मानव शरीर के अंगो में लिवर (यकृत) का भी एक प्रमुख स्थान है. लिवर भोजन पचाने में मदद के अलावा, हमारे शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यो में अहम भूमिका निभाता है.
लिवर के महत्व के बारें में जागरूकता फ़ैलाने के लिए विश्व भर में 19 अप्रैल को विश्व लिवर दिवस मनाया जाता है. यह दिवस यकृत से जुड़ी बीमारियों के बारें में लोगों को जागरूक करने के लिए प्रतिवर्ष मनाया जाता है.
Good health is a blessing that enriches our lives with happiness & vitality, allowing us to fully appreciate every moment. And our liver plays an important role in our overall health & body functions. #WorldLiverDay reminds us to get regular liver check-ups and take care of our… pic.twitter.com/mC0iMQznUq
— Honeypreet Insan (@insan_honey) April 19, 2023
लिवर डे थीम 2023:
लिवर दिवस 2023 का थीम फैटी लिवर के बारें में लोगों को जागरूक करने पर आधारित है. इस वर्ष का थीम 'सतर्क रहें, लिवर की नियमित जांच कराएं, फैटी लिवर किसी को भी प्रभावित कर सकता है' (Be Vigilant, Do Regular Liver Check-Up, Fatty Liver Can Affect Anyone) है.
लिवर डे का महत्व:
आधुनिक मानव स्वास्थ्य चुनौतियों को देखते हुए इस दिवस का महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है. सम्पूर्ण विश्व आज के समय में लिवर से जुड़ी बिमारियों का सामना कर रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में मृत्यु का 10वां सबसे आम कारण लिवर से जुड़ी बीमारियां है.
ऐसे में यह दिवस लोगों को लिवर से जुड़ी बिमारियों के बारें में जागरूक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है. साथ ही लोगों को लिवर से जुड़े जागरुकता अभियानों में भाग लेने की लिए प्रेरित करता है.
फैटी लिवर के बारें में जागरूकता:
आज की भाग दौड़ की दुनिया में मानव अपने शरीर का विशेष ध्यान नहीं रख पा रहा है और बाहर की तली और फैटी चीजों को खाने के लिए मजबूर हो गया है. फैटी लिवर आज के समय में एक चिंता का विषय बना हुआ है.
वैसे तो लिवर के लिए कुछ मात्रा में वसा की आवश्यकता होती, और वसा की 5% से अधिक मात्रा लिवर के लिए घातक हो सकता है. एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 40% लोगों में नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर पाया जाता है.
साथ ही लोग प्रारंभिक अवस्था में लक्षणों की कमी के कारण इससे अनजान रहते है. लेकिन यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि शरीर के अन्य अंगो की तरह लिवर का भी ध्यान रखा जाये.
फैटी लिवर के नुकसान:
फैटी लिवर या वसायुक्त यकृत रोग इंसुलिन प्रतिरोधकता को बढ़ा सकता है, जिससे शरीर में अतिरिक्त इंसुलिन का निर्माण होने लगता है. शरीर में इंसुलिन के अधिक निर्माण से एसेंथोसिस नाइग्रिकन्स नामक स्थिति पैदा होने लगती है. इस स्थिति में त्वचा, जैसे गर्दन पर कालापन हो सकता है.
फैटी लिवर के कारण रोसैसिया (Rosacea) की स्थिति पैदा हो सकती है, जो छोटी लाल रक्त वाहिकाओं या चेहरे पर सफेद बम्प्स (white bumps) का कारण बन सकती है. अतः हमें ऐसे रोगों से बचने के लिए अपने लिवर का ध्यान रखना बेहद जरुरी है.
लिवर को कैसे स्वस्थ रखें?
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हमें अपने लिवर पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. संतुलित और पौष्टिक आहार आदि हमारे लिवर को स्वस्थ रख सकते है.
साथ ही लोगों को शराब और नशीली दवाओं से परहेज करना चाहिए, क्योंकि ये पदार्थ हमारें लिवर को प्रभावित कर सकते है. साथ ही लोगों को नियमित एक्सरसाइज करनी चाहिए जिससे हमारे शरीर के सभी अंग अच्छे से कार्य करते रहे.
साथ ही लिवर की बीमारी का जल्द पता लगाने के लिए नियमित चेक-अप और स्क्रीनिंग करवाना भी जरुरी है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई गयी सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है.
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