जर्मनवॉच ने जलवायु जोखिम सूचकांक-2019 जारी किया

Dec 7, 2018, 16:53 IST

इस रैंकिंग में भारत के चार पड़ोसी राष्ट्रों की तुलना में भारत को बेहतर रैंकिंग प्राप्त हुई है. रिपोर्ट के अनुसार, इस रैंकिंग में म्याँमार तीसरे, बांग्लादेश सातवें, पाकिस्तान आठवें और नेपाल ग्यारहवें स्थान पर है.

Global Climate Risk Index 2019 released
Global Climate Risk Index 2019 released

एक स्वतंत्र विकास संगठन जर्मनवॉच द्वारा हाल ही में जलवायु जोखिम सूचकांक-2019 जारी किया गया. इस सूचकांक में भारत को पिछले 20 वर्षों की जलवायु संबंधी घटनाओं के आधार पर 14वें स्थान पर रखा गया है.

इस रैंकिंग में भारत के चार पड़ोसी राष्ट्रों की तुलना में भारत को बेहतर रैंकिंग प्राप्त हुई है. रिपोर्ट के अनुसार, इस रैंकिंग में म्याँमार तीसरे, बांग्लादेश सातवें, पाकिस्तान आठवें और नेपाल ग्यारहवें स्थान पर है. यह सूचकांक स्पष्ट करता है कि भारत के चारों पड़ोसी देश चरम मौसमी घटनाओं द्वारा अधिक प्रभावित क्यों होते हैं.

यह सूचकांक मौत और आर्थिक नुकसान के मामले में मौसमी घटनाओं (तूफ़ान, बाढ़, भयंकर गर्मी इत्यादि) के मात्रात्मक प्रभाव का विश्लेषण करता है. साथ ही यह सूचकांक इन प्रभावों का लेखा-जोखा पूर्णरूप में और साथ ही संबंधित शर्तों के साथ रखता है.

जलवायु जोखिम सूचकांक-2019

•    वर्ष 1998-2017 के दौरान भारत में 73,212 लोग चरम मौसमी घटनाओं के शिकार बने और इसी समयावधि में चरम मौसमी घटनाओं के कारण भारत की वार्षिक औसत मौतों की संख्या 3,660 थी, जो कि म्याँमार की वार्षिक औसत मौतों की संख्या 7,048 के बाद दूसरी सर्वाधिक औसत संख्या है.

•    जनसंख्या के समायोजन के कारण बांग्लादेश, पाकिस्तान और नेपाल को सूची में भारत के ऊपर रखा गया है.

•    रिपोर्ट में वर्ष 2017 में इन तीन देशों में हुई भारी बारिश का भी जिक्र किया गया है, जिसने 4 करोड़ लोगों को प्रभावित किया और जिसके कारण लगभग 1,200 मौतें हुईं.

•    श्रीलंका, जिसकी 20 वर्षों की रैंकिंग 31वीं है, वर्ष 2017 (इस वर्ष भारी बारिश और भूस्खलन से 200 से अधिक मौतें हुईं) में दूसरे रैंक पर है.

•    इसके विपरीत म्याँमार और पाकिस्तान जो कि 1998-2017 की सूची में सबसे ज़्यादा प्रभावित होने वाले 15 देशों में शामिल हैं, वर्ष 2017 की सूची में क्रमश: 69वें और 33वें स्थान पर हैं.

वैश्विक आंकड़े

•    प्यूर्टो रिको (150 मौतें/वर्ष), होंडुरास (302 मौतें/वर्ष) और म्याँमार (7048 मौतें/वर्ष) को इस 20-वर्ष की अवधि में सर्वाधिक 3 जलवायु जोखिम से प्रभावित देशों के रूप में पहचाना गया है. चीन (1240 मौतें/वर्ष) इस सूची में 37वें, जबकि भूटान (1.65 मौतें/वर्ष) 105वें स्थान पर है.

•    वर्ष 2017 की सूची के लिये प्यूर्टो रिको, श्रीलंका और डोमिनिका वर्ष 2017 में चरम मौसमी घटनाओं से सबसे ज्यादा प्रभावित देश थे. इसके बाद नेपाल, पेरू और वियतनाम का स्थान है. प्यूर्टो रिको और डोमिनिका सितंबर 2017 में तूफान मारिया द्वारा गंभीर रूप से प्रभावित हुए थे.

•    कुल मिलाकर 1998 से 2017 की समयावधि में 5,26,000 से अधिक लोगों की मृत्यु और 3.47 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य की हानि 11,500 से अधिक चरम मौसमी घटनाओं के प्रत्यक्ष परिणाम के कारण हुई.

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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