900 वर्ष तक सूखे के कारण सिंधु घाटी सभ्यता समाप्त हुई: आईआईटी खड़गपुर

Apr 17, 2018, 10:00 IST

आईआईटी खड़गपुर के भूगर्भशास्त्र और भूभौतिकी विभाग के शोधकर्ताओं ने पिछले लगभग 5000 साल के दौरान मॉनसून के पैटर्न का अध्ययन किया और पाया कि लगभग 900 साल तक उत्तर पश्चिम हिमालय में बारिश न के बराबर हुई.

900 year drought wiped out Indus valley civilisation
900 year drought wiped out Indus valley civilisation

आईआईटी, खड़गपुर के शोधकर्ताओं द्वारा किये गये अध्ययन में यह पाया गया है कि सिंधु घाटी सभ्यता का अंत सैंकड़ों वर्षों के भयंकर सूखे के कारण हुआ. शोधकर्ताओं ने लगभग 4350 साल पहले सिंधु घाटी सभ्यता के खत्म होने की वजह बने सूखे की अवधि का पता लगाया है. आईआईटी खड़गपुर के वैज्ञानिकों को एक शोध में पता चला है कि यह सूखा कुछ साल या कुछ दशक नहीं बल्कि पूरे 900 साल तक चला था.

वैज्ञानिकों ने उस थ्योरी को भी गलत साबित कर दिया, जिसमें सूखे के 200 साल में खत्म हो जाने की बात कही गई थी.

आईआईटी खड़गपुर के शोध के मुख्य बिंदु

•    आईआईटी, खड़गपुर के भूगर्भशास्त्र और भूभौतिकी विभाग के शोधकर्ताओं ने पिछले लगभग 5000 साल के दौरान मॉनसून के पैटर्न का अध्ययन किया और पाया कि लगभग 900 साल तक उत्तर पश्चिम हिमालय में बारिश न के बराबर हुई.

•    प्रसिद्ध जर्नल क्वारर्टरनरी इंटरनेशनल में प्रकाशित उनके शोध के अनुसार 4,350 साल पहले सिंधु घाटी सभ्य्ता के समाप्त  होने का कारण भयंकर सूखा था.

•    अध्ययन में यह भी सामने आया है कि 2,350 ई.पू. (4,350 साल पहले) से 1,450 ई.पू. तक मॉनसून सिंधु घाटी सभ्यता वाले इलाके में काफी कमजोर होने लगा था और धीरे-धीरे सूखा पड़ने लगा.

•    इस कारण सिंधु और इसकी सहायक नदियां जो बारिश से सालों भर भरी रहती थीं, सूख गईं. इन नदियों के किनारे ही सिंधु घाटी सभ्यता अस्तित्व में थी.

•    नदियों में पानी खत्म होने से लोग पूर्व और दक्षिण की ओर गंगा-यमुना घाटी की ओर चले गए जहां बारिश बेहतर होती थी.

•    नये क्षेत्रों में यहां के सभी निवासी स्थानांतरित हो गये और यह क्षेत्र पूरी तरह खाली हो गये.

 


सिंधु घाटी सभ्यता के बारे में


सिंधु और इसकी सहायक नदियों रावी, चिनाब, व्यास और सतलुज के किनारे बसने के कारण ही इस सभ्यता का नाम सिंधु घाटी सभ्यता पड़ा था, लेकिन इसके निशान तटीय गुजरात और राजस्थान तक में मिलते हैं. इस वजह से इस सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता के नाम से भी पुकारा जाने लगा. हड़प्पा में ही इस सभ्यता के अवशेष सबसे पहली बार मिले थे. मोहनजोदड़ो, कालीबंगा, लोथल, धोलावीरा, राखीगढ़ी और हड़प्पा इसके प्रमुख केन्द्र थे. इसे विश्व की प्राचीनतम तथा सबसे समृद्ध सभ्यता माना जाता है. इन घाटियों से पलायन कर रहे लोग गंगा-यमुना घाटी की ओर और बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, विंध्याचल और गुजरात जाने लगे तथा इसका अस्तित्व समाप्त होता गया.

 

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Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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