राष्ट्रीय गोबर-धन योजना आरंभ, पढ़ें विस्तृत जानकारी

May 2, 2018, 10:21 IST

इस योजना के तहत करनाल के गांव कुंजपुरा में पहला संयत्र लगाया जायेगा. इस संयंत्र की स्थापना से गोबर और खेतों के ठोस अपशिष्ट पदार्थों को कम्पोस्ट, बायो-गैस और बायो-सीएनजी में परिवर्तित किया जाएगा.

Gobar Dhan Scheme launched to promote wealth and energy from waste
Gobar Dhan Scheme launched to promote wealth and energy from waste

केंद्र सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र की निवासियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के प्रयास हेतु गोबर-धन योजना की शुरुआत की है. केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री उमा भारती और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने करनाल के राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान से 01 मई 2018 को इस योजना की शुरुआत की.

इस योजना के तहत करनाल के गांव कुंजपुरा में पहला संयत्र लगाया जायेगा. इस संयंत्र की स्थापना से गोबर और खेतों के ठोस अपशिष्ट पदार्थों को कम्पोस्ट, बायो-गैस और बायो-सीएनजी में परिवर्तित किया जाएगा. इससे किसानों खासकर युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे.

गोबर-धन (गैलवनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्स धन) योजना क्या है?


•    बजट 2018-19 में इस योजना की घोषणा की गई थी.

•    गोबर धन योजना के मुख्य रूप से दो उद्देश्य हैं. पहला, गाँवों को स्वच्छ बनाना तथा दूसरा, पशुओं और अन्य प्रकार के जैविक अपशिष्ट से अतिरिक्त आय तथा ऊर्जा उत्पन्न करना.

•    गोबर-धन योजना के अंतर्गत पशुओं के गोबर और खेतों के ठोस अपशिष्ट पदार्थों को कम्पोस्ट, बायोगैस, बायो-सीएनजी में परिवर्तित किया जाएगा.

•    इसका लक्ष्य उद्यमियों को जैविक खाद, बायोगैस, बायो-सीएनजी उत्पादन के लिये गाँवों के क्लस्टर्स बनाकर इनमें पशुओं का गोबर और ठोस अपशिष्टों के एकत्रीकरण और संग्रहण को बढ़ावा देना है.

•    इस योजना के तहत प्रत्येक ज़िले में एक क्लस्टर का निर्माण करते हुए लगभग 700 क्लस्टर्स स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

•    गोबर धन योजना के सुचारू व्यवस्था के लिए एक ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म भी बनाया जाएगा जो किसानों को खरीदारों से कनेक्ट करेगा ताकि किसानों को गोबर और एग्रीकल्चर वेस्ट का सही दाम मिल सके.

•    वर्ष 2018-19 के बजट में 115 जिलों का चयन किया है जहां सरकार गोबर-धन योजना के तहत विकास करेगी. इतना ही नहीं इन जिलों में स्थित गांवों के इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, बिजली, सिंचाई आदि सुविधाओं का भी इंतजाम किया जायेगा.


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भारत में गोबर-धन योजना क्यों?

•    वर्ष 2012 में की गई 19वीं पशुधन जनगणना के अनुसार भारत में मवेशियों की जनसंख्या 30 करोड़ है जिससे देश में प्रतिदिन लगभग 30 लाख टन गोबर प्राप्त होता है.

•    कुछ यूरोपीय देश और चीन पशुओं के गोबर और अन्य जैविक अपशिष्ट  का उपयोग ऊर्जा के उत्पादन के लिए करते हैं लेकिन भारत में इसकी पूर्ण क्षमता का उपयोग नहीं हो रहा है.

•    यदि भारत में इस प्रकार का तंत्र स्थापित किया जाये तो भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में गोबर की बड़ी मात्रा को धन और ऊर्जा में बदलकर इसका लाभ उठाया जा सकता है.

•    अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के एक अध्ययन (2014) के अनुसार गोबर का सही तरीके से उपयोग राष्ट्रीय स्तर पर 15 लाख रोज़गारों का सृजन हो सकता है.

•    इससे गांव स्वच्छ रहेंगे तथा पशु-आरोग्य होगा जिससे उसकी उत्पादकता बढ़ेगी.

•    किसानों एवं पशुपालकों को आमदनी बढ़ाने में मदद मिलेगी साथ ही बायोगैस की बिक्री आदि के लिए नई नौकरियों के अवसर मिलेंगे.

टिप्पणी

गोबर-धन योजना को स्वच्छ भारत मिशन के तहत आरंभ किया गया है. स्वच्छ भारत मिशन का प्रमुख लक्ष्य भारत को खुले में शौच से मुक्त बनाने के साथ ही शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में स्वच्छता का प्रसार करना है. इन उद्देश्यों को गोबर-धन योजना के साथ एकीकृत कर इस दिशा में प्रगति की जा सकती है.

इस समय किसान की आय पूरी तरह फसल की पैदावार पर निर्भर करती है, इसलिए यह योजना किसानों की आय बढ़ाने में काफी हद तक कारगार होगी. सरकार ने इस योजना द्वारा किसानों को आर्थिक सहायता देने के साथ-साथ उनको आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. यदि यह योजना सफल रहती है तो किसान स्वयं अपने पशुओं के अपशिष्ट से खाद का निर्माण कर सकेंगे एवं अपनी कृषि प्रणाली को मजबूत कर सकेंगे.

 

 

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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