देश के एजुकेशन सिस्टम में इन दिनों काफी बदलाव देखा जा रहा है। इसमें कुछ प्राइवेट शिक्षण-संस्थानों की अहम भूमिका है। जहां तक मैनेजमेंट शिक्षा की बात है, तो नि:संदेह छात्र आईआईएम को प्राथमिकता देते हैं। वहीं, दूसरी ओर जो छात्र कुछ करना चाहते हैं, बेहतर करियर चाहते हैं, वे देश के कुछ उत्कृष्ट मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट की ओर रुख कर रहे हैं। गौरतलब है कि इन्हीं कुछ गिने-चुने और प्रतिष्ठित निजी संस्थानों में आईआईपीएम का नाम भी शामिल है। हाल ही में, इस संस्थान में दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। दरअसल, इस समारोह में युवा प्रबंधकों को प्रोत्साहित करने के लिए मध्यप्रदेश के राज्यपाल बलराम जाखड (बतौर मुख्य-अतिथि) भी मौजूद थे। इस मौके पर उन्होंने कहा-हमें अपनी ओर से बेस्ट करने की कोशिश जरूरी करनी चाहिए, क्योंकि अच्छी कोशिश कभी बेकार नहीं होती है। यह बात आज आर्थिक मंदी के दौर में बिल्कुल सटीक बैठती है। दरअसल, यहां अपने काम के प्रति जो ऑनेस्ट हैं और बेहतर समझ-बूझ के साथ आगे बढते हैं, उन्हें इस दौर में भी आगे बढने से कोई रोक नहीं सकता। उल्लेखनीय है कि इस समारोह में संस्थान के संस्थापक निदेशक एम.के. चौधरी और मानद डीन अरिंदम चौधरी के साथ-साथ कुछ प्रमुख कंपनियों के पदाधिकारी भी मौजूद थे। इस खास मौके पर डीन अरिंदम चौधरी ने कहा, हमें यह कभी नहीं सोचना चाहिए कि हम जो कर रहे हैं, उसका परिणाम क्या होगा या हमें कितना मिलेगा। सच तो यह है कि कर्म को पूजा मानने वाले लोग ही जीवन में एक बेहतर मुकाम हासिल कर सकते हैं। क्योंकि इसमें कोई दो राय नहीं कि जितने भी सफल व्यक्तिहैं, वे अपने निष्काम कर्म और पढाई के प्रति अपने जुनून और समर्पण के कारण ही आगे बढ पाते हैं। इस मौके पर वर्ष 2006-08 के बैच के स्टार परफॉर्मर छात्रों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए डायरेक्टर्स गोल्ड और सिल्वर अवॉर्ड भी दिए गए।
प्रस्तुति : जोश डेस्क
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