केंद्र सरकार को अब तक 45,855 मामलों में ‘विवाद से विश्वास’ नामक प्रत्यक्ष कर विवाद समाधान योजना के माध्यम से 72,480 करोड़ रुपये की कर राशि हासिल हो चुकी है. इन मामलों से आयकर विभाग द्वारा मांग की गई कुल आयकर राशि लगभग 1.32 लाख करोड़ रुपये है.
सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां (सीपीएसयू) 1 लाख करोड़ रुपये के राजस्व विवाद मामलों को हल करने के लिए आगे आई हैं, जिससे वर्ष 2019 के लिए भारत सरकार के कर राजस्व संग्रह के लक्ष्य की संभावना में सुधार हुआ है.
यह प्राप्त राशि प्रारंभिक अनिवार्य भुगतान है जो ऐसे करदाताओं द्वारा किया जाता है जिन्होंने ‘विवाद से विश्वास योजना’ का विकल्प चुना था, क्योंकि शेष भुगतान 31 मार्च, 2021 तक किया जा सकता है. हालांकि, सरकार द्वारा कोविड - 19 महामारी के कारण इस कर भुगतान की समय सीमा बढ़ा दी गई थी और कर घोषणाएं 31 दिसंबर, 2020 तक दर्ज की जानी हैं.
विवाद से विश्वास योजना
देश के विभिन्न अपीलीय मंचों में लंबित प्रत्यक्ष कर विवादों के निपटारे के लिए सरकार द्वारा 17 मार्च, 2020 को यह प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास अधिनियम, 2020 लागू किया गया था.
भारत सरकार द्वारा शुरू की गई यह योजना विवादित ब्याज, विवादित कर, विवादित शुल्क या विवादित दंड के निपटारे के लिए समाधान प्रस्तुत करती है.
उद्देश्य
यह योजना विभिन्न कर मामलों के समाधान के लिए आयकर विभाग और करदाताओं द्वारा सभी अपीलों को वापस लेने के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई थी. यह योजना ऐसे करदाताओं के लिए अधिक फायदेमंद है जिनके खिलाफ आयकर विभाग ने किसी उच्च मंच पर अपील की है.
इस योजना के तहत, करदाता को आयकर अधिनियम के तहत अपराध के किसी भी रूप के लिए अभियोजन के लिए दंड, ब्याज की छूट और किसी भी दंडात्मक कार्यवाही से भी छूट दी जाती है.
विवाद से विश्वास योजना के बारे में जानकारी देने के लिए ई-अभियान
आयकर विभाग ने अपनी उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान, करदाताओं को इस योजना के बारे में सूचित करने, सुविधा प्रदान करने और घोषणाओं को दर्ज करने में उनका मार्गदर्शन करने के साथ ही इस विवाद सेवा योजना का लाभ उठाने में उनके द्वारा झेली जाने वाली सभी प्रकार की कठिनाइयों को दूर करने के लिए एक ई-अभियान शुरू करने का भी निर्णय लिया है.
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