वित्त मंत्री अरुण जेटली ने देश का 88वां आम बजट और मोदी सरकार का पांचवां बजट पेश किया. वित्त मंत्री ने आम बजट 2018 पेश करते हुए छात्रों का विशेष ध्यान रखा हैं. बजट में शिक्षा को खास स्थान दिया गया है, देश में शिक्षा की स्थिति सुधरेगी.
बजट 2018 में छात्रों के लिए की गयी प्रमुख घोषणाएं:
छात्रों के लिए रोजगार का बढ़ावा: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट 2018 के माध्यम से युवाओं को रोजगार देने का वादा किया है. संसद में आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार अगले वित्त वर्ष में 70 लाख लोगों को नौकरी देगी. कंपनियां नए युवाओं को ज्यादा जॉब दें, इसके लिए सरकार ने जॉब के शुरुआती 3 साल में अपनी तरफ से 12 फीसदी पीएफ योगदान का घोषणा किया है.
आदिवासियों के लिए एकलव्य स्कूल खोले जायेगें: नवोदय विद्यालय के तर्ज पर अब आदिवासी इलाकों में बच्चों के लिए 'एकलव्य विद्यालय' खोले जाएंगे. इसके साथ ही सरकार स्कूलों में ब्लैक बोर्ड को डिजिटल बोर्ड में बदलने की ओर भी सरकार प्रयास करेगी. सरकार ने जनजातीय लोगों को अच्छी शिक्षा देने पर जोर दिया हैं. इससे अनुसूचित जातियों के लोगों से जुड़े कल्याण कोष को बढ़ावा मिलेगा. इन स्कूलों में खेल एवं कौशल विकास प्रशिक्षण के अलावा स्थानीय कला एवं संस्कृति के संरक्षण के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध होंगी.
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शिक्षकों के लिए एकीकृत बीएड कोर्स की शुरुआत की जाएगी: सेवाकाल के दौरान शिक्षकों के प्रशिक्षण की गंभीर प्रकृति का उल्लेख करते हुए वित्त मंत्री ने शिक्षकों के लिए एक एकीकृत बीएड पाठ्यक्रम शुरू करने की बात कही. जिससे शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार होगी.
शिक्षकों के लिए दीक्षांत पोर्टल की शुरुआत की जाएगी: इस बार 13 लाख से ज्यादा शिक्षकों को ट्रेनिंग दिए जाने का लक्ष्य हैं. इस लक्ष्य की राह में तकनीकी डिजिटल पोर्टल 'दीक्षा' से मदद मिलेगी. जिससे शिक्षा के क्षेत्र में विकास हो सके.
प्रधानमंत्री अनुसंधान फेलो योजना: इस योजना के तहत हम हर साल प्रमुख संस्थानों के एक हजार सर्वश्रेष्ठ बीटेक विद्यार्थियों की पहचान करेंगे. उन्हें आईआईटी और भारतीय विज्ञान संस्थान में पीएचडी करने की सुविधा प्रदान करेंगे. छात्रों को एक अच्छी फेलोशिप रकम भी प्रदान की जाएगी.
24 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे: सरकार का लक्ष्य हर तीन लोकसभा सीटों पर 1 मेडिकल कॉलेज खोलना होगा. उत्तर प्रदेश को इनमें से आठ मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए केंद्र से सहायता मिलेगी. इससे देश में मेडिकल सेवा का दायरा बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी. नए मेडिकल कॉलेज खुलने से डॉक्टरी के क्षेत्र में सेवा करने के इच्छुक छात्र को काफी सहूलियत होगी और रोजगार के अवसर पैदा होंगे.
वडोदरा में रेलवे यूनिवर्सिटी स्थापित करने का प्रस्ताव: बड़ोदरा की रेलवे यूनिवर्सिटी की तरह दो कॉलेज और खोले जाएंगे, जिसमें निजी निवेश भी शामिल है. भारतीय रेलवे अब लोगों को सिर्फ सफर ही नहीं कराएगी, बल्कि युवाओं को शिक्षित भी करेगी. जिससे रोजगार बढ़ेगा और बेरोजगारी कम होगा. इससे युवाओं को फायदा होगा और युवाओं को नौकरी के लिए भटकना नहीं पड़ेगा.
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