राजनीतिक दलों को मिल सकेगा विदेशी चंदा, FCRA संशोधन विधेयक पारित

इस पूर्व प्रभावी संशोधन के बाद राजनीतिक दलों को 2014 के दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले से राहत मिल जाएगी जिसमें इन दोनों ही पार्टियों को FCRA का उल्लंघन करने का दोषी माना गया था.

Mar 19, 2018, 10:42 IST
Lok Sabha Passes Amendment Exempting Scrutiny Of Foreign Poll Funding
Lok Sabha Passes Amendment Exempting Scrutiny Of Foreign Poll Funding

लोकसभा ने फॉरन कॉन्ट्रिब्यूशन (रेग्युलेशन) एक्ट-2010 (FCRA) में संशोधन को पारित किया. यह एक्ट विदेशी कॉरपोरेशन को राजनीतिक दलों को फंडिंग करने से रोकता है. इसके तहत अब राजनीतिक पार्टियों को वर्ष 1976 से अब तक मिले विदेशी चंदे की जांच नहीं हो सकेगी.

FCRA में संशोधन

•    केंद्र सरकार ने फाइनैंस बिल 2016 के तहत FCRA में भी संशोधन किया है जिससे अब राजनीतिक दल आसानी से विदेशी चंदा ले सकेंगे.

•    सरकार ने यह संशोधन भी किया है कि 1976 से अब तक पार्टियों को दिए गए फंड की जांच नहीं की जा सकती है.

•    इस पूर्व प्रभावी संशोधन के बाद राजनीतिक दलों को 2014 के दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले से राहत मिल जाएगी जिसमें इन दोनों ही पार्टियों को FCRA का उल्लंघन करने का दोषी माना गया था.

•    इसके अनुसार, ‘वित्त अधिनियम, 2016 की धारा 236 के पहले पैराग्राफ में 26 सितंबर 2010 के शब्दों और आंकड़ों के स्थान पांच अगस्त 1976 शब्द और आंकड़े पढ़े जायेंगे.'

 

FCRA क्या है?

फॉरन कॉन्ट्रिब्यूशन (रेग्युलेशन) एक्ट-2010 (FCRA) को वर्ष 1976 में पास किया गया था जिसमें यह कहा गया था कि ऐसी भारतीय या विदेशी कंपनियां जो विदेश में रजिस्टर्ड हैं राजनीतिक पार्टियों को चंदा नहीं दे सकतीं. हालांकि इस बिल को बाद में FCRA, 2010 के जरिए निरस्त कर दिया गया था.

मौजूदा सरकार ने वित्त विधेयक, 2016 में विदेशी कंपनी की यह कहते हुए परिभाषा बदल दी है कि जिस कंपनी में 50 प्रतिशत से कम विदेशी कैपिटल होगा उसे विदेशी कंपनी नहीं माना जाएगा. यह संशोधन सितंबर 2010 से लागू माना जाएगा.

प्रभाव
दिल्ली हाई कोर्ट ने वर्ष 2014 में भाजपा तथा कांग्रेस दोनों ही दलों को विदेशी चंदे से संबंधित एफसीआरए के प्रावधानों के उल्लंघन का दोषी करार दिया था. हाई कोर्ट के इस आदेश को दोनों ही पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी लेकिन एफसीआरए में ताजा संशोधन के पारित होते ही दोनों दलों ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ शीर्ष न्यायालय में दाखिल अपनी याचिकाओं को वापस ले लिया. आने वाले समय में राजनीतिक दलों को विदेशी कम्पनियों से चंदा मिल सकेगा तथा उनकी जांच भी नहीं होगी.

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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