DAC: डिफेन्स एक्वीजीशन काउंसिल ने रक्षा खरीद को दी मंजूरी, जानें कितने करोड़ का है प्रपोजल
डिफेन्स एक्वीजीशन काउंसिल (DAC) ने भारत में डिफेन्स सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए 84,328 करोड़ रुपये के 24 रक्षा खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है. इस डिफेन्स एक्वीजीशन ऑर्डर में 82,127 करोड़ रुपये के 21 प्रस्तावों को स्वदेशी रूप से पूरा किया जायेगा.

Defence Purchase Plan: डिफेन्स एक्वीजीशन काउंसिल (DAC) ने भारत में डिफेन्स सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए 84,328 करोड़ रुपये के 24 रक्षा खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है. डिफेन्स मिनिस्टर राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में आयोजित डिफेन्स एक्वीजीशन काउंसिल की बैठक में इन खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी है.
The Defence Acquisition Council (DAC), headed by Raksha Mantri, Shri @rajnathsingh in its meeting held today has accorded approval for Acceptance of Necessity (AoN) for 24 Capital Acquisition Proposals.
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) December 22, 2022
24 कैपिटल एक्वीजीशन प्रपोजल्स, हाइलाइट्स:
डिफेन्स एक्वीजीशन काउंसिल द्वारा मंजूरी दी गयी 84,328 करोड़ रुपये की डील में स्वदेशी रूप से खरीद पर जोर दिया गया है. इस डिफेन्स एक्वीजीशन ऑर्डर में 82,127 करोड़ रुपये (97.4 %) के 21 प्रस्तावों को स्वदेशी रूप से पूरा किया जायेगा.
DAC की इस डिफेन्स प्रोपोजल्स में इंडियन आर्मी और इंडियन एयरफोर्स के लिए छह-छह प्रपोजल्स, इंडियन नेवी के लिए 10 प्रपोजल्स और भारतीय तटरक्षक बल के लिए 02 प्रपोजल्स दिए गए है.
इंडियन आर्मी: इन डिफेन्स प्रपोजल्स में भारतीय सेना के लिए फ्यूचरिस्टिक इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल, माउंटेड गन सिस्टम और हल्के टैंक की खरीद शामिल है. साथ ही इसमें हमारे सैनिकों की सुरक्षा वाले बैलिस्टिक हेलमेट की खरीद भी शामिल है.
इंडियन नेवी की ताकत को और बेहतर करने के उद्देश्य से इस प्रोपोज में बहुउद्देश्यीय पोतों, पोत-रोधी मिसाइलों और अन्य व्हिकल की खरीद शामिल है.
इंडियन एयरफोर्स की क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से मिसाइल सिस्टम की नई रेंज, लंबी दूरी के डायरेक्टर बम, उन्नत निगरानी प्रणाली आदि की खरीद को मंजूरी दी गयी है.
भारतीय तट रक्षक बल: साथ ही भारतीय तट रक्षक की क्षमता को बढ़ाने के लिए इस डील में एडवांस गश्ती जहाजों की खरीद को मंजूरी दी गयी है जिससे भारत की तटीय निगरानी क्षमता को मजबूती मिलेगी.
कैपिटल एक्वीजीशन प्रपोजल्स का महत्व:
हाल के घटनाक्रम को देखते हुए यह एक्वीजीशन प्रपोजल्स काफी मायने रखता है. चीन के साथ हाल में बोर्डर पर हुई झड़प को देखते हुए रक्षा विशेषज्ञों ने इस डील को और महत्वपूर्ण मान रहे है.
इस एक्वीजीशन प्रपोजल्स में 97.4 % की खरीद स्वदेशी माध्यम से की जा रही है जो आत्मनिर्भर भारत की अद्भुत क्षमता को दर्शाता है. साथ ही आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए इस तरह की डिफेन्स डील काफी मायनें रखती है.
डिफेन्स एक्वीजीशन काउंसिल:
आर्म्ड फोर्सेज की रक्षा जरूरतों की खरीद को पूरा करने के उद्देश्य से वर्ष 2001 में डिफेन्स एक्वीजीशन काउंसिल की स्थापना की गयी थी. DAC की अध्यक्षता देश के डिफेन्स मिनिस्टर द्वारा की जाती है. DAC डिफेन्स सेक्टर में एक्वीजीशन पर निर्णय लेने वाला सर्वोच्च निकाय है.
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