केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 23 मई 2018 को कार्मिक प्रबंधन तथा लोक प्रशासन के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और सिंगापुर के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर को अपनी स्वीकृति दे दी है. यह बैठक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई.
उद्देश्य |
समझौता ज्ञापन का उद्देश्य शासन संचालन की वर्तमान प्रणाली विशेषकर कार्यबल, कार्यस्थल तथा नौकरी, जनसेवा डिलिवरी, मानव संसाधन प्रबंधन, सार्वजनिक क्षेत्र सुधार, नेतृत्व/प्रतिभा विकास तथा ई-गवर्नेंस और डिजिटल सरकार के क्षेत्र में सुधार करना है. |
समझौता से होने वाले फायेदे:
- समझौता ज्ञापन लोक प्रशासन तथा शासन संचालन सुधारों के क्षेत्र में भारत और सिंगापुर के बीच सहयोग की रूपरेखा प्रदान करेगा.
- इसका उद्देश्य नवाचारी शिष्ट व्यवहारों का प्रयोग करना भी है, ताकि ऑनलाइन जनसेवा, डिलिवरी सुधार में उत्कृष्टता हासिल की जा सके.
- इसका उद्देश्य लोक प्रशासन, सुशासन तथा जन सेवा सुधार में उत्कृष्टता प्राप्त करना है जिससे अधिक सार्वजनिक दायित्व सुनिश्चित होगा और इसे प्रोत्साहन मिलेगा.
- समझौते के तहत लोक प्रशासन सेवा में सुधार लाया जाएगा.
लोक प्रशासन:
- लोक प्रशासन मोटे तौर पर शासकीय नीति के विभिन्न पहलुओं का विकास, उन पर अमल एवं उनका अध्ययन है. प्रशासन का वह भाग जो सामान्य जनता के लाभ के लिये होता है, लोकप्रशासन कहलाता है.
- इसका प्रमुख उद्देश्य और अस्तित्व का आधार 'सेवा' है. इस प्रकार की सेवा उठाने के लिए सरकार को जन का वित्तीय बोझ करों और महसूलों के रूप में राजस्व वसूल कर संसाधन जुटाने पड़ते हैं. जिनकी कुछ आय है उनसे कुछ लेकर सेवाओं के माध्यम से उसका समतापूर्ण वितरण करना इसका उद्देश्य है.
- किसी भी देश में लोक प्रशासन के उद्देश्य वहां की संस्थाओं, प्रक्रियाओं, कार्मिक-राजनीतिक व्यवस्था की संरचनाओं तथा उस देश के संविधान में व्यक्त शासन के सिद्धातों पर निर्भर होते हैं. प्रतिनिधित्व, उत्तरदायित्व, औचित्य और समता की दृष्टि से शासन का स्वरूप महत्व रखता है, लेकिन सरकार एक अच्छे प्रशासन के माध्यम से इन्हें साकार करने का प्रयास करती है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation