हाल ही में जयपुर में आईओसी में लगी आग से आर्थिक क्षति तो हुई ही, इसके साथ ही कई लोग घायल भी हो गए। ऐसे मुश्किल समय में सेफ्टी हेल्थ ऐंड एन्वायरनमेंटल विशेषज्ञ महत्वपूर्ण हो जाते हैं। यही कारण है कि इनकी डिमांड हर कंपनी या संस्थान में रहती है।
कार्य
इसके विशेषज्ञ किसी भी औद्योगिक और गैर औद्योगिक स्थान पर सुरक्षा मानकों का अध्ययन और क्रियान्वयन करते हैं। वे यह सुनिश्चित भी करते हैं कि किसी भी कार्य में लगे लोगों की संपत्ति और पर्यावरण की सुरक्षा को कोई खतरा न हो। कार्यस्थल पर लगने वाली मामूली या गहरी चोट, बीमारियों और राष्ट्रीय संपदा के नुकसान जैसी घटनाओं में कमी लाने में ये अहम रोल निभाते हैं।
कोर्स एवं योग्यता
आप इसमें एसोसिएट डिग्री इन हेल्थ सेफ्टी ऐंड एन्वायरनमेंट और मैनेजमेंट इन इंडस्ट्रियल सेफ्टी हेल्थ ऐंड एन्वायरनमेंट जैसे कोर्स कर सकते हैं। बशर्ते बारहवीं 50 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण हों। खतरे और दुघर्टनाएं, सुरक्षा कानून, निर्माण और इलेक्ट्रिकल सेफ्टी, केमिकल सेफ्टी, हाइजीन ऐंड सेफ्टी आदि विषय पढाए जाते हैं कोर्स के तहत प्रैक्टिकल भी कराया जाता है।
अवसर
दिल्ली कम्युनिटी कॉलेज के चेयरमैन वीरेन्द्र गर्ग के मुताबिक, इसमें नौकरी के बेहतर अवसर हैं। इससे संबंधित कोर्स करने के बाद सेफ्टी मैनेजर, फायर ऐंड सेफ्टी ऑडिटर, फायर ऐंड इंडस्ट्रियल सेफ्टी सुपरवाइजर, फायर सेफ्टी ऐंड सिक्यूरिटी ऑफिसर के रूप में नौकरी मिल सकती है। भारत सरकार ने कार्य स्थल पर सेफ्टी हेल्थ ऐंड एन्वायरनमेंट पर राष्ट्रीय नीति बना रखी है कि किसी भी सूरत में कर्मचारियों की सुरक्षा और उनके स्वास्थ्य की देखभाल जरूरी है।
लिहाजा हर कंपनी के लिए इसे रखना अनिवार्य है। जिस कंपनी में जोखिम वाला काम होता है, वहां इनकी काफी मांग है।
प्रमुख संस्थान
इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, मैदान गढी, नई दिल्ली
www.ignou.ac.in
दिल्ली कम्युनिटी कॉलेज
जी-680, राजनगर पार्ट-प्प् द्वारका, सेक्टर-7, नई दिल्ली-77
www.dccindia.com
इंस्टीट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट एंड फायर सेफ्टी,
सोमलहेरी, एनएच-22, मोहाली, पंजाब
फजले गुफरान
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