संयुक्त राष्ट्र के हाल के डेटा के अनुसार भारत दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया है. संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी डेटा के अनुसार, भारत की आबादी 142.86 करोड़ तक पहुँच गयी है.
भारत अब आबादी के मामले में चीन को भी पीछे छोड़ दिया है. संयुक्त राष्ट्र विश्व जनसंख्या डैशबोर्ड के अनुसार, चीन की जनसंख्या 142.57 करोड़ है.
India surpasses China to become world's most populous nation with 142.86 crore people: UN
— Press Trust of India (@PTI_News) April 19, 2023
भारत में 15-64 साल की आबादी सबसे अधिक:
संयुक्त राष्ट्र के डेटा के अनुसार, भारत में 15-64 साल के बीच की आबादी सबसे अधिक 68% प्रतिशत है. यह रिपोर्ट '8 बिलियन लाइव्स, इनफाइनाइट पॉसिबिलिटीज़: द केस फॉर राइट्स ऐंड चॉइसेज़' के तहत जारी की गयी है. प्यू रिसर्च सेंटर (Pew Research Centre) के डेटा के अनुसार, 1950 के बाद से भारत की जनसंख्या में एक अरब से अधिक की वृद्धि हुई है.
इस रिपोर्ट के अनुसार भारत की आबादी एक साल में 1.56 फीसदी बढ़ी है. रिपोर्ट के अनुसार भारत की आबादी अब चीन के मुकाबले लगभग 29 लाख अधिक है.
संयुक्त राष्ट्र पॉपुलेशन प्रोस्पेक्टस - यहां देखें
In 2022, the world's population reached the 8 billion mark.
— United Nations (@UN) April 19, 2023
A new @UNFPA population report explores how becoming #8BillionStrong opens infinite possibilities & highlights the urgent need to safeguard reproductive rights & choices. https://t.co/sFarKx4v9T pic.twitter.com/UnY1cQ3ieM
संयुक्त राष्ट्र रिपोर्ट, हाइलाइट्स:
संयुक्त राष्ट्र के डेटा के अनुसार, 2023 के मध्य तक वैश्विक आबादी 8.045 अरब तक पहुँच जाएगी. अफ्रीका में भी आबादी के बढ़ने की प्रवृत्ति देखी जा रही है. साथ ही यह उम्मीद जताई जा रही है कि अफ्रीका महाद्वीप में 2100 तक जनसंख्या में 1.4 से 3.9 बिलियन की वृद्धि दर्ज होगी.
इस रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष चीन की आबादी 1960 के बाद पहली बार कम हुई है. गौरतलब है कि चीन ने 2016 में अपनी "वन-चाइल्ड पॉलिसी" को समाप्त कर दिया था.
चीन ने 1980 के दशक में अधिक आबादी के डर से 'वन-चाइल्ड पॉलिसी' को लागू किया था. चीन में जन्म दर कम होने और कार्यबल की उम्र बढ़ने के कारण जनसांख्यिकीय गिरावट देखी जा रही है.
इस रिपोर्ट के अनुसार, 10 मिलियन से अधिक आबादी वाले यूरोप के आठ देशों की जनसंख्या में, पिछले एक दशक में गिरावट देखी गयी है.
इस रिपोर्ट में जापान के बारें में भी चौकाने वाले आकड़े सामने आये है, जापान में 2011 और 2021 के बीच 30 लाख से अधिक लोगों की जान गयी है. इस रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि वैश्विक आबादी में केवल 2090 के दशक में गिरावट देखी जा सकेगी.
संयुक्त राष्ट्र की इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत में महिलाओं की औसत आयु 74 साल और पुरुषों की 71 साल है. जबकि चीन में महिलाओं की जीवन प्रत्याशा 82 साल और पुरुषों की 76 साल है.
UNFPA जनसंख्या संकेतक - यहां देखें
कैसे बढ़ रही वैश्विक आबादी?
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, भविष्य की जनसंख्या वृद्धि भविष्य की प्रजनन दर पर निर्भर करेगी. द वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रॉस्पेक्ट्स (2022) के अनुसार वैश्विक प्रजनन क्षमता 2021 में प्रति महिला 2.3 बच्चों से कम होकर 2050 में 2.1 हो जाएगी.
साथ ही इस रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व स्तर पर, जन्म के समय जीवन प्रत्याशा (Life expectancy) 2019 में 72.8 वर्ष से बढ़कर 2050 में 77.2 वर्ष होने की उम्मीद है.
वैसे तो अंतर्राष्ट्रीय प्रवास जन्म या मृत्यु की तुलना में जनसंख्या परिवर्तन में एक छोटा मानक है, लेकिन फिर भी कुछ देशों में आबादी के बढ़ने में प्रवासन एक प्रमुख कारण है.
UNFPA जनसंख्या रुझान - यहां देखें
Humanity becoming #8BillionStrong is a reminder of the world’s infinite possibilities and the urgent need to safeguard reproductive rights and choices.
— UN Geneva (@UNGeneva) April 19, 2023
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