केंद्र सरकार ने वरिष्ठ अंतरिक्ष वैज्ञानिक के. सिवन को 10 जनवरी 2018 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का अध्यक्ष नियुक्त किया हैं. वे इससे पहले 104 सैटेलाइट को एक साथ अंतरिक्ष में भेजने में इसरो की मदद कर चुके हैं.
के. सिवन वर्तमान में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में निदेशक हैं. वे ए.एस. किरण कुमार का स्थान लेंगे जिनकी नियुक्ति 12 जनवरी 2015 को हुई थी. उनका कार्यकाल तीन वर्ष का होगा.
के. सिवन:
• के. सिवन ने वर्ष 1980 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग (वैमानिक इंजीनियरिंग) में स्नातक किया.
• उन्होंने वर्ष 1982 में बेंगलुरु के आइआइएससी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में स्नातकोत्तर किया.
• उन्होंने वर्ष 2006 में आइआइटी बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी पूरी की.
• उन्होंने वर्ष 1982 में इसरो में आए और पीएसएलवी परियोजना पर काम किया.
• उन्होंने एंड टू एंड मिशन प्लानिंग, मिशन डिजाइन और मिशन इंटीग्रेशन एंड एनालिसिस में काफी योगदान दिया है.
• वे इंडियन नेशनल ऐकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग, एयरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया और सिस्टम्स सोसाइटी ऑफ इंडिया में फैलो हैं.
• उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा गया है, जिनमें चेन्नई की सत्यभामा यूनिवर्सिटी से अप्रैल 2014 में डॉक्टर ऑफ साइंस मिला और वर्ष 1999 में श्री हरी ओम आश्रम प्रेरित डॉ विक्रम साराभाई रिसर्च अवॉर्ड शामिल है.
• उन्हें ‘रॉकेट मैन’ भी कहा जाता है.
इसरो:
इसरो का पूरा नाम भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन हैं. यह भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान है जिसका मुख्यालय बेंगलुरू कर्नाटक में है. संस्थान में लगभग सत्रह हजार कर्मचारी एवं वैज्ञानिक कार्यरत हैं. संस्थान का मुख्य कार्य भारत के लिये अंतरिक्ष संबधी तकनीक उपलब्ध करवाना है. अन्तरिक्ष कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्यों में उपग्रहों, प्रमोचक यानों, परिज्ञापी राकेटों और भू-प्रणालियों का विकास शामिल है.
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