दिल्ली के लिए एकीकृत भवन निर्माण उप-नियमों की घोषणा 30 मार्च 2016 को शहरी विकास मंत्री श्री एम. वेंकैया नायडू द्वारा किया गया.
इन उप-नियमों को 33 साल बाद संशोधित किया गया है.
इनमे अनेक संशोधनो के एकीकरण एवं सरलीकरण और विभिन्न एजेंसियों द्वारा दी गई मंजूरियो को एकल प्लेनटफॉर्म में एकीकृत करके उप-नियमों को अनुकूल बना दिया गया है.
संबंधित तथ्य:
• अब से भवन निर्माण के प्रस्तावक यानी आवेदक विभिन्न एजेंसियों से संपर्क साधने के बजाय संबंधित स्थानीय शहरी निकाय में एकल ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं जो की 30 दिनों में मंजूरी मिल जाया करेगी.
• राष्ट्रीय राजधानी में भवन निर्माण में सुगमता बढ़ाने के उद्देश्ये से एकल खिड़की व्यवस्था को अब प्रभावी कर दिया गया है. जिसकी वकालत प्रधानमंत्री कार्यालय करता था.
• दिल्ली के भवन निर्माण उप-नियमों को इससे पहले वर्ष 1983 में संशोधित किया गया था और पिछले तीन दशकों में अनेक संशोधन किए गए थे, जिससे विभिन्न बदलावों को समझने और तदनुसार आवेदन करने में जटिलता आ गई थी.
• भवन निर्माण के प्रस्तावक (आवेदक) द्वारा संबंधित स्थानीय शहरी निकाय में ऑनलाइन आवेदन के लिए एक साझा एकल आवेदन प्रपत्र तैयार किया गया है. इसके लिए अब विभिन्ने एजेंसियों जैसे कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण, दिल्ली अग्निशमन सेवा, दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली शहरी कला आयोग, दिल्ली मेट्रो, बिजली वितरण कंपनियों और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों जैसे कि वन, रेलवे, रक्षा इत्यादि के यहां आवेदन करने की आवश्यकता नहीं रह गयी है.
• आवेदकों के लिए अब यह जरूरी नहीं रह गया है कि वे विभिन्न् एजेंसियों को अलग-अलग अपेक्षित भुगतान करें. इसके बजाय अब वे संबंधित स्थानीय शहरी निकाय को इलेक्ट्रॉनिक ढंग से एकल भुगतान कर सकते हैं.
• 105 वर्ग मीटर तक के आकार वाले आवासीय भूखंड हेतु भूखंड मालिकों को भवन निर्माण योजनाओं के लिए अब मंजूरी नहीं लेनी पड़ेगी. इसके लिए उन्हे निर्माण कार्य शुरू करने हेतु आवश्यक शुल्क अदा करने एवं अन्य दस्तावेज को पेश करने के साथ-साथ निर्माण कार्य के लिए महज एक लिखित वचन देना होगा.
• बाह्य एजेंसिया जैसे कि एएआई, एनएमए, दिल्ली अग्निशमन सेवा, डीएमआरसी, पर्यावरण मंत्रालय इत्यादि द्वारा मंजूरी मात्र 15 दिन के अंदर जारी कर दिए जाएंगे.
• भवन निर्माण की इजाजत लेने के लिए प्रस्तुत किए जाने वाले दस्तावेज की संख्या 40 से घटाकर महज 14 कर दिए गये है.
• भवन निर्माण की अनुमति देने में लगने वाली अधिकतम समय-सीमा को 60 दिन से घटाकर महज 30 दिन कर दिया गया है, ताकि कारोबार करने में और ज्यादा सुगमता सुनिश्चित हो सके.
• जलवायु परिवर्तन से जुड़ी चुनौती को ध्यान में रखते हुए ‘दिल्ली के लिए एकीकृत भवन निर्माण उप-नियम -2016’ का उद्देश्य हरित एवं टिकाऊ निर्माण कार्यो को बढ़ावा देना है.
• 105 वर्ग मीटर से ज्यादा आकार वाले भूखंड पर बनने वाली सभी इमारतों को आवश्यक मंजूरिया पाने के लिए अनिवार्य हरित भवन निर्माण मानकों का पालन करना होगा.
• आम जनता द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सभी भवन एवं सुविधा जैसे कि शैक्षणिक, संस्थागत, वाणिज्यिक इमारतो, आवासीय समूह (ग्रुप हाउसिंग) इत्यादि में दिव्यांगों, बच्चों एवं बुजुर्गों के लिए सार्वभौमिक डिजाइन हेतु विशेष प्रावधान होगा.
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