भारतीय पुलिस सेवा की अधिकारी गीता जौहरी को 4 अप्रैल 2017 को गुजरात की पहली महिला पुलिस महानिरीक्षक (डीजीपी) नियुक्त किया गया.
वे गुजरात पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के अपने वर्तमान पद प्रबंध निदेशक के साथ इस नए पद पर काम करेंगीं. इसकी घोषणा गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा ने की थी जिन्होंने कहा था कि जौहरी को अतिरिक्त पदभार देने का फैसला इसलिए किया गया क्योंकि वे राज्य की सबसे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं.
मुख्य बातें:
• जौहरी की नियुक्ति का फैसाल उनके पूर्ववर्ती पी.पी. पांडे के इस्तीफे के बाद किया गया है.
• पांडे का इस्तीफा राज्य सरकार ने 3 अप्रैल 2017 को स्वीकार कर लिया था. जनवरी 2017 में सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें उनके पद पर तीन माह का विस्तार दिया गया था.
• हालांकि उन्हें दिए गए पद–विस्तार पर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, क्योंकि इनका नाम इशरत जहां और तीन अन्य विवादास्पद फर्जी मुठभेडों के मामले में शीर्ष आरोपियों की सूची में था.
• इस कदम के साथ ही, जौहरी, जो गुजरात कैडर की पहली महिला आईपीएस अधिकारी हैं, गुजरात पुलिस बल की प्रमुख बनने वाली पहली महिला भी बन गईं हैं.
गीता जौहरी के बारे में:
• इससे पहले जौहरी कई महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं दे चुकी हैं. इनमें शामिल है– राजकोट की पुलिस आयुक्त और राज्य सीआईडी (क्राइम) की प्रमुख.
• सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 2005 में हुए सोहराबुद्दीन और तुलसीराम प्रजापति के फर्जी मुठभेड मामलों की जांच करने के लिए भी नियुक्त किया था. हालांकि, बाद में अदालत के आदेश से, ये मामले केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंप दिए गए थे.
• हालांकि केंद्रीय जांच एजेंसी ने शुरुआत में उनपर जांच को गंभीरता से न लेने का आरोप लगाया था, लेकिन 2015 में उन्हें इस आरोप से बरी कर दिया गया था.
• वास्तव में सोहराबुद्दीन भर्जी मुठभेड़ मामला, उच्च– प्रोफाइल वाले अभियुक्तों का मामला था. इसमें गुजरात और राजस्थान के शीर्ष आईपीएस अधिकारियों समेत गुजरात के तत्कालीन गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल थे, इन्हें भी बाद में मामले से बरी कर दिया गया था.
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