पर्यावरण और पारिस्थितिकी आईएएस मुख्य (लिखित) परीक्षा सामान्य अध्ययन II का हिस्सा हैं. हाल के समय में पर्यावरण संबंधित विषयों का महत्व बहुत बढ़ गया है. पर्यावरण का मुद्दा सभी मुद्दों और विचार विमर्श में प्रमुख रहा है. पर्यावरण से जुड़े ऐसे कई मुद्दे हैं जिनपर विचार विमर्श किए जाने की जरूरत है और लघु और दीर्घ काल में उनका बहुत महत्व है. दीर्घकालिक चिंताएं बहुत महत्वपूर्ण हैं औऱ उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. कई अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन हो रहे हैं.
कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे जिन्हें नहीं छोड़ना चाहिए वे इस प्रकार हैं–
• भारत उत्सर्जन और सुमित्रा चौधरी रिपोर्ट
• पश्चिम घाट पर गाडगिल रिपोर्ट
• हिमालय की पारिस्थितिकी, बादल फटना और उत्तराखंड एवं कश्मीर समेत निहितार्थ
• भूमि क्षरण, बंजर, मृदा क्षरण, आर्दभूमि प्रबंधन आदि
• शहरीकरण और पर्यावरण पर इसका प्रभाव
• महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय पर्यावरणीय सम्मेलन औऱ रियो कन्वेंशन, क्योटो प्रोटोकॉल आदि जैसी पहलें.
• भारत जैसे देशों में पर्यावरण संकट के कारण औऱ उनसे निपटने के लिए जरूरी कार्रवाई
• पर्यावरण मंजूरी पर चतुर्वेदी समिति की रिपोर्ट
• नदियों के पानी को आपस में जोड़ने संबंधित मुद्दे और उनकी समस्याएं.
• राष्ट्रीय उद्यानों में अतिक्रमण की समस्या
• रामसर कन्वेंशन, आईपीसीसी, आईयूसीएन, नागोया प्रोटोकॉल आदि
• ग्रीन बिल्डिंग, राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यूनल, ग्रीन क्लाइमेट फंड, ग्रीननेक्स
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