स्पाइस जेट ने भारत में पहली बायो-फ्यूल फ्लाइट का सफल परीक्षण किया

Aug 27, 2018, 15:26 IST

स्पाइसजेट का चयन इसलिए किया गया क्योंकि उसके विमानों में बायोफ्यूल को इस्तेमाल करने वाले इंजन लगे हैं. विमान ने सफलतापूर्वक सामान्य टेक-ऑफ और लैंडिंग की.

Indias first biofuel flight successfully operated by SpiceJet
Indias first biofuel flight successfully operated by SpiceJet

स्पाइसजेट के विमान ने 27 अगस्त 2018 को बायोफ्यूल के इस्तेमाल से देहरादून से दिल्ली तक उड़ान भरी. मीडिया में प्रकाशित जानकारी के अनुसार, स्पाइसजेट के विमान क्यू-400 को देहरादून में ही एक दिन पहले 10 मिनट तक बायो-फ्यूल के साथ उड़ाया गया. इस उड़ान के बाद इसे बायो-फ्यूल द्वारा ही देहरादून से दिल्ली तक लाया गया.

यह भारत में बायोफ्यूल से उड़ने वाली पहली फ्लाइट है. अभी तक केवल अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे विकसित देशों में यह प्रयोग सफल रहा है. काउंसिल ऑफ़ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च के तहत देहरादून में संचालित इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ पेट्रोलियम ने 400 किलोग्राम बायो जेट फ्यूल तैयार किया है. यह बायो-फ्यूल जेट्रोफा पौधे से तैयार किया गया है.

बायो-फ्यूल फ्लाइट

•    छत्तीसगढ़ में 500 किसानों से जेट्रोफा के दो टन बीज लिए गए, जिनसे 400 लीटर फ्यूल बनाया गया.

•    परीक्षण के समय विमान में 300 लीटर बायोफ्यूल के साथ 900 लीटर एटीएफ विमान के दाहिने विंग में भरा गया बाएं विंग में 1200 लीटर एटीएफ इमरजेंसी के लिए रखा गया.

•    बायो-फ्यूल पर काम कर रहे अधिकारियों ने इस उड़ान के दौरान विमान में सफर किया.

•    विमान ने सफलतापूर्वक सामान्य टेक-ऑफ और लैंडिंग की.

•    स्पाइसजेट का चयन इसलिए किया गया क्योंकि उसके विमानों में बायोफ्यूल को इस्तेमाल करने वाले इंजन लगे हैं.

जेट्रोफा से बायो-फ्यूल

जेट्रोफा को भारत में पहले जंगली अरण्डी के नाम से भी जाना जाता था. इसकी उपयोगिता एवं महत्व की जानकारी के अभाव में इसकी व्यापारिक तौर पर खेती नहीं की जा रही थी. विगत वर्षों से इसका उपयोग बायोडीजल के रूप में होने के कारण यह केरोसिन तेल, डीजल, कोयला,  लौनी लकड़ी के विकल्प के रूप में उभरा है. जेट्रोफा के तेल से बने डीजल में सल्फर की मात्रा बहुत ही कम होने के कारण इसको बायो-डीजल की श्रेणी में रखा गया है.

भारतीय रेल, दिल्ली से अमृतसर तक जेट्रोफा बायोडीज़ल (5 प्रतिशत मिश्रित) से शताब्दी एक्सप्रेस चलाकर तथा महिंद्रा एंड महिंद्रा कम्पनी अपने ट्रेक्टरों में बायोडीजल का प्रयोग सफलता पूर्वक कर चुका है. जेट्रोफा बायोफ्यूल के जहां बहुद्देशीय लाभ हैं वहीं इसके तेल का उपयोग करने से प्रर्यावरण प्रदूषण में कमी आती है.


क्या लाभ होगा?

•    भारत में विमानों में यदि बायोफ्यूल का उपयोग होने लगे तो प्रत्येक वर्ष 4000 टन कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन कम होगा.

•    पारंपरिक ईंधन की तुलना में ऑपरेटिंग लागत भी 17% से 20% तक कम हो जाएगी.

•    भारत में बायोफ्यूल के आयात पर निर्भरता कम होगी. वर्ष 2013 में 38 करोड़ लीटर बायोफ्यूल की आयात हुआ, जो 2017 में 141 करोड़ लीटर तक पहुंचा.

•    कुल कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन में हवाई परिवहन की भूमिका 2.5% है, जो अगले 30 साल में 4 गुना तक बढ़ सकती है. बायोफ्यूल से इस उत्सर्जन में कमी आएगी.

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
... Read More

यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे, डिफेन्स और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नवीनतम दैनिक, साप्ताहिक और मासिक करेंट अफेयर्स और अपडेटेड जीके हिंदी में यहां देख और पढ़ सकते है! जागरण जोश करेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें!

एग्जाम की तैयारी के लिए ऐप पर वीकली टेस्ट लें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। डाउनलोड करें करेंट अफेयर्स ऐप

AndroidIOS

Trending

Latest Education News