पंचतंत्र, महाभारत की कहानियां सुनने को मिलती हैं. इन सबके अलावा, लिपिकर, प्रतिलिपि, शब्दनगरी जैसे कंटेंट आधारित स्टार्टअप्स, ई-कॉमर्स कंपनियां हिंदी व रीजनल लैंग्वेजेज में कारोबार को प्राथमिकता दे रही हैं.
हिंदी सॉफ्टवेयर ‘लिपिकर’ का है बोलबाला
लिपिकर की संस्थापक नेहा गुप्ता के पिता एलईडी आधारित प्रोग्रामेबल स्क्रॉल डिस्प्ले सिस्टम तैयार करते थे और चाहते थे कि देश के सुदूर इलाकों में स्थित बैंकों में यह सुविधा पहुंच सके. इसमें डिस्प्ले इंग्लिश में न होकर हिंदी या लोकल लैंग्वेज में हो. इसके बाद ही उन्हें ऐसा सॉफ्टवेयर बनाने का आइडिया आया, जिसमें कोई भी व्यक्ति आसानी से अपनी लैंग्वेज में काम कर सके. इसके जरिये साधारण की-बोर्ड (क्यूडब्ल्यूईआरटीवाई) से हिंदी, मराठी, बांग्ला समेत 18 लैंग्वेजेज में बड़ी सहजता से लिखा जा सकता है. आज कई वकील, लेखक, लिखने के शौकीन बुजुर्ग, पत्रकार, छोटे उद्यमी, शिक्षक, एडवर्टाइजर्स आदि लिपिकर सॉफ्टवेयर का प्रयोग कर रहे हैं. इन्होंने 8 लैंग्वेजेज में वॉयस टेक्स्ट टाइपिंग की सुविधा भी शुरू की है, जिसकी मांग दिनों-दिन बढ़ती ही जा रही है.
हिंदी की सोशल साइट ‘शब्दनगरी’
जर्मनी, रूस, चीन हर जगह लोकल लैंग्वेज में प्रोग्रामिंग को प्राथमिकता दी जा रही है, जबकि भारत में हिंदी भाषियों की अधिक संख्या होने के बावजूद प्रोग्रामिंग पर उतना ध्यान नहीं दिया जा सका है.आइआइटी बॉम्बे से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग करने वाले अमितेश मिश्र ने इसी कमी को लेकर अपने साथियों के साथ बात की. काफी शोध के बाद आखिरकार 2015 में नींव पड़ी ‘शब्दनगरी’ की. यह एक ऐसी सोशल साइट है, जहां हिंदी में अपनी कहानियां, कविताएं, कमेंट इत्यादि डाल सकते हैं.
यहां हैं हिंदी लैंग्वेज में शानदार करियर से जुड़ी कुछ बढ़िया संभावनाएं
अन्य विषयों के समान ही हिंदी में डिग्री हासिल करने वालों के लिए आज सरकारी और गैर-सरकारी दोनों ही क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं:
सरकारी विभागों और बैंकों में हिंदी अधिकारी/ अनुवादक
सरकारी कार्यालयों में हिंदी लैंग्वेज से जुड़े अनेक पद होते हैं, जैसे-हिंदी अधिकारी, राजलैंग्वेज अधिकारी, अनुवादक, स्टेनोग्राफर, टाइपिस्ट आदि. हिंदी अधिकारी के लिए स्नातक में इंग्लिश के साथ हिंदी में एमए होना आवश्यक होता है, जबकि अन्य पदों के लिए बीए की डिग्री पर्याप्त है.
प्रिंट मीडिया
पत्रकारिता यानी न्यूजपेपर, मैगजीन के क्षेत्र में जो युवा आना चाहते हैं, वे यहां अपनी योग्यता और अनुभव के आधार पर उप संपादक, रिपोर्टर, खेल रिपोर्टर, कारोबार रिपोर्टर, फीचर रिपोर्टर-लेखक आदि पदों पर नौकरी पा सकते हैं.
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया
टीवी, रेडियो के क्षेत्र में भी एंकरिंग, रिपोर्टिंग, स्क्रिप्ट राइटिंग और न्यूज एडिटिंग के लिए कुशल लोगों की जरूरत होती है. आजकल सभी न्यूज चैनल्स और न्यूजपेपर्स के अपने-अपने हिंदी न्यूज पोर्टल्स हैं. यहां भी प्रभावी सरल लैंग्वेज में खबर लिखने वाले रिपोर्टर्स और डेस्क पर काम करने वाले लोगों की जरूरत होती है.
विज्ञापन
न्यूजपेपर्स और न्यूज चैनल्स के लिए ऐड बनाने वाली विभिन्न विज्ञापन एजेंसियों में विज्ञापन लेखक, स्लोगन लेखक के रूप में हिंदी के जानकारों की जरूरत होती है.
अध्यापन
हिंदी/ हिंदी ऑनर्स में ग्रेजुएट या हिंदी में एमए, एमफिल-पीएचडी करके आप विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में अध्यापन कर सकते हैं.
फ्रीलांसिंग राइटर
हिंदी लैंग्वेज में फ्रीलांसर राइटर्स असल में ऑनलाइन, प्रिंट, टेलीविज़न या रेडियो आदि के लिए आर्टिकल्स, स्टोरीज, बुक्स या अन्य कंटेंट मैटर की रिसर्च करते हैं और विषयवस्तु तैयार करते हैं. आपको विभिन्न सोर्सेज से जानकारी और सूचना स्वयं एकत्रित करनी होगी और फैक्ट्स चेक करने के बाद कंटेंट तैयार करके उस कंटेंट को पब्लिश करने या क्लाइंट को भेजने से पहले उसकी एडिटिंग और अंतिम ड्राफ्ट को रिव्यू करना होगा. टेक्निकल बैकग्राउंड वाले लोग टेक्निकल राइटिंग का काम कर सकते हैं लेकिन इसके लिए बढ़िया एजुकेशनल बैकग्राउंड के साथ ही आपको अपनी राइटिंग फील्ड की काफी अच्छी जानकारी होनी चाहिए.
कोर्स एवं योग्यता
हिंदी की पढ़ाई देश के लगभग सभी विश्वविद्यालयों में हो रही है. आप हिंदी लैंग्वेज में बीए, एमए, पीएचडी जैसे फुलटाइम और शॉर्ट टर्म दोनों तरह के कोर्स कर सकते हैं. इग्नू, जामिया मिलिया, भारतीय विद्या भवन, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन आदि से मास-कम्युनिकेशन, ट्रांसलेशन, क्रिएटिव राइटिंग जैसे किसी खास क्षेत्र में डिग्री, डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं.
भारत की कुछ टॉप यूनिवर्सिटीज और इंस्टीट्यूट्स बना सकते हैं आपको हिंदी लैंग्वेज एक्सपर्ट्स
- दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली www.du.ac.in
- जेएनयू, नई दिल्ली www.jnu.ac.in
- लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ www.lkouniu.ac.in
- कानपुर विश्वविद्यालय, कानपुर www.kanpuruniversity.org
- भारतीय विद्या भवन, नई दिल्ली www.bvbdelhi.org
- इंडिया गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू), नई दिल्ली www.ignou.ac.in
- जामिया मिलिया इस्लामिया, जामिया नगर, नई दिल्ली www.jmi.nic.in
जॉब, इंटरव्यू, करियर, कोर्सेज और प्रोफेशनल कोर्सेज के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने और लेटेस्ट आर्टिकल पढ़ने के लिए आप हमारी वेबसाइट www.jagranjosh.com पर विजिट कर सकते हैं.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation