गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल को मध्य प्रदेश की 27वीं गवर्नर चयनित किया गया है. वे ओम प्रकाश कोहली का स्थान लेंगी. इस संबंध 19 जनवरी 2018 को राष्ट्रपति भवन से अधिसूचना जारी की गयी.
आनंदीबेन पटेल को नरेंद्र मोदी के बाद गुजरात की सबसे बड़ी सुधारक के रूप में जाना जाता है. वे गुजरात की मोदी सरकार में कई विभागों की कैबिनेट मंत्री रह चुकी हैं. सितंबर में, 2016 में रामनरेश यादव का कार्यकाल समाप्त होने के बाद कोहली को मध्य प्रदेश के अतिरिक्त राज्यपाल का दायित्व सौंपा गया था.
आनंदीबेन पटेल का आरंभिक जीवन परिचय
• आनंदीबेन का जन्म 21 नवम्बर 1941 में गुजरात में हुआ.
• आनंदी बेन ने विज्ञान विषय में स्नातक किया और स्नातकोत्तर डिग्री में स्वर्ण पदक भी हासिल किया.
• वर्ष 1967 में उन्होंने अहमदाबाद के मोहिनीबा कन्या विद्यालय में हायर सेकंडरी स्टूडेंट्स को विज्ञान और गणित पढ़ाना शुरू किया. आगे चलकर वे इसी स्कूल की प्रिंसिपल भी नियुक्त की गईं.
• वर्ष 1987 में स्कूल के एक पिकनिक टूर के दौरान दो बच्चों के पानी में गिर जाने पर आनंदीबेन ने पानी में कूदकर उनकी जान बचाई थी. इसके लिए उन्हें गुजरात सरकार ने गैलंट्री अवॉर्ड दिया गया था.
• आनंदीबेन को सर्वश्रेष्ठ अध्यापक के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार भी मिल चुका है. वर्ष 1997 में उन्होंने अध्यापन से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली.
आनंदीबेन पटेल का राजनीतिक जीवन परिचय
• आनंदीबेन पटेल वर्ष 1988 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुई थीं. पहली बार वे उस समय चर्चा में आईं जब उन्होंने अकाल पीड़ितों के लिए इंसाफ मांगने के कार्यक्रम में हिस्सा लिया.
• वर्ष 1998 में गुजरात कैबिनेट में आने के बाद से उन्होंने शिक्षा और महिला एवं बाल कल्याण जैसे मंत्रालयों का जिम्मा सँभाला.
• शहरी विकास और राजस्व मंत्री के रूप में उन्होने ई-जमीन कार्यक्रम, जमीन के स्वामित्व डाटा और जमीन के रिकॉर्ड को कंप्यूटरीकृत करके जमीन के सौदों में होने वाली धांधली की आशंका को कम कर दिया. उनकी इस योजना से गुजरात के 52 प्रतिशत किसानों के अंगूठे के निशानों और तस्वीरों का कंप्यूटरीकरण सफल हुआ.
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद आनंदीबेन पटेल को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया था. वे 22 मई 2014 से 7 अगस्त 2016 तक इस पद पर रहीं.
गौरतलब है कि आनंदीबेन ने गुजरात में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था. उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखकर कहा था कि उनकी जगह किसी युवा कार्यकर्ता को टिकट दिया जाए.
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