Iran ousted from UN women’s body: ईरान में चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच, महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों के विपरीत नीतियों के लिए ईरान को संयुक्त राष्ट्र महिला निकाय (Commission on the Status of Women-CSW) से बाहर कर दिया गया है.
ईरान में हाल के घटनाक्रम को देखते हुए जिसमें एक युवती की मौत के विरोध में तेहरान में हुई कार्रवाई के बाद यह प्रस्ताव लाया गया था. संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा प्रस्तावित एक कदम के बाद वोटिंग के माध्यम से यह निर्णय लिया गया.
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत, लिंडा थॉमस-ग्रीनफ़ील्ड (Linda Thomas-Greenfield) ने वोट से पहले 'संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद' (ECOSOC) को बताया कि ईरान को हटाना सही काम था, उन्होंने तेहरान की मेम्बरशिप को "आयोग की विश्वसनीयता पर बदसूरत दाग" के रूप में वर्णित किया.
India abstains at UN vote put up by US to remove Iran from UN commission on the status of women. Iran removed from the body as 29 countries vote on favour. Only 8 voted against -Russia, China, Zimbabwe, Bolivia, Oman, Nigeria, Nicaragua & Kazakhstan. https://t.co/TnxqRVh35U
— Sidhant Sibal (@sidhant) December 14, 2022
'ECOSOC' की बैठक में लिया गया फैसला:
महिलाओं की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र आयोग (CSW) से ईरान को हटाने के लिए हुए मतदान में भारत ने भाग नहीं लिया. ईरानी युवती महसा अमिनी की मौत के बाद, एक अमेरिकी प्रस्ताव पर वोटिंग के माध्यम से यह निर्णय लिया गया.
इस प्रस्ताव में ईरान में महिलाओं की स्थिति को लेकर सवाल किये गये और ईरान को तत्काल प्रभाव से हटाने का प्रपोजल दिया गया गया जो पास भी हो गया. इस प्रस्ताव के पक्ष में 29 देशों ने वोट किया, 08 ने इसके विरोध में और 16 ने वोटिंग में भाग नहीं लिया.
भारत ने क्या स्टैंड लिया?
'CSW' से ईरान को हटाने के लिए अमेरिका द्वारा रखे गए संयुक्त राष्ट्र के वोटिंग में भारत ने भाग नहीं लिया और वोटिंग में अनुपस्थित रहा. केवल 8 देशों रूस, चीन, जिम्बाब्वे, बोलीविया, ओमान, नाइजीरिया, निकारागुआ और कजाकिस्तान ने इस प्रस्ताव के विरोध में वोट किया.
संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद:
संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC) संयुक्त राष्ट्र के छह प्रमुख संस्थाओं में से एक है. इसकी स्थापना 26 जून 1945 में की गयी थी. वर्तमान में इसमें 54 सदस्य देश है. ECOSOC के पहले प्रेसिडेंट रामास्वामी मुदलियार एक इंडियन थे. इसकी स्थापना सदस्य देशों के मध्य आपसी बातचीत, नवाचारी सोच और विकास के लिए सहयोग देने के लिए किया गया है.
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