ब्रिटेन और यूरोपीय संघ (ईयू) के मध्य 08 दिसंबर 2017 को ब्रेक्जिट के तहत एक ऐतिहासिक समझौता हुआ. इस समझौते के बाद यूरोपीय संघ ने घोषणा की कि ब्रिटेन के बनाए अपने डिवोर्स बिल, आयरिश सीमा और नागरिकों के अधिकार सहित ब्रेक्जिट से जुड़े मुद्दों पर 'पर्याप्त प्रगति' की है.
यूरोपीय संघ के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क ने नेताओं से कारोबार और पारगमन वार्ता शुरू करने के लिए एक शिखर सम्मेलन करने की सिफारिश की. यूरोपीय संघ ने इस समझौते की अंतिम समय सीमा 10 दिसंबर 2017 तय की है.
इससे पहले यूरोपीय संघ के अध्यक्ष जीन-क्लाउड जंकर के साथ बातचीत के लिए प्रधानमंत्री थेरेसा मे ब्रसेल्स गई थीं ताकि इस ऐतिहासिक कदम को सफल बनाया जा सके. इस रणनीति से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि 29 मार्च, 2019 को यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के हटने के बाद ब्रिटिश-शासित उत्तरी आयरलैंड और ईयू के सदस्य आयरलैंड की सीमाओं के बीच फिर कोई चौकी (चेकप्वाइंट) नहीं बनाई जाएगी.
मुख्य बिंदु
• उत्तरी आयरलैंड में कोई हार्ड बॉर्डर (पूर्ण सीमा) नहीं होगा और ब्रिटेन 1998 के गुड फ्राइडे शांति समझौते के मुताबिक ही चलेगा.
• डिवोर्स बिल में ब्रिटेन ने ईयू से अलग होने के बदले करीब 40 (करीब 3,033 अरब रुपये) से 45 अरब यूरो (करीब 3413 अरब रुपये) देगा.
• साथ ही अपने यहां रह रहे करीब 30 लाख यूरोपीय नागरिकों के हितों की रक्षा का वादा भी इस बिल में किया गया है.
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