गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का निधन

Mar 18, 2019, 10:22 IST

मनोहर पर्रिकर पिछले एक साल से अग्नाशय के कैंसर से पीड़ित थे. उनका इलाज अमरीका के साथ-साथ नई दिल्ली स्थित एम्स और मुंबई के एक निजी अस्पताल में चल रहा था.

Goa Chief Minister Manohar Parrikar passes away
Goa Chief Minister Manohar Parrikar passes away

गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का 17 मार्च 2019 को निधन हो गया. वे 63 वर्ष के थे. मनोहर पर्रिकर पिछले एक साल से अग्नाशय के कैंसर से पीड़ित थे. उनका इलाज अमेरिका के साथ-साथ नई दिल्ली स्थित एम्स और मुंबई के एक निजी अस्पताल में चल रहा था.

मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की बीते कुछ समय से तबीयत लगातार खराब चल रही थी. हालांकि, उन्होंने नाक में नोज पाइप लगाए हुए जनवरी 2019 में राज्य का बजट भी पेश किया था और कई अन्य जगहों पर भी सरकार के द्वारा किए जा रहे कामों का निरीक्षण करने पहुंचे थे.

मनोहर पर्रिकर के निधन से गोवा के सामाजिक राजनीतिक हालात में बहुत बड़ा असर होगा. गोवा में प्रशासनिक कार्यों पर उनकी छाप अमिट रहेगी.

राष्ट्रीय शोक घोषित:

केंद्र सरकार ने पर्रिकर के निधन के चलते 18 मार्च 2018 को राष्ट्रीय शोक घोषित किया है. गोवा सरकार ने गोवा में सात दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है. राष्ट्रीय राजधानी, सभी राज्यों की राजधानियों व केंद्र शासित प्रदेशों में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा. रक्षा मंत्री रह चुके पर्रिकर को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी.

मुख्यमंत्री बनने वाले पहले आईआईटीयन थे पर्रिकर:

गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर किसी भी भारतीय राज्य के मुख्यमंत्री बनने वाले पहले आईआईटी ग्रैजुएट थे. पर्रिकर ने आईआईटी मुंबई से साल 1978 में मेटालर्जिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया था.

'सर्जिकल स्ट्राइक' के दौरान देश के रक्षा मंत्री:

मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर 29 सितंबर 2016 को पाकिस्तान से लगी एलओसी पर भारतीय सेना द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान भारत के रक्षा मंत्री थे. केंद्र में साल 2014 में बीजेपी की अगुवाई में एनडीए की सरकार बनी. इस सरकार में मनोहर पर्रिकर को रक्षा मंत्री बनाया गया. वे साल 2017 तक इस पद पर रहे.

क्या है अग्नाशय कैंसर

अग्नाशय कैंसर यानी कि पैंक्रियाटिक कैंसर बहुत ही गंभीर रोग है. अग्नाशय में कैंसर युक्त कोशिकाओं के जन्म के कारण पैंक्रियाटिक कैंसर की शुरूआत होती है. यह अधिकतर 60 वर्ष से ऊपर की उम्र वाले लोगों में पाया जाता है. उम्र बढ़ने के साथ ही हमारे डीएनए में कैंसर पैदा करने वाले बदलाव होते हैं. इसी कारण 60 वर्ष या इससे ज्यादा उम्र के लोगों में पैंक्रियाटिक कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है. इस कैंसर के होने की औसतन उम्र 72 साल है. महिलाओं के मुकाबले  पैंक्रियाटिक कैंसर पुरुषों को ज्यादा होता है. जो पुरुषों धूम्रपान करते है. उन्हें इस कैंसर होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है.

सामान्यत: इस कैंसर के लक्षणों में एबडोमेन के ऊपरी हिस्से में दर्द होता है, भूख कम लगती है, तेजी से वजन कम होने की दिक्कतें, पीलिया, नाक में खून आना, उल्टी होना जैसी शिकायत होती है. इस कैंसर को शांत मृत्यु (साइलेंट किलर) भी कहा जाता है, क्योंकि आरंभ में इस कैंसर को लक्षणों के आधार पर पहचाना जाना मुश्किल होता है और बाद के लक्षण प्रत्येक व्यक्ति में अलग-अलग होते हैं.

पत्नी का भी निधन कैंसर से हुआ था:

मनोहर पर्रिकर की पत्नी मेधा का साल 2001 में कैंसर से निधन हो गया था. उनके दो बेटे हैं.

26 साल की उम्र में बने थे संघचालक:

मनोहर पर्रिकर को 26 साल की उम्र में ही गोवा का संघचालक बनने का मौका मिल गया था. वे राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान उत्तरी गोवा में प्रमुख संगठनकर्ता रहे. साल 2000 में भाजपा की पहली सरकार में ही उन्हें मुख्यमंत्री बनने का मौका मिल गया था.

चार बार गोवा के सीएम रहे:

मनोहर पर्रिकर अब तक चार बार गोवा के सीएम रह चुके हैं. उन्होने सबसे पहले 24 अक्टूबर 2000 में गोवा के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी, लेकिन मुख्यमंत्री के तौर पर उनका ये कार्यकाल मात्र 27 फरवरी 2002 तक ही रहा. उन्होने 5 जून साल 2002 को बतौर गोवा के सीएम दूसरी बार शपथ ली. इसके बाद वे मार्च 2012 में तीसरी बार गोवा के मुख्यमंत्री बने. साल 2014 में बीजेपी के केंद्र में आने के बाद उन्हें रक्षामंत्री बनाया गया. जिस वजह से उन्हें गोवा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और उनकी जगह लक्ष्मीकांत पार्सेकर को गोवा का नया सीएम नियुक्त किया गया. उन्होने 14 मार्च 2017 को चौथी बार गोवा के सीएम पद की शपथ ली.

पर्रिकर के निधन के बाद गोवा में सियासी संकट:

मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद फिर से गोवा की बीजेपी सरकार पर संकट मंडराने लगा है. बीजेपी के सामने अब पर्रिकर की जगह नए नेता की तलाश की चुनौती होगी, क्योंकि कांग्रेस पहले ही राज्यपाल को पत्र लिखकर सरकार बनाने का दावा पेश कर चुकी है.

गोवा में अभी कांग्रेस के पास सबसे ज़्यादा 14 सीटें हैं. 40 सीटों वाली गोवा विधानसभा में अभी 37 सदस्य हैं, 3 सीटें खाली हैं. बीजेपी के पास 13 सीटें हैं. उसे तीन-तीन सीटों वाली गोवा फ़ॉरवर्ड पार्टी और महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी का समर्थन हासिल है.एनसीपी के पास एक सीट है जबकि तीन अन्य निर्दलीय विधायक बीजेपी गठबंधन का समर्थन कर रहे हैं.

मनोहर पर्रिकर के बारे में:

   मनोहर पर्रिकर का जन्म 13 दिसंबर 1955 को गोवा के मापुसा गांव में हुआ था.

   मनोहर पर्रिकर का पूरा नाम मनोहर गोपालकृष्ण पर्रिकर था.

   पर्रिकर साल 1994 में गोवा की पणजी विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने थे.

   भारतीय जनता पार्टी से गोआ के मुख्यमंत्री बनने वाले वह पहले नेता हैं.

   वे साल 2014 से साल 2017 तक भारत के रक्षा मंत्री के कार्यकाल के दौरान उत्तर प्रदेश से राज्य सभा के सांसद थे.

   मनोहर पर्रिकर की पहचान एक ईमानदार और सादगी भरा जीवन जीने वाले नेताओं में होती रही है.

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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