इंडियन यूनिवर्सिटी बनी यूके की पहली पसंद
ब्रिटेन के उच्च शिक्षा संस्थान भारतीय विश्वविद्यालयों के साथ व्यापक पैमाने पर सहयोग की दिशा में आगे बढ रहे हैं। यह सहयोग न केवल पाठ्यक्रमों के संयुक्त शिक्षण के क्षेत्र में हो रहा है, बल्कि अनुसंधान, शिक्षण सामग्री के विकास और विद्यार्थी तथा शिक्षकों के आदान-प्रदान में भी किया जा रहा है।
विधि के क्षेत्र में अग्रणी एवरशेड्स द्वारा किए गए अनुसंधान के अनुसार, भारत और चीन ब्रिटेन के संभावित सहयोगियों की सूची में शीर्ष पर हैं। ब्रिटिश विश्वविद्यालय तेजी से बढ रहे वैश्विक उच्च शिक्षा बाजार में विस्तार की दिशा में आगे बढ रहे हैं।
भारत सबसे पसंदीदा देशों की सूची में शीर्ष पर है, जहां 35 प्रतिशत विश्वविद्यालय देश को अपने लक्ष्य के तौर पर देखते हैं। इसके बाद चीन और अफ्रीका का स्थान है। कंपनी की ब्रिटिश विश्वविद्यालयों की अंतरराष्ट्रीय महत्वाकांक्षा रिपोर्ट में पाया गया है कि दो तिहाई से अधिक संस्थान अंतरराष्ट्रीय सहयोग के प्रयास में हैं।
अफगान छात्रा को ऑक्सफोर्ड स्कॉलरशिप
हाल के वर्र्षो में हिंसा से प्रभावित रहे अफगानिस्तान की एक छात्रा को स्नातकोत्तर अध्ययन के लिए पहली बार ऑक्सफोर्ड की वीडनफील्ड हाफमैन स्कॉलरशिप मिली है। वह विकास संबंधी अध्ययन में स्नातकोत्तर डिग्री की पढाई कर रही हैं।
वीडनफील्ड स्कॉलरशिप 2007 में शुरू हुई थी और उस समय 17 छात्रों को यह स्कॉलरशिप दी जाती थी, लेकिन अब इसे बढाकर 29 कर दिया गया है। इसका उद्देश्य उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को ऑक्सफोर्ड में पढने का अवसर मुहैया कराना है।
मुंबई में दर्जनों नए कॉलेज
मुंबई यूनिवर्सिटी की सिनेट ने मुंबई में 30, ठाणे में 38, रायगढ व रत्नगिरी में 19-19, सिंधुदुर्ग में 14 और नवी मुंबई में 12 कॉलेज बनाने की योजना को मंजूरी दे दी है। मुख्यधारा की डिग्रियों के अलावा कानून, हॉस्पिटैलिटी और सोशल वर्क के कॉलेज भी बनाए जाएंगे।
सूत्रों के अनुसार, सिनेट के 20 सदस्यों ने इसका समर्थन किया, जबकि 18 सदस्य इसके विरोध में थे। इसके अलावा मुंबई यूनिवर्सिटी की भविष्य की योजना के तहत इस बात को भी मंजूरी दी गई कि यूनिवर्सिटी ऐसी डिग्रियां भी देगा, जो संयुक्त रूप से मुंबई यूनिवर्सिटी तथा देश-विदेश की किसी अन्य यूनिवर्सिटी द्वारा दी जाएंगी।
सिनेट के एक सदस्य के अनुसार, नए कॉलेज गैर सहायता प्राप्त होंगे।
ब्रिटिश कांउसिल ने की स्कॉलरशिप की घोषणा
ब्रिटिश कांउसिल ने यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज के सैंट जोन्स कॉलेज में पीएचडी अध्ययन के लिए डा. मनमोहन सिंह स्कॉलरशिप 2010 की घोषणा की है। ब्रिटिश काउंसिल की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि स्कॉलरशिप से विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी, अर्थशास्त्र और सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों में पीएचडी के अध्ययन के लिए भारतीय छात्रों की मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सम्मान में यह स्कॉलरशिप 2007 में स्थापित की गई थी, जो सैंट जोन्स कॉलेज के स्नातक एवं मानद सदस्य हैं। इस साल एप्लीकेशंस इन एरोस्पेस इंजीनियरिंग तथा एनर्जी स्टडीज खास रुचि के विषय होंगे।
ऑस्ट्रेलियाई यूनिवर्सिटी में भारतीयों के लिए विशेष सुविधा
भारतीय छात्रों को शिक्षा सुविधाओं समेत अन्य जरूरी जानकारी सही तौर पर देने के लिए मेलबर्न के एक विश्वविद्यालय ने विशेष सेवा की शुरुआत की है। स्विनबर्न यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के एक वक्तव्य में कहा गया है कि हालांकि छात्रों से संवाद के लिए फोन, एसएमएस और ऐसी ही कई सुविधाएं जारी हैं, लेकिन विश्वविद्यालय ने आस्क-ए-स्विनमेट नाम की एक नई सुविधा उपलब्ध कराई है।
इस सुविधा से छात्रों और उनके अभिभावकों को कैंपस और वहां के जीवन के बारे में ज्यादा जानकारी दी जाएगी। योजना की संयोजक के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए विश्वविद्यालय के कार्यक्रमों और यहां के जीवन के बारे में जानने के लिए किसी समारोह में भाग लेना मुश्किल होता है। आस्क-ए-स्विनमेट कार्यक्रम छात्रों को यहां की स्थितियों में रह रहे छात्र से हर तरह की जानकारी लेने में मदद करेगा।
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