भारतीय वायुसेना की बढ़ी ताकत, सुखोई लड़ाकू विमान से ब्रह्मोस मिसाइल का किया सफल परीक्षण
केंद्र सरकार ने साल 2016 में ब्रह्मोस के हवा से मार करने में सक्षम संस्करण को 40 से अधिक सुखोई लड़ाकू विमानों में जोड़ने का निर्णय किया था.

भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने 19 अप्रैल 2022 को सुखोई लड़ाकू विमान से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया. भारतीय वायुसेना ने कहा कि मिसाइल का परीक्षण भारतीय नौसेना के साथ निकट समन्वय में किया गया. ये परीक्षण पूर्वी समुद्री तट पर सुखोई विमान से किया गया है.
भारतीय नौसेना ने इस परीक्षण के दौरान वायुसेना का पूरा साथ दिया. इसकी जानकारी वायुसेना ने एक ट्वीट कर दी है. वायुसेना ने ट्वीट में कहा कि आज पूर्वी तट पर वायुसेना ने सुखोई 30 विमान से ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया. मिसाइल ने सेवा मुक्त जहाज पर पर सटीक निशाना साधा.
Today on the Eastern seaboard, #IAF undertook live firing of #BrahMos missile from a Su30 MkI aircraft.
— Indian Air Force (@IAF_MCC) April 19, 2022
The missile achieved a direct hit on the target, a decommissioned #IndianNavy ship.
The mission was undertaken in close coordination with @indiannavy. pic.twitter.com/UpCZ3vJkZb
स्ट्राइक क्षमता का प्रदर्शन
ब्रह्मोस मिसाइल ने लक्ष्य के तहत भारतीय नौसेना के सेवामुक्त हो चुके जहाज पर सीधा अटैक किया. यह परीक्षण भारतीय नौसेना के साथ निकट समन्वय में हुआ. इस फायरिंग ने एक बार फिर फ्रंटलाइन प्लेटफॉर्म से एकीकृत नेटवर्क-केंद्रित संचालन के सत्यापन के साथ-साथ ब्रह्मोस मिसाइल की लंबी दूरी की स्ट्राइक क्षमता का प्रदर्शन किया.
#WATCH Successful maiden BrahMos firing by INS Delhi from an upgraded modular launcher once again demonstrated long range strike capability of BrahMos along with validation of integrated network-centric operations from frontline platforms. pic.twitter.com/nZvG3Q2qhg
— ANI (@ANI) April 19, 2022
इतने सुखोई लड़ाकू विमानों से जोड़ा गया
केंद्र सरकार ने साल 2016 में ब्रह्मोस के हवा से मार करने में सक्षम संस्करण को 40 से अधिक सुखोई लड़ाकू विमानों में जोड़ने का निर्णय किया था. इस परियोजना की कल्पना समुद्र या जमीन पर किसी भी लक्ष्य पर बड़े ‘स्टैंड-ऑफ रेंज’ से हमला करने की भारतीय वायुसेना की क्षमता को बढ़ाने हेतु की गई थी.
भारतीय नौसेना ने 05 मार्च 2022 को हिंद महासागर में एक स्टील्थ विध्वंसक पोत से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के उन्नत संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण स्टील्थ विध्वंसक आईएनएस चेन्नई से किया गया था.
ब्रह्मोस मिसाइल की खासियत
ब्रह्मोस एयरोस्पेस भारत एवं रूस का संयुक्त उपक्रम है, जो सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का उत्पादन करता है. इन मिसाइलों को पनडुब्बियों, जहाजों, विमानों तथा जमीन से लॉन्च किया जा सकता है.
ब्रह्मोस मिसाइल 2.8 मैक या ध्वनि की गति से करीब-करीब तीन गुना की गति से उड़ान भरती है. मिसाइल के एडवांस वर्जन की सीमा को 290 किमी से लगभग 350 किलोमीटर तक बढ़ा दिया गया है.
ब्रह्मोस मिसाइल हवा में ही अपना मार्ग बदलने में सक्षम है. यह चलते-फिरते टारगेट को भी ध्वस्त कर सकता है. बता दें यह मिसाइल 1200 यूनिट की ऊर्जा पैदा करती है, जो किसी भी बड़े टारगेट को मिट्टी में मिला सकता है.
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