Hindu rate of growth: जानें क्या है 'हिन्दू रेट ऑफ़ ग्रोथ' जिसका जिक्र RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने किया?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने हाल के अपने एक इंटरव्यू में कहा कि भारत की विकास दर 'हिन्दू रेट ऑफ़ ग्रोथ' (Hindu rate of growth) के बहुत करीब पहुँच गयी है. 'हिन्दू रेट ऑफ़ ग्रोथ' टर्म जीडीपी से सम्बंधित है.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने हाल के अपने एक इंटरव्यू में कहा कि भारत की विकास दर 'हिन्दू रेट ऑफ़ ग्रोथ' (Hindu rate of growth) के बहुत करीब पहुँच गयी है. 'हिन्दू रेट ऑफ़ ग्रोथ' टर्म जीडीपी से सम्बंधित है.
रघुराम राजन ने कहा कि निजी क्षेत्र में सीमित निवेश, उच्च ब्याज दर वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती के कारण भारत 'हिंदू विकास दर' के बेहद करीब आ गया है साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी राष्ट्रीय आय के नवीनतम आकड़ो का हवाला देते हुए कहा कि तिमाही वृद्धि में सुस्ती चिंता का विषय है.
क्या है 'हिन्दू रेट ऑफ़ ग्रोथ'?
'हिन्दू रेट ऑफ़ ग्रोथ' भारत की कम विकास दर को सूचित करने वाला एक टर्म है, जिसे सबसे पहले भारतीय अर्थशास्त्री राज कृष्ण (Raj Krishna) द्वारा दिया गया था. जिसका जिक्र उन्होंने वर्ष 1978 में अर्थव्यवस्था की धीमी वृद्धि के लिए किया था.
'हिंदू विकास दर' टर्म का उपयोग 1950 से 1980 के दशक तक कम भारतीय आर्थिक विकास दर को दर्शाने के लिए किया गया था जिसका औसत 4% था.
राजन ने इसका जिक्र क्यों किया?
रघुराम राजन ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में भारत के मौजूदा विकास दर के बारें में बात की, और वर्तमान विकास दर पर बात करते हुए 'हिंदू विकास दर' का जिक्र किया. वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय विकास पर, राजन ने कहा कि, ''मुझे चिंता है कि अगर हम पहले 5 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करते हैं तो हम भाग्यशाली होंगे''.
नवीनतम अक्टूबर-दिसंबर भारतीय सकल घरेलू उत्पाद संख्या (साल पहले पर 4.4 प्रतिशत और पिछली तिमाही के सापेक्ष 1 प्रतिशत) वर्ष की पहली छमाही में प्रमुख संख्या से धीमी वृद्धि को दर्शाती है.
चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में 6.3 प्रतिशत और पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 13.2 प्रतिशत से घटकर 4.4 प्रतिशत हो गया. जो 'हिंदू विकास दर' टर्म को सही साबित करता है.
रघुराम राजन ने आगे कहा कि आरबीआई ने इस वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही के लिए विकास का 4.2 प्रतिशत का अनुमान लगाया है. अक्टूबर-दिसंबर तिमाही की औसत वार्षिक वृद्धि 3 साल पहले इसी तरह की कोविड पूर्व तिमाही के सापेक्ष 3.7 प्रतिशत है.
पीएलआई योजना के बारें क्या कहा?
रघुराम राजन ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के बारे में एक सवाल के जवाब में, कहा कि कोई भी योजना जिसमें सरकार निवेश करती है, वह रोजगार पैदा करेगी.
रोजगार के बारें में बात करते हुए उन्होंने कहा कि, सरकार के आंकड़ों के अनुसार, प्रस्तावित निवेश का 15 प्रतिशत निवेश भारत में आया है लेकिन अनुमानित नौकरियों का केवल 3 प्रतिशत ही सृजित हुआ है.
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