भारतीय रेलवे द्वारा जून 2018 में भारत की अब तक की सबसे तेज़ चलने वाली ट्रेन आरंभ किये जाने की घोषणा की गयी है. इस हाई स्पीड ट्रेन को ‘ट्रेन-18’ का नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि यह 2018 में लॉन्च की जा रही है.
भारतीय रेलवे की यह बड़ी उपलब्धि होगी क्योंकि ट्रेन-18 की सफलता भारत में नये मानकों की स्थापना हेतु मानदंड स्थापित कर सकती है. भारतीय रेलवे द्वारा पटरी पर उतारी जा रही ट्रेन-18 को बिना इंजन वाली ट्रेन भी कहा जा रहा है.
ट्रेन-18 की विशेषताएं
• इस ट्रेन की सबसे बड़ी विशेषता यही है कि इसमें लोकोमोटिव इंजन नहीं होगा.
• इसके स्थान पर ट्रेन के हर कोच में ट्रेक्शन मोटर्स लगे होंगे, जिनकी मदद से सभी कोच पटरियों पर दौड़ेंगे.
• इसकी एक अन्य खासियत यह है कि यह ट्रेन स्टील की बनी है और यह कंपनरहित है.
• ट्रेन-18 पूरी तरह से स्वदेशी ट्रेन है. इसके सभी डिब्बों का पूरा निर्माण भारत में ही हुआ है.
• इस ट्रेन में ड्राइवर का केबिन ट्रेन के दोनों छोरों पर होगा, इसका अर्थ है कि यह ट्रेन एक ही पटरी पर आगे-पीछे दोनों दिशाओं में चल सकती है.
• इसमें ट्रेन की दिशा बदलने के लिए इंजन नहीं बदलना होगा. इस ट्रेन के हर कोच में ट्रेक्शन मोटर्स लगे होंगे, जिसके कारण यह तेजी से पटरी पर दौड़ेगी.
• शताब्दी ट्रेनों की कोचों की तरह ही ट्रेन-18 में भी सेकेंड क्लास और प्रीमियम फर्स्ट क्लास होगा.
• दोनों ही तरह के कोचों में ऑटोमेटिक दरवाजे होंगे और मनोरंजन के लिए वाई-फाई की सुविधा होगी.
• ट्रेन 18 शताब्दी ट्रेनों को और ट्रेन 20 राजधानी ट्रेन को रिप्लेस करेगी.
• मीडिया में प्रकाशित समाचारों के मुताबिक ट्रेन 18 के प्रत्येक कोच के निर्माण में 2.50 करोड़ रुपए का खर्च आ रहा है तो वहीं ट्रेन 20 के प्रत्येक कोच के निर्माण में 5.50 करोड़ रुपए का खर्च आएगा.
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भारतीय रेलवे
भारतीय रेल (आईआर) एशिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क तथा एकल सरकारी स्वामित्व वाला विश्व का दूसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. यह 160 वर्षों से भी अधिक समय तक भारत के परिवहन क्षेत्र का मुख्य घटक रहा है. यह विश्व का सबसे बड़ा नियोक्ता है, जिसके 13 लाख से भी अधिक कर्मचारी हैं. यह न केवल देश की मूल संरचनात्मसक आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है अपितु बिखरे हुए क्षेत्रों को एक साथ जोड़ने में और देश राष्ट्रीय अखंडता का भी संवर्धन करता है. राष्ट्रीय आपात स्थिति के दौरान आपदाग्रस्त क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने में भारतीय रेलवे अग्रणी रहा है.
भारत में रेल का आरम्भ 1853 में अंग्रेजों द्वारा अपनी प्राशासनिक सुविधा के लिये किया गया था परंतु आज भारत के ज्यादातर हिस्सों में रेलवे का जाल बिछा हुआ है और रेल, परिवहन का सस्ता और मुख्य साधन बन चुकी है. सन् 1853 में बहुत ही मामूली शुरूआत से पहली अप ट्रेन ने मुंबई से थाणे तक (34 कि॰मी॰ की दूरी) की दूरी तय की थी, अब भारतीय रेल विशाल नेटवर्क में विकसित हो चुका है.
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