भारत में जल्द ही विनाशकारी समुद्री तूफान 'सुनामी' के तट तक पहुंचने के समय के बारे में पूर्वानुमान लगाना संभव हो सकेगा. इस पूर्वानुमान से जानमाल के नुकसान को काफी हद तक कम करने में मदद मिलेगी.
मॉडल से संबंधित मुख्य तथ्य:
• भूविज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत इंडियन नेशनल सेंटर फॉर ओशियन इंर्फोमेशन सर्विसेज (आईएनसीओआईएस) ने इस संबंध में एक तकनीक विकसित किया है.
• इस मॉडल से यह पूर्वानुमान लगाया जा सकेगा कि समुद्री पानी कितने समय बाद तट तक पहुंचेगा.
• यह देश की सुनामी त्वरित चेतावनी प्रणाली के तहत लेवल-3 का अलर्ट होगा.
• इस प्रणाली को वर्ष 2004 की घातक सुनामी के बाद शुरू किया गया था.
• लेवल-1 के तहत सुनामी की तीव्रता की जानकारी दी जाती है.
• लेवल- 2 में संभावित सुनामी और उसकी लहरों की ऊंचाई के बारे में जानकारी दी जाती है.
2004 की सुनामी |
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उद्देश्य:
समुद्री लहर को लेकर एक मॉडल तैयार किया गया है, जिससे यह भविष्यवाणी करने में मदद मिलेगी कि लहर भूमि पर कितनी दूर तक जाएगी. यह मॉडल अब इस उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.
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