एक परीक्षा से 19 बैंकों में इंट्री
विभिन्न बैंकों में अधिकारी वर्ग की बहुत सी नियुक्तियां इंटरनल एग्जाम के जरिए की जा रही हैं, जिनके द्वारा क्लर्कों को अधिकारी वर्ग में नियुक्त किया जा रहा है। दूर-दराज के क्षेत्रों में बैंकों के विस्तार के साथ ही कनिष्ठ प्रबंधक पद के लिए योग्य उम्मीदवारों की तलाश हर बैंक को है। आज सभी बैंक इस पद के लिए उम्मीदवारों का चयन दो तरीके से करते हैं। पहला तरीका तो यह है कि वे अपने ही विभाग में लिपिकों को इस तरह की परीक्षा में सम्मिलित करते हैं और उन्हीं में से सूटेबल लोगों का चयन कर लेते हैं। बैंक अधिकारी वर्ग के लिए समय-समय पर सीधी भर्तियां भी आयोजित करती हैं। पब्लिक सेक्टर की 19 बैंक अब प्रोबेशनरी ऑफिसर और मैनेजमेंट ट्रेनी की पोस्ट के लिए कॉमन रिटेन एग्जामिनेशन का आयोजन करने जा रही हैं। कॉमन रिटेन एग्जामिनेशन का आयोजन आईबीपीएस द्वारा किया जाएगा।
अपेक्षित योग्यता
बैंक में पीओ और मैनेजमेंट ट्रेनी के लिए ग्रेजुएट आवश्यक है। कहने का आशय यह है कि यदि आप किसी भी विषय से ग्रेजुएट हैं, तो आप इस परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं। अगर आप जनरल केटेगरी में आते हैं, तो अधिकतम उम्र सीमा 30 वर्ष और न्यूनतम उम्र सीमा 21 वर्ष निर्धारित है। ओबीसी के लिए अधिकतम उम्र सीमा में तीन वर्ष, एससी, एसटी के लिए 5 वर्ष और विकलांग व्यक्तियों के लिए दस वर्ष तक की छूट का प्रावधान है।
क्या है चयन प्रक्रिया
पब्लिक सेक्टर के बैंकों में प्राय: प्रोबेशनरी ऑफिसर पदों के लिए दो स्तरीय परीक्षाएं होती हैं। पहले चरण में लिखित परीक्षा तथा दूसरे चरण में ग्रुप डिस्कशन व इंटरव्यू होता है। पहले चरण में क्वालिफाइंग माक्र्स हासिल करने वाले कैैंडीडेट को ही दूसरे चरण में ग्रुप डिस्कशन व इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है। दोनों चरणों में प्राप्त माक्र्स के आधार पर ही अंतिम मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है। लिखित परीक्षा के पहले चरण में वस्तुनिष्ठ अर्थात ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न पूछे जाते हैं। अंग्रेजी भाषा, तर्कशक्ति परीक्षण, मैथ्स, बैंकिंग से संबंधित सामान्य और कंप्यूटर से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे। इसके अलावा अंग्रेजी में वर्णनात्मक प्रकार के प्रश्न पूछे जाएंगे। डिसक्रिप्टिव पेपर के अंतर्गत एस्से, प्रेसिस, लेटर राइटिंग से प्रश्न पूछे जाएंगे। इसमें मिनिमम क्वालीफाइंग माक्र्स लानेवाले स्टूडेंट्स का ही ऑब्जेक्टिव पेपर देखे जाएंगे। उसके बाद एक स्कोर कार्ड मिलेगा, जिसमें आपके प्राप्त अंक रहेंगे। इस स्कोर कार्ड की मान्यता एक वर्ष तक रहेगी। कहने का आशय यह है कि आपको एक वर्ष तक 19 सार्वजनिक बैंकों में लिखित परीक्षा नहीं देनी होगी। आपको सिर्फ ग्रुप डिस्कशन और इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा। इसमें सफल होने के बाद आप उस बैंक में मैनेजमेंट ट्रेनी या पीओ बनने के योग्य हो जाएंगे।
निगेटिव मार्किंग का है प्रावधान
इस परीक्षा में निगेटिव अंक का प्रावधान है। यदि आप एक प्रश्न गलत करते हैं, तो आपके सही प्रश्नों में से प्राप्त किए गए अंकों में से एक चौथाई अंक काट लिए जायेगा। इसलिए आप उन्हीं प्रश्नों को हल करें, जिसे अच्छी तरह से जानते हों। यदि आप उत्तर नहीं जानते हैं, तो गलत उत्तर देने से बचें।
तैयारी से बनेगी बात
किसी भी परीक्षा में सफलता तभी मिल सकती है, जब आपकी तैयारी बेहतर होगी। अच्छी तैयारी तभी कर पाएंगे, जब आपको संबंधित विषय में सभी तरह की जानकारी होगी। इसके लिए सबसे पहले प्रश्नों के पैटर्न को देखें। बेहतर होगा कि पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों को आधार बनाकर तैयारी के लिए योजना बनाएं। वस्तुनिष्ठï परीक्षा में यदि प्रश्नों को तेजी और शुद्धता से हल करने की आदत नहीं है, तो अधिकांश प्रश्नों के जवाब दे पाना संभव नहीं है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए अधिक से अधिक संख्या में प्रश्नों को हल करने का अभ्यास करें और शुद्धता का भी पूरा ध्यान रखें। गणित के प्रश्नों को शॉर्टकट फार्मूले से हल करने का प्रयास करें। रीजनिंग और न्यूमेरिकल के लिए विश्वसनीय पुस्तक पढऩे के अलावा पत्रिकाओं की मदद से प्रैक्टिस सेट हल करें। इस तरह की परीक्षा में अभ्यास महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि अभ्यास से ही आपको समय रहते अपनी कमियों का पता चलेगा। अंग्रेजी के लिए ग्रामर की प्रमाणिक पुस्तक पढ़ें और राष्ट्रीय अंग्रेजी दैनिक समाचार पत्रों की सहायता से शब्द भंडार बढ़ाते रहें। अपनी तैयारी को बेहतर शेप देने के लिए आप अभ्यास के दौरान एक लिस्ट बनाते चलें। इस लिस्ट में अपनी गलतियों को लिखें। गलतियों से सीखते हुए अपनी कमजोरियों को दूर करने की कोशिश करें। इस तरह की रणनीति अपनाने से आप अपनी कमियों से समय रहते ही पार पा लेंगे और परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करेंगे।
इंटरव्यू और जीडी है अहम
यदि लिखित परीक्षा पास कर जाते हैं, तो इंटरव्यू में एंट्री करेंगे। यह अंतिम परीक्षा है। इस कारण बहुत से अभ्यर्थी इसके नाम से ही नर्वस हो जाते हैं। इस संबंध में सफल अभ्यर्थी और विशेषज्ञों का यही कहना है कि इसमें आत्मविश्वास का अहम रोल होता है। इस कारण आप किसी भी प्रश्नों का उत्तर टू दी प्वाइंट दें। यदि नहीं जानते हैं, तो गलत उत्तर देने से बचें। आप यह सोचकर जाएं कि सभी प्रश्नों का उत्तर सभी व्यक्ति नहीं दे सकते हैं। जहां तक प्रश्न पूछने की बात है, तो प्राय: सभी इंटरव्यू करेंट से संबंधित होते हैं।
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