कैद में रखे हाथियों का पहला सर्वे जारी

भारत में हाथियों को बंधक बनाकर रखे जाने के चौंकाने वाले आंकड़ें सामने है. बतौर सर्वे, 2454 हाथियों में एक-तिहाई गैर-कानूनी रूप से निजी कैद में हैं.

Jan 30, 2019, 15:43 IST
First captive elephant survey is in: 2,454 is official count
First captive elephant survey is in: 2,454 is official count

भारत में कैद में रखे हाथियों के पहले सर्वे के अनुसार, देश में कुल 2,454 हाथी कैद में हैं जिनमें से 58% असम (905) और केरल (518) में हैं. देशभर में बंधक बनाकर रखे गए हाथियों में आधे से ज्यादा सिर्फ केरल और असम में हैं.

भारत में हाथियों को बंधक बनाकर रखे जाने के चौंकाने वाले आंकड़ें सामने है. बतौर सर्वे, 2454 हाथियों में एक-तिहाई गैर-कानूनी रूप से निजी कैद में हैं. यह जानकारी पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए हलफनामे में सामने आई है.

सर्वे से संबंधित मुख्य तथ्य:

सर्वे के अनुसार, बंधक बनाकर रखे गए एक तिहाई हाथियों को मालिकाना हक प्रमाण पत्र के बिना निजी हिरासत में रखा गया है. इसके अलावा चिड़ियाघर, सर्कस और मंदिर 207 हाथियों को कैद कर रखा गया है.

भारत में हाथियों की मौत में लगातार हो रही बढ़ोतरी और मानव व हाथियों की बीच बढ़ते संघर्ष के चलते यह रिपोर्ट सामने आई है. केरल और असम में मानव और इंसानों के बीच संघर्ष पिछले कई महीनों से सुर्खियों में रहा है.

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामें के मुताबिक

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए हलफनामें के मुताबिक 2,454 हाथियों को विभिन्न राज्यों में बंधक बनाकर रखा गया है. इनमें 560 वन विभाग के कब्जे में हैं जबकि 1,687 निजी स्वामित्व के पास है.

हलफनामें के अनुसार देश में कुल बंदी हाथियों में से 664 मालिकाना हक के बिना हैं. बंदी हाथियों में से चिड़ियाघरों में 85, सर्कस में 26 और मंदिरों में 96 हैं.

मंत्रालय ने कोर्ट को यह भी बताया गया कि बंदी बनाकर रखे गए हाथियों की 58 फीसदी संख्या सिर्फ असम और केरल में हैं. इन दोनों राज्यों में क्रमश: 905 और 518 हाथियों को बंधक बनाकर रखा गया है.

 

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश:

सुप्रीम कोर्ट ने हलफनामा दाखिल होने के बाद पर्यावरण और वन मंत्रालय को बंधक बनाए गए हाथियों की पहचान करने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा यह भी जांचने को कहा है कि निजी तौर पर जिनके पास हाथी हैं क्या उनके पास इसका अनुमति प्रमाण पत्र है. जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस एस अब्दुल नजीर वाली सुप्रीम कोर्ट की खंडपीड ने राज्यों के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को निर्देश दिए है कि बंधक बनाए गए सभी हाथियों की उम्र पता लगाएं. कोर्ट इस मामले में अब अगली सुनवाई 12 फरवरी 2019 को करेगा.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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