Surya Grahan 2023: इस साल का पहला सूर्य ग्रहण इस महीने की 20 तारीख को दिखाई देगा. खगोलशास्त्रियों का मानना है कि यह सूर्य ग्रहण 100 साल में पहली बार लगने जा रहा है जो अपने आप में एक अनोखा सूर्य ग्रहण है.
वैसे तो सामान्य सूर्य ग्रहण लगते रहते है, लेकिन यह अपने आप में बेहद खास खगोलीय घटना है. इसे हाइब्रिड सूर्यग्रहण कहा जा रहा है. यह हाइब्रिड सूर्यग्रहण प्रशांत और हिन्द महासागर के कुछ क्षेत्रों में 20 अप्रैल को दिखाई देगा. आइए जानते हैं कि हाइब्रिड सूर्यग्रहण क्या है और यह सामान्य सूर्य ग्रहण से कैसे अलग है.
इस वर्ष दो चंद्र ग्रहण और दो सूर्य ग्रहण दिखाई देने वाले है. निंगालू ग्रहण (Ningaloo Eclipse) एक "हाइब्रिड" सूर्य ग्रहण है. यह खगोलीय घटना, साल के पहले सूर्य ग्रहण के रूप में हिन्दू महीने के वैशाख अमावस्या के दिन को चिन्हित करेगी.
Solar eclipse 19-20.4 2023 .a special important day for the dark cults👌 pic.twitter.com/g1oarXzZMH
— nikola 3 (@ronin19217435) April 18, 2023
'हाइब्रिड' सूर्य ग्रहण क्या है?
'हाइब्रिड' सूर्य ग्रहण एक अलग प्रकार का सूर्य ग्रहण है, जो सामान्य सूर्य ग्रहण से अलग है. इसके नाम की उत्पत्ति 'निंगालू' ऑस्ट्रेलियाई तटरेखा निंगालू के नाम से प्रेरित है. इसकी आंशिक दृश्यता के कारण इसे यह नाम दिया गया है.
'हाइब्रिड' सूर्य ग्रहण के दौरान, पृथ्वी का कर्वेचर, ग्रहण के मार्ग का कुछ भाग, चंद्रमा के 'अम्ब्रा' (छाया-Umbra) तक लाता है जिससे पूर्ण सूर्य ग्रहण की स्थित बनती है, जबकि अन्य हिस्से के, अम्ब्रा के पहुँच के बाहर होने से वलयाकार (Annular) सूर्यग्रहण की स्थिति बनती है. जिस कारण इस प्रकार के सूर्य ग्रहण को 'हाइब्रिड' सूर्य ग्रहण कहते है.
क्या भारत में दिखेगा यह सूर्यग्रहण?
हम अगर भारत की बात करें तो यह 'हाइब्रिड' सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा. यह केवल पूर्व और दक्षिण एशिया, प्रशांत महासागर और हिंद महासागर के कुछ क्षेत्रों में दिखाई देगा.
कब दिखाई देगा 'हाइब्रिड' सूर्य ग्रहण ?
यह 'हाइब्रिड' सूर्य ग्रहण दुनिया में हर जगह दिखाई नहीं देगा. यह ऑस्ट्रेलिया, पूर्व और दक्षिण एशिया, प्रशांत महासागर, अंटार्कटिका और हिंद महासागर के क्षेत्रों में दिखाई देगा. इसके हिस्से के रूप में पूर्ण सूर्य ग्रहण केवल ऑस्ट्रेलिया के पश्चिमी तट के कुछ हिस्सों में ही दिखाई देगा. निंगलू हाइब्रिड सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा.
भारतीय ज्योतिषीय कैलेंडर के अनुसार, यह ग्रहण 20 अप्रैल को सुबह 7:04 से शुरू होकर 5 घंटे 24 मिनट तक रहेगा और दोपहर 12:29 पर समाप्त होगा.
'हाइब्रिड' सूर्य ग्रहण को कैसे देखा जा सकेगा?
वर्ष 2023 में दो चंद्र ग्रहण और दो सूर्य ग्रहण को मिलाकर कुल चार ग्रहण दिखाई देने वाले है. सूर्य ग्रहण देखते समय बहुत ही सावधानी बरतने की आवश्कता होती है क्योंकि ये खगोलीय घटनाएँ सीधे तौर पर आँखों को नुकसान पहुँचा सकती है.
इन ग्रहण को देखने के लिए नासा, 14-शेडेड वेल्डिंग ग्लास, ब्लैक पॉलीमर या एल्युमिनाइज्ड माइलर जैसे फिल्टर का उपयोग करने की सलाह देता है. सूर्य ग्रहण को देखने के लिए अन्य विकल्प के रूप में दूरबीन या टेलीस्कोप का भी उपयोग किया जा सकता है.
2023 में अगला सूर्य ग्रहण कब है?
वर्ष 2023 में अगला सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को पड़ेगा, जबकि साल के दो चंद्र ग्रहण 5-6 मई और 28-29 अक्टूबर को देखने को मिलेगा.
सूर्य ग्रहण के प्रकार:
जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है और सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक नहीं पहुँच पाता, जिस कारण पृथ्वी के कुछ हिस्से पर दिन में ही अँधेरा छा जाता है तो इस स्थिति को सूर्य ग्रहण कहा जाता है.
सूर्य ग्रहण तीन प्रकार के होते है, जिसमें पूर्ण सूर्य ग्रहण, आंशिक सूर्य ग्रहण और वलयाकार सूर्य ग्रहण शामिल है. इस बार के सूर्य ग्रहण को 'हाइब्रिड' सूर्य ग्रहण कहा जा रहा है जो इन सबसे अलग है.
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