जर्मनी स्थित बॉन में आयोजित किये गये अंतरराष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में फिजी ने विश्व को इस मुद्दे पर बातचीत हेतु एक नया मंच मुहैया कराया है जिसे तलानोआ डायलॉग्स का नाम दिया गया है.
जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में बताया गया कि यूनाइटेड नेशन एनवॉयरमेंटल प्रोग्राम की रिपोर्ट के अनुसार कार्बन कटौती के मौजूदा कार्यों से संपूर्ण लक्ष्य हासिल नहीं हो सकता. इसके लिए सबसे अधिक प्रदूषण फैलाने वाले देशों को तय लक्ष्यों से अधिक कार्बन कटौती करनी होगी. सम्मेलन में यह भी कहा गया कि पृथ्वी का तापमान तीन डिग्री तक भी बढ़ सकता है.
तलानोआ डायलॉग के बारे में
• तलानोआ फिजी और प्रशांत महासागरीय द्वीपों में होने वाली एक किस्म की कबीलाई बैठक है. इसमें गंभीर मसलों पर सहजता से बातचीत की जाती है.
• इसकी खास बात यह है कि इसमें अपना पक्ष रखने का तरीका कहानी सुनाने सरीखा होता है.
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• तलानोआ दो हिस्सों में आयोजित किया जायेगा. पहला, तैयारी के स्तर पर और दूसरा, राजनीतिक सहमति बनाने हेतु.
• इसे मौजूदा जलवायु सम्मेलन COP23 और अगले सम्मेलन COP24 के अध्यक्ष देश मिलकर आयोजित करेंगे.
• यह भी कहा गया कि इसमें मुद्दा तीन बातों पर आधारित होगा. जलवायु परिवर्तन रोकने के समझौते में फिलहाल दुनिया अभी कहां है? उसे कहां जाना है और लक्ष्य तक कैसे पहुंचा जाएगा?
• बातचीत के केन्द्र में यूएनईपी की अक्टूबर 2017 में जारी हुई वह रिपोर्ट भी है जिसमें बेहद चिंताजनक तथ्य सामने आये हैं. इसमें कहा गया है कि सदी के अंत तक तापमान को डेढ़ से दो डिग्री तक रखने का लक्ष्य सिर्फ एक तिहाई ही पूरा हो पायेगा
• तलानोआ द्वारा यह प्रयास किया जायेगा कि पेरिस समझौते को 2020 में लागू होने से पहले ही सभी देश मिलकर कुछ नई शुरुआत करें ताकि तापमान वृद्धि रुक सके.
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