केंद्र सरकार और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने 11 दिसंबर 2018 को तमिलनाडु में पर्यटन उद्योग का विकास करने तथा पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के लिए 31 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किये.
पर्यटन अवसंरचना विकास निवेश कार्यक्रम के लिए समझौते की चौथी किश्त पर भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग के अपर सचिव समीर कुमार खरे (फंड बैंक और एडीबी) तथा एशियाई विकास बैंक की ओर से भारत में बैंक के निदेशक केनिची योकोयामा ने हस्ताक्षर किये.
लाभ:
इस परियोजना से तमिलनाडु में पर्यटन अवसंरचना बेहतर होगी और इससे राज्य में प्राकृतिक व सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में मदद मिलेगी. पर्यटकों की संख्या बढ़ने से तमिलनाडु में अतिरिक्त रोजगार के अवसरों का सृजन होगा. इससे गरीबों और महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण तथा सामुदायिक गतिविधियों के जरिए लाभ प्राप्त होगा.
परियोजना से संबंधित मुख्य तथ्य:
इस परियोजना से आठ विरासत स्मारक, एक म्यूजियम, तीन मंदिर तथा एक तालाब को संरक्षित किया जाएगा और इनका पुर्नउद्धार किया जाएगा.
पर्यटन स्थलों पर विभिन्न तरह की सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा, जैसे सूचना केन्द्र, विश्राम केन्द्र व शौचालय आदि. इन सुविधाओं में सौर ऊर्जा की आपूर्ति की जाएगी.
परियोजना की कुल लागत:
इस परियोजना की कुल लागत 44.04 मिलियन डॉलर है. इस राशि में भारत सरकार का योगदान 13.04 मिलियन डॉलर रहेगा. अनुमान है कि जून 2020 में यह परियोजना पूरी हो जाएगी.
आईडीआईपीटी ऋण का लक्ष्य:
यह ऋण पर्यटन के लिए बुनियादी ढांचा विकास एवं निवेश कार्यक्रम (आईडीआईपीटी) का हिस्सा है. सितंबर 2010 में मंजूर 250 मिलियन डॉलर आईडीआईपीटी ऋण का लक्ष्य है-तमिलनाडु के अतिरिक्त पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देकर स्थानीय समुदायों के लिए अवसरों का निर्माण करना और स्थानीय अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देना. इस लक्ष्य को प्राकृतिक व सांस्कृतिक विरासत के स्थलों का विकास व संरक्षित करके प्राप्त किया जाएगा.
पर्यटन स्थलों के आस-पास अवसंरचना का विकास किया जाएगा. इससे कनेक्टिविटी बढ़ेगी और पर्यटन-क्षमता का निर्माण होगा.
त्रिवर्षीय कार्ययोजना:
केंद्र सरकार ने विकास और रोजगार के अवसरों के सृजन हेतु पर्यटन, यात्रा और सेवा क्षेत्र को विशेष प्राथमिकता दी है और इसके लिए त्रिवर्षीय (2017-2018 से 2019-2020) कार्ययोजना तैयार की गयी है.
इस कार्य योजना में भारत के संभावना वाले तीन क्षेत्रों की पहचान की गयी है.
• आगंतुकों की संख्या
• सांस्कृतिक उद्योग को मजबूती प्रदान करते हुए वैश्विक उपस्थिति को बेहतर बनाना.
• आबादी के गरीब तबकों के बीच बड़ी संख्या में रोजगार के अवसरों को सृजित करने के लिए क्षमता निर्माण.
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के बारे में:
• एशियाई विकास बैंक (एडीबी) एक क्षेत्रीय विकास बैंक है. इस बैंक की स्थापना 19 दिसम्बर 1966 को एशियाई देशों के आर्थिक विकास के सुगमीकरण के लिए की गयी थी.
• इस बैंक का उद्देश्य एशिया में सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है.
• इसका मुख्यालय मनीला (फिलीपींस) में स्थित है. इसके कुल 67 सदस्य हैं, जिनमें से 48 एशिया और प्रशांत क्षेत्र जबकि बाकी 19 अन्य क्षेत्र के हैं.
• एडीबी का प्रारूप काफी हद तक विश्व बैंक के आधार पर बनाया गया था और विश्व बैंक के समान यहां भी भारित वोट प्रणाली की व्यवस्था है जिसमे वोटों का वितरण सदस्यों के पूंजी अभिदान अनुपात के आधार पर किया जाता है.
यह भी पढ़ें: केंद्र सरकार और विश्व बैंक ने 310 मिलियन डॉलर के ऋण समझौता पर हस्ताक्षर किया
Comments
All Comments (0)
Join the conversation