Tata-Airbus Project: यूरोप की प्रमुख विमानन कंपनी एयरबस (Airbus) और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स (TASL) गुजरात के वडोदरा में भारतीय वायु सेना (IAF) के लिए C-295 परिवहन विमान का निर्माण करेंगी. सितंबर 2021 में, भारत ने वायु सेना के पुराने एवरो-748 विमानों को बदलने के लिए एयरबस से ₹21,000 करोड़ का सौदा किया था.
पीएम मोदी 30 अक्टूबर को वडोदरा में C-295 परिवहन विमान के निर्माण संयंत्र की आधारशिला रखी जो भारत के लिए एक ऐतिहासिक पल था. सितंबर 2026 में गुजरात में निर्मित पहले विमान के आने की सम्भावना जताई जा रही है.
C-295 transport aircraft for the Indian Air Force to be manufactured by Tata-Airbus at Vadodara in Gujarat: Defence Officials pic.twitter.com/0txKqTlDIX
— ANI (@ANI) October 27, 2022
पहली बार, C-295 विमान का निर्माण यूरोप के बाहर:
भारत के रक्षा सचिव अजय कुमार ने बताया की यह पहली बार है जब C-295 विमान का निर्माण यूरोप के बाहर किया जायेगा. ऐसी पहल भारत को एक अग्रणी मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने में मदद करेगी. यह पहली बार होगा जब भारत में सैन्य विमानों का निर्माण किया जायेगा.
सौदे की प्रमुख बातें:
- इस समझौते के तहत एयरबस चार साल के भीतर सेविले, स्पेन में 'फ्लाई-अवे' स्थिति में पहले 16 विमानों का निर्माण करेगी.
- भारत में अन्य 40 विमानों का निर्माण और संयोजन TASL द्वारा एक औद्योगिक के हिस्से के रूप में किया जाएगा. जिसके लिए इस प्लांट की आधारशिला रखी जाएगी.
- इसके लिए नियामक अनुमोदन वैमानिकी गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय (DGAQA) द्वारा पिछले सप्ताह मंजूरी प्रदान की गयी थी.
- केंद्र ने पिछले महीने एयरबस से 56 परिवहन विमानों की खरीद को मंजूरी दी थी. इस अनुबंध के हिस्से के रूप में, 16 विमान उड़ान भरने की स्थिति में भारत को दिए जाएंगे और 40 विमानों का निर्माण भारत में किया जाएगा.
C-295 विमान के बारें में:
C-295 विमान सेना के उपयोग के लिए एक बेहतर विमान होता है. CASA C-295 (Airbus C295) एक मध्यम सामरिक परिवहन विमान है जिसे स्पेनिश एयरोस्पेस कंपनी CASA द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया था. नवंबर 1996 के दौरान, स्पेनिश एयरोस्पेस कंपनी CASA ने औपचारिक रूप से C-295 पर कम शुरू किया था.
C295 को 71 सैनिकों या 50 पैराट्रूपर्स को ले जाने के लिए एक बेहतर विमान के रूप में जाना जाता है. इनका उपयोग उन स्थानों पर रसद संचालन के लिए भी किया जाता है जहाँ भारी विमानों की पहुँच सुलभ नहीं होती है. यह विमान विशेष मिशन के साथ-साथ आपदा और समुद्री गश्ती कार्यों को भी पूरा करने में सक्षम है.
C295 की लंबाई 12.7 मीटर या 41 फीट 8 है एयरबस का दावा है कि विमान 71 सीटों तक समायोजित कर सकता है, जो अपने प्रतिस्पर्धियों की तुलना में बहुत अधिक क्षमता प्रदान करता है.
मेक-इन-इंडिया पहल को मिलेगी मजबूती:
भारत में इस सैन्य विमान के निर्माण से भारत के मेक इन इंडिया पहल को और मजबूती मिलेगी. यह पीएम मोदी के उस सपने को भी साकार करेगा जिसमे वह भारत को एक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में देखते है. यह टाटा-एयरबस सौदा पीएम के "मेक-इन-इंडिया" अभियान के लिए एक महत्वपूर्ण लाभ के रूप में देखा जा रहा है ताकि सैन्य प्रौद्योगिकी और उपकरणों पर अन्य देशों पर निर्भरता को कम किया जा सके.
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