सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, पिता की पैतृक संपत्ति पर बेटी का समान अधिकार

Aug 12, 2020, 10:42 IST

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि भले ही हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम 2005 के लागू होने से पहले ही किसी की मृत्यु हो गई हो, तो भी उनकी बेटियों का पैतृक संपत्ति पर अधिकार होगा.

Daughters have equal coparcenary rights in joint Hindu family property says SC in Hindi
Daughters have equal coparcenary rights in joint Hindu family property says SC in Hindi

सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त 2020 को अपने आदेश में कहा कि संशोधित हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम में एक बेटी संपत्ति की बराबर की अधिकारी है. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि भले ही हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम 2005 के लागू होने से पहले ही किसी की मृत्यु हो गई हो, तो भी उनकी बेटियों का पैतृक संपत्ति पर अधिकार होगा.

सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने मामले की सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा ने 11 अगस्त 2020 को उस अपील पर फैसला सुनाया, जिसमें कहा गया था कि क्या हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम, 2005 का पूर्वव्यापी प्रभाव होगा या नहीं.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बेटों की ही तरह, बेटियों को भी बराबर के अधिकार दिए जाने चाहिए. बेटियां जीवनभर बेटियां ही रहती हैं. बेटी अपने पिता की संपत्ति में बराबर की हकदर बनी रहती है, भले उसके पिता जीवित हों या नहीं.

सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि अधिनियम में संशोधन का मकसद बेटियों को बराबरी प्रदान करना था. कोर्ट ने साफ किया कि अगर पिता की मौत अधिनियम लागू होने से पहले हो गई है तो भी बेटी को पैतृक संपत्ति में बराबर की हिस्सेदारी मिलेगी.

कोर्ट ने इसके अतिरिक्त ये भी साफ किया कि साल 2005 से जन्मी बेटियों का भी संपत्ति पर बराबर का हक होगा. कोर्ट ने कहा कि हिंदू महिला को अपने पिता की संपत्ति में भाई के समान ही हिस्सा मिलेगा. कोर्ट ने कहा कि 09 सितंबर 2005 के से पहले और बाद से बेटियों के हिंदू अविभाजित परिवार की में हिस्सा मिलेगा.

यह कानून लागू होगा

बता दें कि साल 2005 में कानून बना था कि बेटा और बेटी दोनों के पिता की संपत्ति पर बराबर का अधिकार होगा. लेकिन, इसमें यह स्पष्ट नहीं था कि यदि पिता की मृत्यु 2005 से पहले हुई है तो यह कानून ऐसे परिवार पर लागू होगा या नहीं. अब न्यायाधीश अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने फैसला सुनाया है कि यह कानून हर परिस्थिति में लागू होगा.

हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम 2005

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिंदू उत्तराधिकार कानून में हुआ संशोधन 09 सितंबर 2005 से लागू हुआ. कानून कहता है कि कोई फर्क नहीं पड़ता है कि बेटी का जन्म इस तारीख से पहले हुआ है या बाद में, उसका पिता की संपत्ति में अपने भाई के बराबर ही हिस्सा होगा.

साल 2005 में कानून बना था कि बेटा और बेटी दोनों के पिता की संपत्ति पर बराबर का अधिकार होगा. लेकिन, इसमें यह स्पष्ट नहीं था कि यदि पिता की मृत्यु 2005 से पहले हुई हो तो क्या ये कानून ऐसे परिवार पर लागू होगा या नहीं.

हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1965 में साल 2005 में संशोधन किया गया था. इसके तहत पैतृक संपत्ति में बेटियों को बराबरी का हिस्सा देने का प्रावधान है. इसके अनुसार कानूनी वारिस होने के चाने पिता की संपत्ति पर बेटी का भी उतना ही अधिकार है जितना कि बेटे का. विवाह से इसका कोई लेना-देना नहीं है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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