Agni Prime Missile: न्यू जनरेशन परमाणु-सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि प्राइम (Agni Prime) का आज सफल परीक्षण ओडिशा के तट से किया गया है. अग्नि प्राइम मिसाइलों के अग्नि श्रेणी का एक नई पीढ़ी का उन्नत संस्करण है, जिसकी मारक क्षमता 1,000 से 2,000 किमी के बीच है. कई विशेषज्ञों का मानना है कि इस मिसाइल की उच्च सटीकता और गतिशीलता का इस्तेमाल विमानवाहक पोतों को निशाना बनाने के लिए किया जा सकता है.
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने आज सुबह इस अत्याधुनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया. परीक्षण उड़ान के दौरान, यह मिसाइल अपनी अधिकतम रेंज और सभी परीक्षण टास्क को सफलतापूर्वक पूरा किया. अग्नि प्राइम मिसाइल की तीन लगातार सफल उड़ान परीक्षण के साथ इस मिसाइल की प्रणाली-सटीकता और विश्वसनीयता स्थापित हो गयी है.
India successfully testfires Agni Prime new generation missile off Odisha Coast
— ANI Digital (@ani_digital) October 21, 2022
Read @ANI Story | https://t.co/U58A6CPkfw#AgniPrimeNewGenerationBallisticMissile #AgniPrime #missile pic.twitter.com/nlVfV8wQ4V
अग्नि प्राइम मिसाइल के बारें में:
- अपग्रेडेड वर्जन: अग्नि-प्राइम एक मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है. यह अग्नि- I और अग्नि- II मिसाइलों का अपग्रेडेड वर्जन है. जिसमें कई टेक्नोलॉजिक अपग्रेड किये गए है.
- इस मिसाइल का पहला परीक्षण जून 2021 में किया गया था. उसी वर्ष दिसंबर में दूसरी बार इसका परीक्षण किया गया था. यह एक दो चरण वाली ठोस प्रणोदक बैलिस्टिक मिसाइल है.
- हाई टेस्ट एक्यूरेसी: इस मिसाइल परीक्षण में अग्नि प्राइम मिसाइल की उच्च प्रणाली-सटीकता को मापने के लिए टर्मिनल बिंदु पर दो डाउन रेंज जहाजों सहित विभिन्न स्थानों पर तैनात रडार, टेलीमेट्री, और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम जैसे कई रेंज इंस्ट्रूमेंटेशन का उपयोग किया गया है.
- एडवांस टेक्नोलॉजी: इस नई मिसाइल में उन टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है जिसका प्रयोग अग्नि- IV और अग्नि-V परमाणु-सक्षम बैलिस्टिक मिसाइलों के विकास में किया गया है.
- मारक क्षमता: इस मिसाइल की मारक क्षमता 1,000-2,000 किलोमीटर के बीच है, जो पाकिस्तान में लक्ष्य पर हमला करने में भी सक्षम है. लेकिन चीन के पूर्वी शहर इसकी रेंज से बहार है.
- भार: अग्नि प्राइम का भार अग्नि-III से 50 फीसदी कम है और अग्नि सीरीज की मिसाइलों में सबसे हल्की मानी जा रही है.
- इस परमाणु सक्षम मिसाइल को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है.
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता:
'अग्नि प्राइम' का सफल परीक्षण अपने रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भारत के प्रयास को रेखांकित करता है. पीएम मोदी ने हाल ही में डेफएक्सपो 2022 के उद्घाटन समारोह में कहा था कि आठ वर्ष पहले भारत सबसे बड़ा रक्षा आयातक था लेकिन आज हम रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो रहे है.
इसे भी पढ़े
यूके की प्रधानमंत्री लिज़ ट्रस ने दिया इस्तीफा, जानें कौन है अगले पीएम की रेस में?
Comments
All Comments (0)
Join the conversation