नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को कैबिनेट की मंजूरी, यहाँ देंखे हाइलाइट्स
पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक में नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी दे दी गयी. इस ग्रीन प्रोजेक्ट का इनिशियल आउटले (प्रारंभिक परिव्यय) 19,744 करोड़ रुपये का है. वर्ष 2030 तक आठ लाख करोड़ रुपये तक के निवेश का है लक्ष्य

National Green Hydrogen Mission: पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक में नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी दे दी गयी. इस ग्रीन प्रोजेक्ट का इनिशियल आउटले (प्रारंभिक परिव्यय) 19,744 करोड़ रुपये का है.
इस बजट (19,744 करोड़ रुपये) को नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के विभिन्न उद्देश्यों के लिए अलग-अलग से आवंटित किया गया है. इस मिशन का उद्देश्य भारत को एनर्जी फील्ड में आत्मनिर्भर बनने और इकॉनमी में सहयोग करने वाले प्रमुख क्षेत्रों में कार्बन इमिशन को कम करना है.
#Cabinet under PM Sh @narendramodi approves National Green Hydrogen Mission
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) January 4, 2023
Mission aims to make India a Global Hub for production, utilization and export of Green Hydrogen and its derivatives#CabinetDecisions pic.twitter.com/yFlyNUimhC
नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन, हाइलाइट्स:
इस मिशन को 19,744 करोड़ रुपये के प्रारंभिक बजट के साथ शुरू किया गया है. जिसमें साइट कार्यक्रमों के लिए 17,490 करोड़ रुपये, पायलट प्रोजेक्ट्स के लिए 1,466 करोड़, अनुसंधान एवं विकास टास्क के लिए 400 करोड़ और अन्य कार्यों के लिए 388 करोड़ रुपये आवंटित किये गए है.
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय इसके संबंधित घटकों के कार्यान्वयन के लिए योजना के दिशानिर्देश को तैयार करेगा.
ग्रीन हाइड्रोजन ट्रांजिशन प्रोग्राम के क्रियान्वयन के लिए दो वित्तीय प्रोत्साहन सिस्टम- इलेक्ट्रोलाइजर के घरेलू निर्माण और ग्रीन हाइड्रोजन के प्रोडक्शन को लक्षित किया जाएगा.
इसके तहत ग्रीन हाइड्रोजन इकोसिस्टम की स्थापना, के लिए पालिसी फ्रेमवर्क का भी विकास किया जायेगा और साथ ही एक मजबूत मानक और नियमन संरचना का भी विकास किया जायेगा.
नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन का उद्देश्य:
इस मिशन का उद्देश्य भारत को ग्रीन हाइड्रोजन और इससे जुड़े सहायक उत्पादों के प्रोडक्शन को बढ़ावा देना है. साथ ही देश में एक व्यापक ग्रीन एनर्जी इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास करना है.
नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन की मदद से भारत को ग्रीन हाइड्रोजन और उससे जुड़े उत्पादों के क्षेत्र में एक ग्लोबल हब के रूप में विकसित करना है.
2030 तक के क्या है लक्ष्य:
नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के तहत वर्ष 2030 तक आठ लाख करोड़ रुपये से अधिक का कुल निवेश किया जायेगा.
वर्ष 2030 तक कम से कम 5 MMT (मिलियन मीट्रिक टन) की ग्रीन हाइड्रोजन प्रोडक्शन का विकास किया जायेगा.
इसके तहत छह लाख से अधिक के रोजगार का सृजन भी करना लक्षित है. साथ ही एक लाख करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के फॉसिल फ्यूल के इम्पोर्ट में कमी लाना है.
एनुअल ग्रीनहाउस गैस इमिशन (annual greenhouse gas emissions) में 50 MMT तक की कमी लाने का भी प्रयास किया जायेगा.
ग्रीन हाइड्रोजन क्या है?
ग्रीन हाइड्रोजन, हाइड्रोजन का ही एक रूप है जिसका प्रोडक्शन सोलर या विंड एनर्जी जैसे रेनूअबल एनर्जी स्रोतों की मदद से, जल के इलेक्ट्रोलिसिस प्रोसेस से किया जाता है. ग्रीन हाइड्रोजन का प्रोडक्शन बिना किसी ग्रीनहाउस गैस इमिशन के किया जाता है. ग्रीन हाइड्रोजन रेनूअबल एनर्जी स्रोतों की डीकार्बोनाइजेशन क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा सकता है.
भारत का हाइड्रोजन ट्रेन प्रोजेक्ट:
भारत का हाइड्रोजन ट्रेन की शुरुआत जल्द होने वाली है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में कहा था कि दिसंबर 2023 से हेरिटेज रूट्स पर हाइड्रोजन ट्रेनों का संचालन शुरू किया जायेगा. नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन भारत के इस तरह के प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी.
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