चीन ने ज़ियान शहर में वायु प्रदूषण कम करने के लिए विश्व का सबसे ऊंचा 'एयर प्यूरीफायर' बनाया हैं. इस प्यूरीफायर का परीक्षण कर रहे वैज्ञानिकों का कहना है कि इसने वायु की गुणवत्ता में काफी सुधार किया है. दरअसल, इस प्रोजेक्ट पर काम 2015 में शुरू हुआ था.
एयर प्यूरीफायर टॉवर के बारे में:
इस प्यूरीफायर की ऊंचाई 330 फीट है. इस टॉवर की ऊंचाई कुतुबमीनार से ज्यादा है. ये प्यूरीफायर टॉवर काफी हद तक चिमनी की तरह है. टॉवर की चौड़ाई आधे फुटबॉल के ग्राउंड के बराबर है. यह टॉवर हर दिन 10 मिलियन क्यूबिक मीटर (353 मिलियन क्यूबिक फुट) स्वच्छ हवा पैदा कर रहा है.
इस प्यूरीफायर की सबसे खास बात ये है कि इसमें बहुत कम बिजली की जरूरत होती है. यह एयर प्यूरीफायर दस वर्ग किलोमीटर एरिया में स्मॉग को घटाने में कारगर है.
एयर प्यूरीफायर कैसे काम करता है:
ये एयर प्यूरीफायर की दिन के वक्त बिना बिजली के काम करता है. ग्रीन हाउसेस के जरिए इसका इस्तेमाल होता है. यह टॉवर करीब एक करोड़ क्युबिक मीटर हवा को साफ कर चुका है. प्रदूषित हवा एयर प्यूरीफायर में बने ग्लास हाउस में इकठ्ठा होती है और सौर उर्जा की मदद से इस हवा को गर्म किया जाता है. बाद में ये गर्म हवा टावर में ऊपर उठती है और हवा साफ करने वाले फिल्टर्स से गुजरती है.
सर्दी के मौसम में भी ये सिस्टम कारगर तरीके से काम करता है. क्योंकि इसके ग्रीन हाउस में लगे ग्लास सोलर रेडिएशन को सोख लेते हैं और प्रदूषित हवा को गर्म करने के लिए जरूरी उर्जा इकठ्ठा कर लेते हैं.
पृष्ठभूमि:
चीन की राजधानी बीजिंग दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है. यहां हर साल धुएं और धुंध की वजह से लाखों लोगों की जिंदगी पर असर पड़ता है. यहां हर एक शख्स के शरीर में रोजाना 21 सिगरेट के बराबर धुआं जाता है. दिल्ली भी स्मॉग से परेशान है. दिल्ली-एनसीआर में स्मॉग से निपटने के लिए अरविंद केजरीवाल सरकार ने एंटी स्मॉग गन का ट्रायल शुरू किया था. पिछले महीने ही इसकी टेस्टिंग हुई थी. चीन में भी एंटी स्मॉग गन का इस्तेमाल होता है. इस गन की कीमत 20 लाख रुपये है.
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