केंद्र सरकार ने डोका ला क्षेत्र में चीन के साथ चल रहे गतिरोध के बीच सेना को जुलाई 2017 को जरुरी हथियारों और गोला-बारूद की खरीद के असीमित अधिकार प्रदान किये. सरकार का उद्देश्य कम समय में होने वाले छोटे युद्ध की स्थिति में बेहतर सैन्य सामग्री की उपलब्धता होना है.
मोदी सरकार द्वारा पाकिस्तान में की गयी सर्जिकल स्ट्राइक बाद से अब तक सेना ने करीब 12 हजार करोड़ का महत्वपूर्ण हथियार और बारूद खरीदा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्र सरकार की अनुमति से 40 दिन की लड़ाई के लिए तैयारी शुरू की गयी है.
सेना को दिए गये अधिकार के तहत सेना को हथियार प्रणाली की खरीद के लिए मंत्री परिषद से मंजूरी लेना आवश्यक नहीं होगा. सरकार के पास इस समय लगभग 20 प्रकार के हथियारों की खरीद का अधिकार सेना को देने का प्रस्ताव विचाराधीन है.
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हथियारों की खरीद
जम्मू-कश्मीर में उरी आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने सेनाओं से छोटे युद्ध की तैयारियों के बारे में जानकारी हासिल की थी. इसके बाद सेना के लिए जरुरी हथियार खरीदने के लिए उपसेना अध्यक्ष की आपातकालीन शक्ति को बढ़ाते हुए 12 हजार करोड़ के हथियार खरीदने की क्षमता प्रदान की गयी.
मार्च 2017 तक सेना ने 12 हजार करोड़ खर्च करके 19 रक्षा सौदे कर चुका था. इसमें सेना ने 11 सौदे गोला बारूद के लिए किये. इस समय सेना के पास करीब 46 तरह के महत्वपूर्ण हथियार हैं, जिसमें 10 तरह के हथियारों के कलपुर्जे हैं जबकि 20 तरह के गोला-बारूद और माइंस हैं. इसमें आर्टलरी और टैंक से जुड़ा गोला बारूद भी शामिल है. सेना हर समय किसी भी हालात में 40 दिन की लड़ाई की तैयारी रखती है.
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