उत्तराखंड के पूर्व सीएम एनडी तिवारी का निधन

नारायण दत्त तिवारी देश के पहले ऐसे राजनीतिज्ञ थे, जिन्हें दो-दो राज्य का मुख्यमंत्री होने का गौरव प्राप्त हुआ. वे नेहरू-गांधी के दौर के उन चंद दुर्लभ नेताओं में थे, जिन्होंने आजादी की लड़ाई में सक्रिय योगदान दिया.

Oct 18, 2018, 16:57 IST
ND Tiwari
ND Tiwari

उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी का 18 अक्टूबर 2018 को निधन हो गया. उन्होंने दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली. एनडी तिवारी का निधन उनके जन्मदिन के दिन हुआ. वे 93 वर्ष के थे.

नारायण दत्त तिवारी देश के पहले ऐसे राजनीतिज्ञ थे, जिन्हें दो-दो राज्य का मुख्यमंत्री होने का गौरव प्राप्त हुआ. वे नेहरू-गांधी के दौर के उन चंद दुर्लभ नेताओं में थे, जिन्होंने आजादी की लड़ाई में सक्रिय योगदान दिया.

वे उत्तर प्रदेश के तीन बार और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद पर रह चुके हैं. उनकी गिनती कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में होती थी. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे.

उत्तराखंड को आर्थिक और औद्योगिक विकास की रफ़्तार से अपने पैरों पर खड़ा करने में एनडी तिवारी ने अहम भूमिका निभाई.

एनडी तिवारी के बारे में:

•   एनडी तिवारी का पूरा नाम नारायण दत्त तिवारी था.

•   एनडी तिवारी का जन्म 18 अक्टूबर 1925 को नैनीताल जिले के बलूती गांव में हुआ था. वो राजनीति के कद्दावर नेताओं में से एक थे.

•   उनके पिता पूरन चंद तिवारी भी स्वतंत्रता सेनानी थे. देशभक्ति की भावना से प्रेरित एनडी तिवारी विद्यार्थी जीवन में ही आंदोलन में सम्मिलित हो गये. उन्होंने अपना राजनीतिक जीवन कुमाऊं के श्रमिक संघों के संगठन में लगकर आरम्भ किया.

•   एनडी तिवारी देश के वित्त मंत्री, उद्योग मंत्री और विदेशमंत्री जैसी अहम जिम्मेदारियां निभा चुके हैं.

•   एनडी तिवारी पहली बार वर्ष 1976 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. वे वर्ष 1976-77, 1984-85, 1988-89 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. वे वर्ष 2002-2007 तक उत्तराखंड के सीएम रहे.

•   वे वर्ष 2007 से वर्ष 2009 तक आंध्र प्रदेश के राज्यपाल रहे. वे वर्ष 1947 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए. 1947 से 1949 तक वे ऑल इंडिया स्टूडेंट कांग्रेस के सचिव रहे.

•   इसके अलावा वह केंद्र में वित्त और विदेश मंत्री भी रह चुके हैं. एनडी तिवारी ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से राजनीतिशास्त्र में एमए किया. उन्होंने एमए की परीक्षा में विश्वविद्याल में टॉप किया था. उन्होंने बाद में इसी विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री भी हासिल की.

•   वह वर्ष 1985-1988 तक राज्यसभा के सदस्य बने. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एनडी तिवारी जेल में भी रहे. वह बरेली सेंट्रल जेल में उन्हें आजादी की लड़ाई में बंद किया गया था.

प्रधानमंत्री पद की भी दावेदारी थी:

वर्ष 1990 में एक वक्त ऐसा भी था जब राजीव गांधी की हत्या के बाद प्रधानमंत्री के तौर पर उनकी दावेदारी की चर्चा भी हुई. आखिरकार कांग्रेस के भीतर पीवी नरसिंह राव के नाम पर मुहर लग गई. बाद में एनडी तिवारी आंध्रप्रदेश के राज्यपाल बनाए गए, लेकिन यहां उनका कार्यकाल बेहद विवादास्पद रहा.

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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