आइसलैंड दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है, जो पूरी तरह से मच्छरों से मुक्त है। मच्छर दुनिया में लगभग हर जगह पाए जाते हैं। लेकिन, आइसलैंड की अनोखी जलवायु और भूगोल के कारण यहां के निवासियों और पर्यटकों को इन कीड़ों से होने वाली परेशानियों से राहत मिलती है।
आइसलैंड में मच्छरों का न होना
शोधकर्ताओं का मानना है कि आइसलैंड के मच्छर-मुक्त होने का कारण यहां का लगातार बदलने वाला और कठोर मौसम है। यहां बार-बार जमने और पिघलने का चक्र मच्छरों को अपना प्रजनन चक्र पूरा नहीं करने देता। मच्छरों के अंडों से बच्चे निकलने के लिए रुके हुए पानी और एक समान तापमान की जरूरत होती है। लेकिन, आइसलैंड में बार-बार जमने वाली ठंड लार्वा के विकसित होने से पहले ही इस प्रक्रिया में रुकावट डाल देती है।
इसके अलावा, इस द्वीप की समुद्री जलवायु और यहां के पानी की रासायनिक संरचना भी मच्छरों के लिए एक मुश्किल माहौल बना सकती है। साथ ही, उत्तरी अटलांटिक के बीच में होने के कारण यह देश भौगोलिक रूप से अलग-थलग है, जो मच्छरों की आवाजाही में एक प्राकृतिक बाधा पैदा करता है।
मच्छर-मुक्त अन्य स्थान
हालांकि, आइसलैंड मच्छरों से मुक्त एकमात्र देश है, लेकिन अंटार्कटिका महाद्वीप में भी ये कीड़े नहीं पाए जाते हैं। इसका कारण वहां की अत्यधिक ठंड और तरल पानी की कमी है। फिर भी, अंटार्कटिका कोई देश नहीं है और वहां कोई इंसानी आबादी भी नहीं है। इसलिए, इसके मच्छर-मुक्त होने का फायदा मुख्य रूप से वैज्ञानिक स्टेशनों पर काम करने वाले वैज्ञानिकों को ही मिलता है।
कुछ दूर-दराज के द्वीपों और सूखे या अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में मच्छरों की आबादी बहुत कम या मौसम के अनुसार न के बराबर हो सकती है। लेकिन, कोई भी जगह आइसलैंड की तरह स्थायी और देशव्यापी रूप से मच्छर-मुक्त नहीं है।
जलवायु और भूगोल की भूमिका
मच्छर गर्म और नमी वाले वातावरण में पनपते हैं, जहां बहुत सारा रुका हुआ पानी होता है।
भूमध्य रेखा के पास के गर्म इलाकों में या वर्षावन और मानसून वाले देशों में मच्छर बहुत ज्यादा होते हैं। वे सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी समस्या भी हैं।
जिन क्षेत्रों और देशों की जलवायु बहुत कठोर होती है, वहां मच्छरों का पनपना मुश्किल होता है। ऐसी जगहों पर या तो लगातार ठंड पड़ती है या तापमान में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव होता है या फिर रुके हुए पानी की कमी होती है। लेकिन, आइसलैंड और अंटार्कटिका को छोड़कर ये जगहें कभी भी पूरी तरह से मच्छरों से मुक्त नहीं होती हैं।
क्या आइसलैंड में मच्छर हो सकते हैं?
हालांकि, ऐसे कुछ मामले हुए हैं, जब मच्छर हवाई जहाज के जरिए आइसलैंड पहुंचे हैं। लेकिन, यहां की स्थानीय परिस्थितियां उन्हें जीवित रहने और अपनी आबादी बढ़ाने से रोकती हैं। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि भविष्य में जलवायु परिवर्तन इन हालातों को बदल सकता है। इससे आइसलैंड पर मच्छरों के हमले का खतरा बढ़ सकता है।
आइसलैंड आज भी दुनिया का एकमात्र मच्छर-मुक्त देश है। इसका कारण यहां का भूगोल, जलवायु और प्राकृतिक माहौल है। जो लोग मच्छरों से मुक्त अनुभव चाहते हैं, उनके लिए आइसलैंड एक बेहतरीन जगह है। यहां न केवल शानदार प्राकृतिक दृश्य और जियोथर्मल रिसॉर्ट्स हैं, बल्कि यह मच्छरों की परेशानी और खतरे से एक अनोखी राहत भी देता है।
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